मुख्यमंत्री ने 31 दिसम्बर 2019 तक अलग कृषि फीडर एवं सभी जर्जर तारों को बदलने का निर्धारित किया लक्ष्य
बिहार डेस्क-पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड एवं अनुषंगी कंपनियों के छठे स्थापना दिवस समारोह के साथ ही सात निश्चय योजनान्तर्गत हर घर बिजली योजना के लक्ष्य को हासिल करने के मौके पर
आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित समारोह में प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। इस समारोह में हर घर बिजली योजना एवं ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिहार के सुदूरवर्ती इलाकों में पहुंचाई जा रही बिजली पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी। ग्राम्यलोक नामक कॉफी टेबल बुक का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। गौरतलब है कि बिहार के हर घर तक बिजली पहुँचाने की समय सीमा 31 दिसंबर 2018 निर्धारित की गयी थी, जबकि तय समय-सीमा से दो माह पूर्व ही 25 अक्टूबर 2018 को यह लक्ष्य ऊर्जा विभाग द्वारा हासिल किया जा चुका है। ऊर्जा परिवार की इस मुहिम को मुकाम तक पहुँचाने में प्रशासनिक पदाधिकारियों, विभिन्न कंपनियों के संवेदकों, वन प्रमंडल के पदाधिकारियों ने भी अपना अहम योगदान दिया है। उत्कृष्ट कार्य करने वाले ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री ने समारोह में सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले जिलाधिकारियों में पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी मो0 सोहैल, नालंदा के जिलाधिकारी त्याग राजन एसएन, बेगूसराय के जिलाधिकारी राहुल कुमार, किशनगंज के जिलाधिकारी महेंद्र कुमार, मधुबनी जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, अररिया जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा एवं कैमूर के जिलाधिकारी नवल किशोर चैधरी शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों, संवेदकों एवं वन प्रमंडल के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार विद्युतीकरण से संबंधित एनिमेशन फिल्म का भी लोकार्पण किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने हर घर बिजली योजना के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही स्थापना दिवस को लेकर ऊर्जा परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन काफी खास है क्योंकि आज ही के दिन 1 नवम्बर 2012 को बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को पाॅच कंपनियों में अनबंडलिंग करने का एक बड़ा फैसला लिया गया था। कंपनियों की स्थापना के बाद हमारे सामने चुनौती थी लोगों को बिजली उपलब्ध कराने की, उसके बाद जेनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन यानि हर क्षेत्र में काम किया गया और कम्पनी बनने के बाद बिजली के क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गाँधी मैदान में हमने ऐलान किया था कि अगर बिजली के क्षेत्र में सुधार नहीं ला पायेंगे तो लोगों के बीच वोट मांगने नहीं जायेंगे। 2015 के चुनाव से पहले हमने सात निश्चय योजना के तहत हर घर बिजली पहुँचाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया था। हमने प्रारंभ से ही तय कर दिया था कि जिन परिवारों को बिजली नहीं मिली है, ऐसे सभी इच्छुक परिवारों को बिजली की कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जाएगी। इसके बाद 31 दिसंबर 2018 तक हर इच्छुक परिवार तक बिजली पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन लक्ष्य के दो महीने पहले ही 25 अक्टूबर 2018 को ऊर्जा परिवार द्वारा इसे हासिल कर लिया गया, इससे मुझे बेहद खुशी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई परिवार बिजली की कनेक्टिविटी लेने को इच्छुक नहीं है तो आप उसे जबर्दस्ती बिजली का कनेक्शन नहीं दे सकते, यह उसका फंडामेंटल राईट है। उन्होंने कहा कि कितने घरों में बिजली की आवश्यकता है, इसके लिए हमने ऊर्जा विभाग को सर्वे करने का निर्देश दिया था। इस काम में बिजली विभाग की पाँच कंपनियों के अलावा जिला प्रशासन, जीविका समूह, विकास मित्र के लोगों ने भी काफी सहयोग किया और आज बिहार के हर घर तक बिजली पहुँच गयी है, इससे ज्यादा प्रसन्नता की बात क्या हो सकती है ? उन्होंने कहा कि कई राज्यों सहित केंद्र की टीम भी बिहार में हर घर बिजली की कनेक्टिविटी का