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देेेश के जाने माने प्लेबैक सिंगर मो अजीज का मंगलवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। मो अजीज के निधन से न सिर्फ भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री बल्कि भारत समेत विश्व के उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गयी। मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात कोलकाता में एक प्रोग्राम में भाग लेने के बाद मो अजीज मंगलवार को सुबह ग्यारह बजे के करीब मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे जहां से घर जाते वक्त उन्हें कुछ तकलीफ हुई जिसके बाद उन्होंने ड्राइवर को बताया। ततपश्चात उन्हें नानावटी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
मो अजीज का जन्म 2 जुलाई 1954 को पश्चिम बंगाल के नार्थ 24 परगना जिले के गूमा में हुआ था। वे बचपन से गायकी के शौकीन थे। मो अजीज के बचपन का नाम था सैयद मोहम्मद अजीज उन नबी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता के एक रेस्टोरेंट में गायक के तौर पर की थी। जिसके बाद म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक ने उन्हें पहला मौका ‘मर्द तांगेवाला’ गीत के लिए दिया। जिसे लोगों ने शब्बीर कुमार का गीत समझ कर खूब सराहा और मो अजीज बॉलीवुड में प्रसिद्ध हो गए। मो अजीज 1984 में मुंबई आ गए और यहां उन्होंने अपने कैरियर को संभालते हुए नाम भी कमाए। मो अजीज ने बॉलीवुड के साथ साथ बंगाली और ओड़िया में भी कई गीत गाये जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। मो अजीज को लोग दूसरा मो रफी भी कहते थे। ‘तेरी बेवफाई का शिकवा करूं तो’, ‘मितवा भूल न जाना’, ‘लाल दुपट्टा मलमल का’, ‘तेरा गम अगर न होता’ समेत हजारों गाने गाए जो आज भी श्रोताओं के दिलों पर राज करता है।
मो अजीज गीतों के लिए तो मशहूर थे ही साथ ही साथ अपने कुशल और शालीन व्यवहार के लिए भी मशहूर थे। बिहार के जाने माने वायलिन प्लेयर और ग़ज़ल गायक राजेश जायसवाल ने मो. अज़ीज़ के साथ पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मो. रफ़ी के बाद समकालीन गायकों में उनका कोई मुकाबला नहीं था, काफी हंसमुख मिजाज़ के अज़ीज़ हमेशा छोटी गलतियों पर भी गंभीर रहते और अपने सहकर्मियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहते थे, उनकी कमी को भरा नहीं जा सकता।