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मुख्यमंत्री ने शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की संयुक्त समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें।
बिहार ब्रेकिंग
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के चौथे चरण में शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में लखीसराय समाहरणालय में संयुक्त समीक्षात्मक बैठक की। संयुक्त समीक्षात्मक बैठक में लखीसराय के जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में चल रही विकास कार्यों की प्रगति एवं अद्यतन स्थिति का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत/नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन/परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष शेखपुरा एवं लखीसराय जिले के जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का इस बैठक में अभिनंदन एवं स्वागत करता हूं। लखीसराय के जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। यहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखी हैं। मैं यही चाहूंगा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्याओं के संबंध में जो जानकारी यहां दी गई है, संबंधित विभाग उसका यथाशीघ्र निराकरण करे। उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही समय-समय पर हम पूरे बिहार का दौरा करते रहे हैं। इस बार प्रगति यात्रा के माध्यम से राज्य के प्रत्येक जिले का दौरा कर एवं लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं एवं जरूरतों से अवगत हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है। उत्तर बिहार के जिलों में प्रगति यात्रा के क्रम में 20 हजार करोड़ रुपये की कुल 188 योजनाओं की घोषणाएं की गई। इसमें से 4 फरवरी 2025 को मंत्रिपरिषद् द्वारा 121 योजनाओं की स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही विभाग के स्तर पर 67 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर प्रकार से बिहार की तरक्की हो। वर्ष 2005 के बाद हमलोगों ने बिहार में विकास का जो काम किया है, उसे याद रखियेगा। हर क्षेत्र में विकास के कार्य कराये गये हैं, आप सब लोग इसे याद रखिएगा। हमने सभी वर्गों एवं सभी क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया है, आप सब उसे भूलिएगा मत।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 से हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। श्रद्धेय स्व अटल बिहारी वाजपेयी की इच्छा थी कि मैं बिहार का मुख्यमंत्री बनूं और उन्होंने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनवाया। पार्टी के कुछ लोगों की गलती के कारण दो बार हम इधर से उधर चले गए लेकिन अब हमेशा साथ रहेंगे। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी इससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े होते थे, जिसे हमने खत्म कराया। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय थी। देहाती इलाकों की बात तो छोड़ दीजिए, राजधानी पटना में भी प्रतिदिन अधिकतम 8 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती थी। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। बिहार में अब डर और भय का माहौल खत्म हो गया है। शांति एवं भाईचारा का वातावरण कायम है। अब लोग जब जहां चाहे अपने आवश्यकतानुसार जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है, 1273 और कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें से 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं। इसके साथ ही लड़कियां शाम में अपने माता-पिता को बाजार भी ले जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलियों के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की गयी है एवं आगे भी की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पी एम सी एच) को 5400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। इतने अधिक क्षमता का मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल दुनिया में कहीं नहीं है। बाकी 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कर 2500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। आई जी आई एम एस, पटना का भी विस्तार कर उसे 3000 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर तक नल का जल, हर घर में शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की गली नाली निर्माण, हर टोले तक पक्की सड़क का निर्माण, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है। जो भी नई बसावटें बनी हैं, उनमें भी ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष 2020 से सात निश्चय योजना-2 के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, टेलीमेडिसीन, बाल हृदय योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या को बढ़ाया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिससे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह का नाम जीविका एवं इससे जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों ने अब बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 34 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिससे 3 लाख 60 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी अन्य दूसरे राज्य के पुलिस बल में उतनी नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में सात निश्चय योजना-2 के तहत 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर अब 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। हमने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखपुरा और लखीसराय जिले में विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। दोनों जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आई टी आई, सभी अनुमंडलों में आई टी आई, जी एन एम संस्थान एवं अनेक सड़क तथा पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। यहां आवासीय विद्यालय, छात्रावास एवं अनेक पथों तथा पुल