
बिहार डेस्क-पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य वन्य
प्राणी पर्षद की 8वी बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक द्वारा राज्य में वन्य प्राणी प्रक्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय उपलब्धि एवंपहल पर मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। बैठक में वाल्मिकी टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 2017-18 में 35 होने के बारे बताया गया। वन्य प्राणी आश्रयी योजना, वन्य जीव केंद्र की स्थापना की चर्चा की गई। विगत बैठक में महत्वपूर्ण लंबित मामले पर भी चर्चा की गई। कावरताल पक्षी आश्रयणी के घोषित क्षेत्र के पुनर्निधारण कुशेश्वर स्थान आद्र भूमि एवं वन्य प्राणी संरक्षण के विकास के तहत गंडक नदी के विशेष संरक्षण हेतु प्रतिरक्षात्मक कार्रवाई, मानव वन्य जंतु द्वंद्व हेतु मुआवजा, वन्य जंतु से फसल क्षति के तहत किसानों को समय पर क्षतिपूर्ति अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग दर पर चर्चा की गई। बैठक में कैमूर जिला के मुंडेश्वरी मंदिर के लिए रोप वे का निर्माण, वन्य प्राणी आश्रयणियों के बारे में चर्चा की गई।
राजगीर में सड़क (एनएच-83) के दोनों तरफ 5.5 हेक्टेयर भूमि के उपया ेग करने एवं एलिवेटेड पथ के निर्माण के बारे में चर्चा की गई। नील गाय (घोड़े परास) की तबाही से किसानों को हो रही परेशानी के लिए महाराष्ट्र के पैटर्न पर शूटरों को बुलाकर शूटकरने की योजना पर भी विचार किया गया।
मुख्यमंत्री ने राजगीर में शीतल कुंड गुरुद्वारा के जीर्णोध्दार एवं विस्तार हेतु कार्रवाई का निर्देश दिया। इसे खुबसूरत ढंग से निर्मित करना है। गृद्धकूट तक आने का रास्ता, अशोक स्तंभ का मार्ग ठीक करने के बारे में निर्देश दिया गया। अगले वर्ष विश्व शांति स्तूप का 50वां भव्य समारोह राजगीर में आयोजित होना है अतः वहां पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते रास्ते को सुगम बनाने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने राज्य वन्य प्राणी पर्षद की नियमित बैठक कराने का भी सुझाव दिया। बैठक में अन्य लोगों ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। बैठक में विधान पार्षद सह वन्य प्राणी पर्षद के सदस्य श्री नीरज कुमार, विधायक मनीष कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार, मुख्य वन संरक्षक डी के शुक्ला, मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित वन्य प्राणी पर्षद के सभी गणमान्य सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।