
बिहार डेस्कः एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते दाम से उपभोक्ता पहले से खासे परेशान थे और अब गैसे एजेंसियों और वेंडरों की मिलिभगत से जिस गड़बड़झाले को अंजाम दिया जाता है उससे उपभोक्ता खासे परेशान हैं। दरअसल अक्सर यह शिकायत मिलती रहती है कि गैस वेंडर कम वजन का सिलेंडर उपभोक्ताओं के थमा कर चलते बनते हैं, काफी शिकायतों के बाद भी जब यह गोरखधंधा जारी होता है तो यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि क्या यह गड़बड़झाला गैसे एजेंसी की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है।
तौल कर ही ले घरेलू गैस सिलेंडर की डिलीवरी
गैस वेंडर घर में घरेलू गैस सिलेंडर की डिलीवरी के वक्त उसे तौल कर ही लें। क्योंकि उसमें गैस की मात्रा कम हो सकती है। दरअसल आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है कि सिलेंडर में दो किलो तक गैस की मात्रा कम निकल रही है। तौल यंत्र मांगने पर डिलेवरी करने वाले एजेंसी कर्मचारी वाहन दूर खड़े होने या उसके खराब होने का बहाना बनाते हैं। इससे सिलेंडर का वजन नहीं हो पाता। सलेंडर डिलेवरी करने वाले कर्मचारी से तौल यंत्र जरूर मांगे। यह आपका हक है। उसका कांटा शून्य पर कर सिलेंडर तुलवाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि घरेलू सिलेंडर में 14 किलो 200 ग्राम गैस आती है, जबकि लोहे का वजन 14 से लेकर 18 किलोग्राम हो सकता है। इसके वजन में 14 किलो 200 ग्राम जोड़ दें। इसका कुल योग सिलेंडर का वजन होता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी सिलेंडर का वजन 15 किलो है तो तौलने पर कुल वजन 29.2 किग्रा वजन आना चाहिए। इससे कम होने पर नापतौल विभाग से संपर्क करें। तब तक सिलेंडर की सील न तो़ड़े और सिलेंडर का उपयोग न करें। और कम वजन की शिकायत नजदीकी गैस कंपनी में भी कर सकते हैं।