जायजा लेने आई, इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा सौभाग्य योजना की शुरुआत की गयी। हमलोगों का सौभाग्य है कि इस योजना के शुरू होने से राज्य को अपने संसाधनों के साथ केन्द्र से भी सहुलियत मिली। उन्होंने कहा कि हर घर बिजली पहुँचने से बच्चे काफी खुश हैं, अब उन्हें पढ़ने में सहूलियत हो रही है। पहले रात में अंधकार के कारण घर से बाहर जाने से रोकने के लिए परिवार के लोग बच्चों को बाहर भूत होने का भय दिखाकर रोकते थे लेकिन हर घर बिजली आने से अब भूत भाग गया। यह एक सामाजिक बदलाव है। अब परिवार के लोग बच्चों को घर से बाहर निकलने के लिए नहीं रोकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले हम गया से एक कार्यक्रम में शामिल होकर पटना लौट रहे थे। उस वक्त अंधेरा हो गया था। हेलीकाॅप्टर से जब हम दोनों तरफ देख रहे थे तो गया से पटना तक पूरे रास्ते में हर जगह रौशनी ही रौशनी दिखी, यह कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। इस तरह के दृश्य बड़े शहरों के ऊपर से गुजरने पर ही दिखते हैं। ऊर्जा विभाग के लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बाहर से आये हैं, अगर वे इस दृश्य को देखना चाहते हैं तो उन्हें हेलीकाॅप्टर से ले जाकर दिखा दीजिये। वर्ष 2005 में जहाँ बिहार में 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुआ करती थी, अब वह बढ़कर 5,000 मेगावाट से ज्यादा हो गयी है। अब बिहार में बिजली की कोई समस्या नहीं है क्यांेकि जहाँ ग्रिड से बिजली नहीं पहुँच रही है, वहां ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर पावर को कुछ लोग नकली बिजली कहते हैं लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि वही असली बिजली है क्योंकि सूर्य अक्षय ऊर्जा का स्रोत है और जब तक सूर्य रहेगा, तभी तक यह धरती रहेगी। लोगों से हमने यह बात कही थी। ऊर्जा परिवार को यह बात सभी लोगों को समझानी पड़ेगी, इसके बाद गाँव से लेकर शहर तक हर जगह लोग सोलर पॉवर को प्रेफर करने लगेंगे। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देष देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती के लिए अलग एग्रीकल्चर फीडर जल्दी पहुँचाने के साथ ही बिलिंग सिस्टम को अपडेट करने पर जोर दीजिये। ये दो मुख्य काम अब आपके सामने है। यदि बिलिंग सिस्टम को अपडेट करते रहेंगे तो लोग बिल समय पर चुकता करेंगे, इससे आपके घाटे में भी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि जर्जर तारों को दुरुस्त करने की तरफ सबसे ज्यादा ध्यान देने की आवष्यकता है। हर घर बिजली पहुंचा देना महत्वपूर्ण है लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है जर्जर तारों को बदलना क्यांेकि तार टूटने के कारण आदमी की मौत हो जाती है, इससे दुखद बात और क्या हो सकती है। यह मानव जनित आपदा है और बिहार में तो हमलोगों ने प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिए डिजास्टर रिस्क रिडक्शन का रोड मैप भी बनाया है, जो देश में पहला है। जर्जर तारों को बदलने का कार्य मिशन मोड में करते हुये 31 दिसम्बर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया। मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर 2019 तक सभी जगह अलग एग्रीकल्चर फीडर स्थापित करने का भी कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया। समय से पूर्व हर घर बिजली पहुॅचाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को दिये उपहार। विद्युत भवन विस्तार (नया भवन) के लिये 85 करोड़ रूपये, विद्युत काॅलोनी में आधुनिक प्री फैब्रिकेटेड सामुदायिक भवन के लिये 8.5 करोड़ रूपये, बोर्ड काॅलोनी में नया आॅडिटोरियम बनाने के लिये 21.50 करोड़़ रूपये देने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की। समारोह को ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव एवं प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग प्रत्यय अमृत ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, साउथ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर लक्षमणन, नाॅर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी सहित सम्मानित होने वाले जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, संवेदकगण एवं ऊर्जा परिवार से जुड़े अभियंता एवं कर्मीगण उपस्थित थे।