
बिहार ब्रेकिंगः सियासत की रणनीति के उस्ताद माने जाने वाले पाॅलटिक्स के ‘पीके’ यानि प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़ेगे। खुद उन्होंने साफ किया है कि वे बिहार की सेवा करना चाहते हैं लेकिन वे अगले 10 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। प्रशांत किशोर को जदयू में नंबर दो की हैसियत हासिल है, वे जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पार्टी और उसके मुखिया नीतीश कुमार ने जिस तरह से प्रशांत किशोर को तरजीह दी है उससे यह कयास लग रहे थे कि प्रशांत किशोर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन इन कयासों को खुद प्रशांत किशोर ने विराम दे दिया है।
क्या कहा प्रशांत किशोर ने?
सोमवार को पटना में मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में जदयू के छात्र और युवा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान पीके ने साफ किया कि उनकी प्राथमिकता संगठन की मजबूती ही है. पीके ने अपनी रणनीति का खुद से खुलासा करते हुए कहा कि वो लोकसभा या राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि आने वाले 10 साल तक सिर्फ पार्टी में रहकर बिहार की सेवा करेंगे.दो दिनों तक अलग-अलग बैठक करने के बाद पीके ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव और और 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में पार्टी पुराने चेहरों की बजाए युवाओं को प्राथमिकता देगा
