
भाजपा की जीत पर सांसद डॉ संजय जायसवाल ने दिल्ली की जनता और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। आज आंदोलन से निकले सबसे बड़े ‘नटवरलाल’ की राजनीति समाप्त हुई: डॉ संजय जायसवाल। दिल्ली में भाजपा जीत पर सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने विकसित दिल्ली को मूर्त रूप दिया’।
बिहार ब्रेकिंग

बिहार के बेतिया से भाजपा के सांसद डॉ संजय जायसवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत पर दिल्ली की जनता और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आज आंदोलन से निकले सबसे बड़े नटवरलाल की राजनीति समाप्त हुई। डॉ जायसवाल ने भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के विकसित दिल्ली को मूर्त रूप दिया है।
बेतिया के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि आज से लगभग 14 वर्ष पूर्व अन्ना हजारे ने राजनीति में उच्चतम मूल्य स्थापित करने के लिए आंदोलन किया था। देश के अनेक प्रबुद्ध नागरिकों की तरह मुझे भी हमेशा यह विश्वास रहा है कि राजनेताओं को ईमानदार एवं अपने क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
भाजपा नेता ने एक घटना को याद करते हुए आगे लिखा, “उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और मैंने उन्हें उनके भाषण में 45 बार बोलने से रोकने की कोशिश की थी। लोकसभा के भीतर तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मुझे धमकी दी थी कि तुम प्रधानमंत्री को बेइज्जत कर रहे हो, मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं। मैंने जवाब दिया कि एक बूढ़ा व्यक्ति राजनीतिक शुद्धता के लिए आंदोलन कर रहा है और उनकी बातें नहीं मानी जाएंगी तो मैं प्रधानमंत्री को बोलने नहीं दूंगा। उस समय अरविंद केजरीवाल सहित जितने भी बुद्धिजीवी आंदोलन में शामिल थे, वे लोकपाल के माध्यम से राजनीतिक शुद्धता की बात करते थे।” उन्होंने आगे कहा कि आंदोलन समाप्ति के साथ ही अरविंद केजरीवाल ने न केवल राजनीतिक दल बनाई बल्कि जिस तरह की तानाशाही उसने चलाई, उसकी तुलना केवल लालू यादव एवं गांधी परिवार के साथ ही की जा सकती है। हजारों करोड़ों का भ्रष्टाचार, सात मंत्रियों को जेल और फिर भी केजरीवाल अपने को ईमानदार होने की बात करते थे।
उन्होंने अफसोस जताते हुए आगे कहा, “मुझे जिंदगी भर का अफसोस रहा कि भाजपा में रहते हुए मैंने अन्ना हजारे के आंदोलन को सपोर्ट क्यों दिया था। अगर मेरे जैसे 10 फीसदी लोग भी कम हो जाते तो कम से कम पढ़े-लिखे लोगों को ‘नटवरलाल’ की तरह ठगने वाले आदमी को हम रोक सकते थे। मेरा हमेशा राजनीति में विश्वास रहा है कि यहीं रहना है, यहीं लड़ना है और किसी कीमत पर अपराधी एवं ठग जो राजनेता का चोला पहनकर घूमते हैं, उनके सामने झुकना भी नहीं है।”
दिल्ली की स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली 40 किलोमीटर में सिमटी हुई है और उसका बजट 71 हजार करोड़ रुपए का है, फिर भी दिल्ली वहीं नजर आती है, जितना इलाका केंद्र सरकार के अंतर्गत है। वरना राज्य सरकार के कॉलोनी में जाएं तो लालू यादव के जमाने का बिहार नजर आता है। किसी भी कॉलोनी में न तो सही सड़क बनी है और न सिवर लाइन ठीक से बनी है। उन्होंने आगे कहा, “25 साल पहले देखी हुई अमिताभ बच्चन की एक फिल्म का डायलॉग मुझे हमेशा याद रहता है कि दुनिया के इतिहास में कोई ऐसी घटना नहीं हुई है जिसमें अंत में असत्य की सत्य पर विजय हुई हो। एक अच्छे ईमानदार अफसर से अभिमानी भ्रष्टाचारी नेता बनने के केजरीवाल युग का आज समापन हुआ।”