बिहार डेस्क-सुमित कुमार-बेगूसराय
बेगूसराय सांसद भोला सिंह का निधन शुक्रवार की रात दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया। भोला सिंह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 79 वर्ष की उम्र में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी निधन की खबर से बेगूसराय के भाजपा कार्यकर्ताओं ल साथ ही अन्य आमजनो में शोक की लहर दौड़ गई। भोला सिंह पहली बार लोकसभा के लिए वर्ष 2009 में नवादा से चुने गए थे। उनकी निधन की खबर के फैलते ही बेगूसराय के भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। 3 जनवरी 1939 को बेगूसराय के गढ़पुरा के दुनही गांव में जन्मे भोला सिंह अपने राजनीतिक सफर में कई दलों और कई अहम पदों पर होते हुए अपनी राजनीतिक यात्रा पुरी की।
अपने पांच दशक से भी अधिक राजनीतिक सफर में भोला सिंह पहली बार 1967 मे वामदलों के समर्थन से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। भोला सिंह इतिहास के प्रोफ़ेसर रह चुके थे और अपनी बातों को अपने सधे हुए ढंग सदन में रखते थे। दुबारा 1972 में भोला सिंह सीपीआई से एयर 1977 में कांग्रेस से विधायक बने। फिर भोला सिंह ने जनता दल के सरकार में भी विधायक रहे और नब्बे के दशक में लालू के साथ रहने के बाद वर्ष 2000 में भाजपा का दामन थाम लिया। बिहार में एनडीए के सरकार में वे मंत्री भी रहे। और बाद में भाजपा से ही सांसद भी चुने गए। भोला सिंह सरकार में रहते हुए भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का खुल कर विरोध भी किए थे।
भोला सिंह अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अपने लोगों से कहा था कि मैं बेगूसराय के आवाम के आशीर्वाद का राजनीतिक पुत्र हूँ। मेरे माँ-बाप की वह हैसियत कहाँ थी कि मैं आसमां को स्पर्श करूँ। मैं जानता हूँ जिंदगी और मौत ईश्वर की मेहरबानी है, मैं बहुत जी चुका हूँ। पर अब भी मेरे कुछ कार्य बेगूसराय के आवाम के लिए शेष हैं। मैं अपने शरीर के कण कण को शहादत की मिट्टी में मिला देना चाहता हूँ। इस दुःखद बीमारी में भी लाखों लोगों का आशीर्वाद मुझे प्राप्त हुआ, इससे मेरी जिंदगी और मजबूत हुई। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि मुझे जनता के बीच ले चलें, मैं उनके गले का हार हूँ। बेगूसराय सांसद के निधन पर भाजपा समेत अन्य दलों के नेता ने शोक व्यक्त की एवं उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।