बिहार कांग्रेसः जैसा की हर बार होता है इस बार भी हो रहा है। रावण दहन के मौके पर पंजाब के अमृतसर में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर भी राजनीति शुरू है। पंजाब की कांग्रेस सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गयी है। दरअसल हिन्दुस्तान में सियासत को इतना सिरियसली ले लिया जाता है कि सीरियस मामलों में भी सियासत शुरू हो जाती है। यह हादसा कितना भीषण था इसका अंदाजा इसी बात से लगा लिजिए कि इस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी एवं 72 लोग घायल हो गये।
कैसे हुआ हादसा?
पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गयी जबकि 72 अन्य घायल हो गये. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे.अब ट्रेन हादसे ने राजनीतिक रंग ले लिया. विपक्ष ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर रेलवे पटरी के निकट समारोह की अनुमति देने में खामियों का आरोप लगाया. पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पर भी घटना के बाद मौके से तुरन्त चले जाने के आरोप लगे है.
पंजाब की कांग्रेस सरकार पर विपक्ष का निशाना
भाजपा नेता और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि यह एक त्रासदी थी जिसे टाला जा सकता था. अकाली दल के अन्य नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि ट्रेन दुर्घटना की दुर्भाग्यपूर्ण खबर सुनकर वह दुखी हैं. कुछ विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बिना किसी उचित मंजूरी के रेल पटरियों के निकट कांग्रेस द्वारा दशहरा आयोजित कराया गया. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जिम्मेदारी तय करने और दोषियों को दंड़ित करने के लिए इस घटना की उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की. उनके पुत्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनकर बहुत दुखी हैं.