बिहार ब्रेकिंग-सुमित कुमार-बेगूसराय
मेरा धन मेरे परिवार के लिये नहीं है। मै गरीब निस्सहाय समाज और देश के लिये हर संभव प्रयास करूंगा कि सभी सुखी रहे किसी की तकलीफ को सुन कर बड़ा दुख होता है। उक्त बातें तेघड़ा प्रखंड के ताजपुर अपने गृह क्षेत्र में अप्रवासी भारतीय रामभूषण कुवंर ने कहीं। उन्होंने कहा कि मै समाज के लिये कुछ करना चाहता हूँ। जब मै बिहार के बेगूसराय के एक गांव ताजपुर में था तो दो हज़ार रूपया मेरे पास नहीं होता था। आज मुझे भी नहीं मालूम है कि मेरे पास कितना धन है। अगर कुछ करने का जज़्बा होगा तो आगे बढ़ने से कोई भी रोक नहीं सकता।विदेश में रहने के बाद भी अपने देश की भाषा और संस्कृति को नहीं भुला हूँ और भारत के लोगों को लिये सहायता करने के हमेशा आगे आता रहूँगा। ताजपुर में आयोजित सुन्दर काण्ड के के पाठ के दौरान उन्होंने लोगों से मिलकर हाल चाल पूछा और अपनी माता 95 वर्षीय जया देवी के साथ भारतीय ग्रंथ रामायण जी की आरती की।
बताते चलें कि अप्रवासी भारतीय रामभूषण कुवंर बेगूसराय से पंजाब गये थे काम के सिलसिले में उसके बाद उन्होंने पीछे नहीं देखे और बिजनेस में आगे बढते रहे और अमेरिका के कईं जगहों में आपना कारोवार जमाया। उन्हें बिहार के पर्व खूब याद आते हैं और गांव जवार के लोगों के लिये छठ पूजा की के अवसर पर दूध फल का वितरण कर पर्व में सहयोग करते हैं। गरीब परिवार के लड़की की शादी में हर संभव मदद करने में पीछे नहीं हटते। गांव की स्कूल की व्यवस्था को देखते हुये उन्हें ने प्राथमिक विद्यालय ताजपुर को भवन बनाने के लिये तीन लाख रूपये की चेंक सौंपा और भवन निर्माण में और रुपया देने का वादा किया। रामभूषण कुवंर के दो पुत्र और दो पुत्री है जो अमेरिका कैलीफोर्निया में रहकर एक पुत्र और एक पुत्री बिजनेस करता है वही एक पुत्र और एक पुत्री पढाई करते हैं। और भारतीय संस्कृति के विदेश में रहकर नहीं भूले है। उन्होंने कहा कि सोच और मेहनत के बल पर इन्सान आगे बढ सकता है। सुन्दर काण्ड में कथाकार कैलाश महाराज ने लोगों को कथा में झुमाया। साथ ही कथा के दौरान गरीब निस्सहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण किया गया।