
बिहार ब्रेकिंग

देश के महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची हैं। वहीं बापू सभागार में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस खास कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सहित कई बड़े नेता मौजूद हैं। इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक डॉक्टर सम्मानित होंगे। साथ ही इस कार्यक्रम में करीब चार हजार डॉक्टर पहुंचे हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह में संबोधन के दौरान कहा बिहार की इस पुण्यभूमि को मैं सादर नमन करती हूं। भारतीय अध्यात्म का केंद्र रही यह भूमि, माता सीता, भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की पावन स्थली है। महात्मा गांधी ने भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की प्रेरणा भी यहीं से ली। यही भूमि देश के प्रथम राष्ट्रपति आदरणीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्म-भूमि है। बिहार की अमूल्य धरोहर में पटना का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी है। सौ वर्ष पुराने इस अस्पताल में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। पुरातनता को संजोये और आधुनिकता की ओर निरंतर बढ़ते हुए इस अस्पताल का गौरवमय इतिहास रहा है। सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में मैं इस संस्थान से जुड़े सभी पूर्व और वर्तमान चिकित्सकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों को बधाई देती हूं।
इस संस्थान का, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा और शिक्षा प्रदान करने का समृद्ध इतिहास रहा है। इसकी गिनती एशिया के सबसे अच्छे अस्पतालों में होती थी। इस संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा, सेवा और समर्पण के बल पर देश-विदेश में अपना और PMCH का नाम रोशन किया है। इसका प्रमाण इस संस्थान से शिक्षित विद्यार्थियों को मिले सम्मान में मिलता है। अनेक पूर्व विद्यार्थी न केवल पद्म पुरस्कारों बल्कि डॉक्टर बी सी रॉय पुरस्कार और अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित हुए हैं। इनमें से आंखों के डॉक्टर, दुखन राम जी की ख्याति पूरे भारत में थी। मुझे बताया गया है प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद अपनी आंख के इलाज के लिए प्रायः पटना ही आते थे। अपने बचपन में कालाजार से लगातार जूझते हुए, डॉक्टर सी पी ठाकुर इसी संस्थान से निकले। उन्होंने कालाजार को खत्म करने का संकल्प उठाया। पिछले साल उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित करने का अवसर मुझे मिला।
राष्ट्रपति ने कहा एक समय था जब बिहार के चिकित्सकों का देश-विदेश में नाम था। लोग दूर-दूर से इलाज के लिए यहां आते थे। बीच के कुछ कालखंड में यहां से अच्छे चिकित्सकों का पलायन हुआ। इस कारण लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए राज्य से बाहर जाने को मजबूर होना पड़ता है। चिकित्सा के लिए दूसरे शहर या राज्य में जाने से कई समस्याएं पैदा होती हैं। जहां इलाज मिलने में देरी होती है वहीं परदेस में रहने और खाने की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। रोगियों के परिजनों के रोजगार पर भी असर पड़ता है। बड़े शहरों के चिकित्सा संस्थानों पर भी दबाव बढ़ता है। अच्छे चिकित्सा संस्थानों का देश भर में विकेन्द्रीकरण इन सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और इंदौर जैसे शहर स्पेशियलिटी ट्रीटमेंट के केंद्र के रूप में विकसित भी हुए हैं। बिहार में भी ऐसे अनेक केंद्र विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इससे न केवल लोगों को यहीं पर अच्छी चिकित्सा मिलेगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इस कार्य में पीएमसीएच और इसके पूर्व विद्यार्थी अपने अनुभव से बड़ा योगदान दे सकते हैं और बिहार के गौरवशाली अतीत को वापस ला सकते हैं।
उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि बिहार सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए अनेक उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। पीएमसीएच के पुनर्विकास की योजना भी इनमें से एक कदम है। मुझे बताया गया है कि पुनर्विकसित पीएमसीएच आधुनिक सुविधाओं और तकनीकी से युक्त होगा और पूरी तरह तैयार होने पर बेड्स की संख्या की दृष्टि से विश्व के विशालतम अस्पतालों में से एक होगा। आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। मेडिकल के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी तकनीकें चिकित्सा प्रक्रिया को अधिक सरल और सटीक बना रहे हैं। मेरी इस संस्थान से जुड़े सभी लोगों से अपील है कि आप आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहें। इससे न केवल रोगियों का इलाज़ सुगम होगा बल्कि आपके ज्ञान और कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।
आगे राष्ट्रपति ने कहा किसी भी संस्थान के निरंतर विकास में उस संस्थान के शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे शोध महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि पीएमसीएच में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित किया जाता है। कालाजार और बोन टीबी पर यहां किए गए शोध को दुनिया भर में मान्यता मिली है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से एजुकेटी ओं, रिसर्च और ट्रीटमेंट में उस क्षेत्र के विशेषज्ञ से सहायता ली जा सकती है। पीएमसीएच के अल उम्मी एक ऐसा नेट वर्क बना सकते हैं जिसमें वे अपने रिसर्च और प्रॉब्लम दी स्कस कर सकें। इससे न केवल चिकित्सकों को बल्कि रोगियों को भी लाभ होगा।
उन्होंने कहा आप सब जानते हैं कि कैंसर दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। मेरा मानना है कि इस बीमारी से लड़ने में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना, इसके उपचार की सुविधाओं का विकेन्द्रीकरण करना और शोध को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले वर्ष अप्रैल में, भारत की पहली स्वदेश में विकसित कार-ट सेल थेरेपी का शुभारंभ करने का सौभाग्य मुझे मिला था। यह थेरेपी आईआईटी बॉम्बे, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और इम्यूनोएक्ट के बीच सहयोग से विकसित की गयी है। पीएमसीएच जैसे बड़े संस्थानों से मेरा आग्रह है कि आप अन्य संस्थानों के सहयोग से न केवल कैंसर बल्कि अन्य रोगों के इलाज के लिए नए-नए रिसर्च करें। हमारे डॉक्टर, शोधकर्ता, चिकित्सक और शिक्षक होने के साथ-साथ एक परामर्शदाता भी होते हैं। इन सभी भूमिकाओं में वे लोगों और समाज की सेवा करते हुए राष्ट्र-निर्माण में भी अपना योगदान देते हैं।
उन्होंने कहा आप सब जानते हैं कि दुर्घटना की स्थिति में कई बार मरीज के परिजन तुरंत आवश्यकता अनुसार रक्त-दान करने की स्थिति में नहीं होते हैं। बुड डॉनर नहीं मिलने के कारण वे अधिक तनाव में आ जाते हैं। ऐसी समस्याओं के समाधान में नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान महत्वपूर्ण है। मुझे बताया गया है कि पीएमसीएच के शिक्षक और विद्यार्थी नियमित रूप से बुड डोनट आइ ऑन कैनपीएस का आयोजन करते हैं। रक्त दान के साथ साथ अंगदान भी महत्वपूर्ण हैं। यह प्रसन्नता का विषय है कि पीएमसीएच गैर सरकारी संगठनों के साथ मिल कर इस दिशा में कार्य कर रहा है। अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने की और भी अधिक आवश्यकता है जिसमें चिकित्सक अहम भूमिका निभा सकते हैं।
बिहार की यह धरती माता सीता की धरती है, बुद्ध की धरती है। यहां की मिट्टी में त्याग और करुणा है। इस करुणा की भावना से लोगों की सेवा करना ही सच्चा धर्म है। PMCH का आदर्श वाक्य है “सर्वे सन्तु निरामयाः” और कॉलेज गान है ‘सेवा धर्म हमारा’ जो आप लोगों को मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देता है। मुझे विश्वास है कि इस संस्थान से जुड़े लोग निस्वार्थ भाव, दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ सेवा धर्म का पालन करते रहेंगे और इस संस्थान की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।