बिहार डेस्कः समान काम के बदले समान वेतन की मांग कर रहे बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों को केन्द्र सरकार ने आज बड़ा झटका दिया है। समान काम के बदले समान वेतन की उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि नियोजित शिक्षक समान कार्य के लिए समान वेतन की कैटेगरी में नहीं आते इसलिए इन्हें समान काम के बदले समान वेतन नहीं दिया जा सकता।केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए और वक्त मांगा था। केंद्र सरकार ने कहा था कि वो अन्य राज्यों के परिपेक्ष में इसे देख रही है, क्योंकि अगर एक राज्य की सैलरी पर विचार किया जाएगा तो अन्य राज्यों की ओर से भी मांग उठने लगेगी। केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि हम बिहार को आर्थिक तौर पर कितनी मदद कर सकते हैं, यह हम कोर्ट को अवगत कराएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा नियोजित शिक्षको को लेकर बिहार सरकार के स्टैंड का समर्थन करने से बिहार के नियोजित शिक्षकों की उम्मीदों को बढ़ा झटका लगा है।केंद्र सरकार ने कहा है कि इन नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने पर केंद्र सरकार पर करीब 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 31 जुलाई को अंतिम सुनवाई होगी