
बिहार ब्रेकिंगः बिहार में क्रिकेट और क्रिकेटरों के दिन बहुरेंगे। यह उम्मीद अब जरूर जगने लगी है। लगभग दो दशक की निराशा, हताशा सबकुछ अब खत्म हो चुका है। बिहार के क्रिकेटरों को भी उन सपनों को देखने का और उसे पूरा करने की कवायद में जुटने का अधिकार मिल गया है जो दूसरे राज्यों के क्रिकेटर देखते हैं। 22 सालों बाद आज बिहार रणजी मैच खेलेगा। आज बिहार की टीम पटना के ऐतिहासिक मोइन-उल-हक स्टेडियम में सिक्किम की रणजी टीम से भिड़ेगी. बिहार टीम की कप्तानी बाबुल कुमार करेंगे. इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहेंगे.

बिहार की टीम ने 22 साल बाद फिर रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में वापसी कर ली है. पटना के क्रिकेट प्रेमी लंबे समय के बाद मोइन-उल-हक स्टेडियम में प्रथम श्रेणी क्रिकेट का आनंद ले सकेंगे. ये मैच 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक इस स्टेडियम में होगी. इस स्टेडियम में चार मैचों होंगे. जिनमें बिहार की टीम चार अलग-अलग टीमों से भिड़ेगी.बता दें कि साल 2000 में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद की शुरुआत हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल की सरकार के समय बिहार क्रिकेट संघ पर जब लालू प्रसाद यादव का वर्चस्व बढ़ा, तब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ विवाद शुरू हुआ और क्रिकेट की दुनिया में आधिकारिक रूप से बिहार की मान्यता ठब्ब्प् ने वर्ष 2002 में रद्द कर दी. गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को फिर से मान्यता दी. इसके बाद बिहार के रणजी खेलने का रास्ता साफ हो गया है और अब यह उम्मीद भी जगी है कि बिहार में क्रिकेट और क्रिकेटरों के अच्छे दिन आने वाले हैं।