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राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने और पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर (OSC) की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। महिलाओं को OSC के बारे में जागरूक करने के लिए हर सप्ताह जिले के किसी एक पंचायत में जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी इन सेवाओं की जानकारी मिल सकेगी और वे जरूरत पड़ने पर इनका लाभ उठा सकेंगी। सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में OSC की पहुंच को बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
अब महिलाओं को न्याय या मदद के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन सेंटरों में महिलाओं को सभी आवश्यक सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी। वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बनकर उभर रहा है, जहां वे बिना किसी भय के अपनी समस्याएं साझा कर सकती हैं और उचित समाधान प्राप्त कर सकती हैं। सरकार के इस सराहनीय प्रयास से महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बढ़ रही हैं।
वर्तमान में 39 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत
बिहार में वर्तमान में 39 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं, जिनका लाभ अब तक 4 हजार 402 पीड़ित महिलाओं को मिल चुका है। इन केंद्रों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सकीय, कानूनी और परामर्श सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंद महिलाओं के लिए 5 दिनों तक ठहरने की सुविधा दी जाती है, जिसे विशेष परिस्थितियों में 10 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
क्या है वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को हिंसा से राहत प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करना है। इन केंद्रों पर महिलाओं को तत्काल चिकित्सा सेवा, कानूनी सहायता और परामर्श दिया जाता है ताकि वे अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी जिलों में इन केंद्रों की पहुंच हो और अधिक से अधिक महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
OSC में पारा मेडिकल कर्मी की नियुक्ति
हर OSC में एक पारा मेडिकल कर्मी की नियुक्ति की गई है, जिससे पीड़ित महिलाओं को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा मिल सके। इसके अलावा, यहां कानूनी सलाह और पुलिस सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है ताकि किसी भी महिला को अन्य जगह भटकने की जरूरत न पड़े। इस मामले में समाज कल्याण विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही वन स्टॉप केंद्रों की स्थान सभी जिलों और इससे नीचे स्तर तक करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए विभाग में कसरत शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसकी कार्ययोजना को मूर्तरूप दे दिया जाएगा।