पुलियों का निर्माण कराया गया है। इससे लखीसराय जिले की संपर्कता में काफी सुधार हुआ है। लखीसराय में बाईपास का निर्माण भी कराया जा चुका है। लखीसराय जिले में 507 ग्रामीण सड़कों तथा शेखपुरा जिला में 495 ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है। लखीसराय जिलें 44 पंचायत सरकार भवन, जबकि शेखपुरा जिले में अब तक 4 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। इस साल जून माह तक पूरे बिहार में शेष पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा। विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में भी इन दोनों जिलों में अनेक कार्य कराए गए हैं। लखीसराय जिले में 1 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन, 19 पावर सब स्टेशन तथा शेखपुरा जिले में 1 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन तथा 11 पावर सब स्टेशनों का निर्माण कराया गया है। लखीसराय जिले में कृषि हेतु सिंचाई के लिए 40 डेडीकेटेड कृषि फीडर स्थापित किए गए हैं, जिससे अब तक 10,300 किसानों ने खेती के लिए बिजली का कनेक्शन लिया है। वहीं शेखपुरा जिले में 18 डेडीकेटेड कृषि फीडर के माध्यम से अब तक 4,200 किसानों ने कृषि कार्य हेतु बिजली का कनेक्शन लिया है। जीविका स्वंय सहयता समूह की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लखीसराय जिले में अब तक 8,394 जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 1 लाख से अधिक जीविका दीदियां जुड़ी हैं। वहीं शेखपुरा जिले में अब तक 6,427 जीविका स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। इन समूहों से 79 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं। इन दोनों जिलों में दो-दो दीदी की रसोई संचालित है। इन दोनों जिलों में हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए नहरों का विस्तारीकरण किया गया है। साथ ही लखीसराय में 23 पक्के चेकडैम तथा शेखपुरा जिले में 19 पक्के चेकडैम का निर्माण कराया गया है। यहां लाल पहाड़ी की खुदाई भी कराई गई है, जहां से कई पुरानी चीजें मिली है। लखीसराय में 35 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय का निर्माण भी कराया गया है। हमलोगों का मकसद सबकी सेवा के साथ-साथ बिहार के हर क्षेत्र का विकास करना है।
शेखपुरा एवं लखीसराय जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की
शेखपुरा की महत्वपूर्ण घोषणायें
शेखपुरा अन्तर्गत मटोखर दह को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
बरबीघा में सामस विष्णु धाम मंदिर परिसर का सौंर्दयीकरण किया जायेगा।
राष्ट्रीय उच्च पथ-33ए के 11वें किलोमीटर में तोथिया पहाड़ मोड़ से कुसुम्भा भाया मटोखर दह तक बाईपास का निर्माण किया जायेगा।
जखराज स्थान से हुसैनाबाद पथ तक बाईपास का निर्माण किया जायेगा।
शेखपुरा में प्रेक्षागृह का निर्माण किया जायेगा।
सकरी सिंचाई योजनान्तर्गत बाजिदपुर से निकलने वाली मिरजैन नहर प्रणाली एवं इसकी तेउसाईन शाखा नहर का पुनर्स्थापन तथा लाईनिंग का कार्य किया जायेगा।
नेमदारगंज से रमजानपुर तक सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जायेगा।
शेखपुरा जिले में शेखपुरा तथा चेवाड़ा प्रखंडों में नये प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण कराया जायेगा।
लखीसराय की महत्वपूर्ण घोषणायें
लखीसराय की सीमा पर अवस्थित पचना से नालन्दा जिला के सरमेरा तक ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण कराया जायेगा।
सतसंडा पहाड़ पर पर्यटक सुविधाओं का निर्माण एवं विकास किया जायेगा।
लाल पहाड़ी पर अवस्थित ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित किया जायेगा।
लखीसराय के अशोक धाम परिसर में पर्यटन सुविधाओं का निर्माण एवं विकास किया जायेगा।
हलसी प्रखंड के सिरखिण्डी ग्राम में ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा।
बड़हिया नगर परिषद् में ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा।
बड़हिया के बी एम एन कॉलेज घाट से मराची तक ग्रामीण सड़क का चौड़ीकरण किया जायेगा।
लखीसराय नगर क्षेत्र के अन्तर्गत अष्टधारी पोखर एवं संसार पोखर का सौंदर्यकरण कार्य किया जायेगा।
लखीसराय जिले के 3 प्रखंडों क्रमशः बड़हिया, सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय में नये प्रखंड-सह अंचल कार्यालय भवन तथा 3 प्रखंडों पिपरिया, रामगढ़ चौक एवं चानन में प्रखंड कार्यालय-सह-अंचल भवन सहित आवासीय परिसर का निर्माण कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब कामों को करा दिया जायेगा, इसके अतिरिक्त लखीसराय एवं शेखपुरा जिलो में और कोई भी जरूरत होगी, उसे भी कराया जायेगा। बिहार के हर क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और तेजी से काम होगा। इसके लिए आप सबको बधाई एवं धन्यवाद देता हूँ।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने हरित पौधा और प्रतीक चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। समीक्षा बैठक में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने लखीसराय समाहरणालय परिसर में 5.36 लाख रुपये की लागत से पालना घर का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पालना घर का निरीक्षण भी किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री सह लखीसराय एवं शेखपुरा जिला की प्रभारी मंत्री शीला कुमारी, सांसद विवेक ठाकुर, सांसद अरूण कुमार भारती, विधायक प्रहलाद यादव, विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, शेखपुरा जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला कुमारी, लखीसराय जिला परिषद अध्यक्ष अंशु कुमारी, शेखपुरा नगर परिषद अध्यक्ष अरविंद पासवान, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय कुंदन कृष्णन, लखीसराय के जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र, शेखपुरा के जिलाधिकारी आरिफ हसन, लखीसराय के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार, शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक बलराम चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।