मुख्यमंत्री ने मधेपुरा जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में मधेपुरा जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में डी आर डी ए स्थित झल्लू बाबू सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में मधेपुरा के जिलाधिकारी तरणजोत सिंह ने जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत/नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन/परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का इस बैठक में अभिनंदन एवं स्वागत करता हूं। मधेपुरा के जिलाधिकारी तरणजोत सिंह ने जिले में चल रहे विकासात्मक कार्यों की जानकारी दी है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। यहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखी हैं। आज हमने कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है। हम अधिकारियों से कहेंगे कि यहां जो भी जरूरतें हैं, उसे ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। प्रगति यात्रा के दौरान जिन जिलों का दौरा किया गया है और इस दौरान जो घोषणाएं की गई हैं, उन सबको कैबिनेट से पास कराया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि हर प्रकार से बिहार की तरक्की हो। वर्ष 2005 के बाद हमलोगों ने बिहार में विकास का जो काम किया है, उसे याद रखियेगा। हम प्रारंभ से ही पूरे बिहार का दौरा समय-समय पर करते रहे हैं। प्रगति यात्रा का कार्यक्रम जब बनाया गया तो अधिकारियों ने सभी जिलों की समस्याओं के बारे में जानकारी दी और हमने उस पर काम करने के लिए कहा, उन सब चीजों पर काम किया जा रहा है। हर क्षेत्र में विकास के कार्य कराये गये हैं, आपलोग इसे याद रखिएगा। हमने सभी वर्गों एवं सभी क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया है। आप सब उसे भूलिएगा मत।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 से हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी इससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े होते थे जिसे हमने खत्म कराया। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। सड़कों का काफी अभाव था। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो सड़कों की स्थिति खराब होने के कारण मुझे अपने क्षेत्र में काफी पैदल घूमना पड़ता था। जब से बिहार के लोगों ने हमें काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। बिहार में अब डर और भय का माहौल खत्म हो गया है। शांति एवं भाईचारा का वातावरण कायम है। बिहार में पहले बिजली की स्थिति काफी दयनीय थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली न के बराबर रहती थी। राजधानी पटना में भी 8 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं होती थी। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है, 1,273 और कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है जिसमें से 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। जब हम सरकार में आए तो भागलपुर दंगा के आरोपियों पर कार्रवाई की गई। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए 60 वर्ष से पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हो। हमलोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है। केंद्र सरकार से भी काफी सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से भी कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। हमलोग भाजपा के साथ शुरू से ही रहे हैं। हमलोग मिलकर बिहार और देश का विकास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जाता जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं। अब लड़कियां शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं, यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की गई है और आगे भी की जा रही है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पी एम सी एच) को 5,400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। बाकी बचे 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कर 2,500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। आई जी आई एम एस, पटना का भी विस्तार कर उसे 3,000 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर तक नल का जल, हर घर में शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की गली नाली निर्माण, हर टोले तक पक्की सड़क का निर्माण, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है। जो भी नई बसावटें बनी हैं, उनमें भी ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। खुले में शौच करने से लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियां होती थीं, जिन परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण के लिए जगह नहीं थी, उनके लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। वर्ष 2020 से सात निश्चय योजना-2 के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, टेलीमेडिसीन, बाल हृदय योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या को बढ़ाया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह का नाम ‘जीविका’ एवं इससे जुड़ी महिलाओं का नाम ‘जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम ‘आजीविका’ दिया। हमलोगों ने अब बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 34 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 3 लाख 80 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी दूसरे राज्य की पुलिस बल में महिलाओं की उतनी संख्या नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना-2 के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में निर्धारित लक्ष्य से अधिक 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मधेपुरा जिले में विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। मधेपुरा में बी पी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कराया गया है। यहां पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आई टी आई, सभी अनुमंडलों में आई टी आई, जी एन एम संस्थान एवं अनेक सड़क तथा पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। सिंहेश्वर में 781 करोड़ रुपये की लागत से जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कराया गया है। यहां जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास का भी निर्माण कराया गया है। इसके अलावा दो अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया गया है। मधेपुरा में कई सड़क पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। स्टेट हाईवे-उदाकिशुनगंज-भटगांवा पथ का चौड़ीकरण किया गया है। कोसी नदी पर विजय घाट पुल का निर्माण कराया गया है, जिससे भागलपुर से आवागमन आसान हो गया है। बैजनाथपुर और गम्हरिया सड़क का निर्माण कराया गया है। उदाकिशुनगंज से वीरपुर स्टेट हाईवे का निर्माण कराया गया है। मधेपुरा शहर में जाम से मुक्ति के लिए बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। वर्ष 2008 में कोसी नदी में आई भीषण बाढ़ के दौरान राहत के लिए तेजी से काम किए गए थे और कई कदम उठाए गए थे। यहां 59 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा चुका है और शेष 151 पंचायत सरकार भवन का निर्माण भी जून, 2025 तक पूरा करा लिया जाएगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरह हमने सम्मान देने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराने का निर्णय लिया। पंचायत सरकार भवन के निर्माण से एक ही छत के नीचे ग्राम पंचायत की सभी समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। हम सबकी इज्जत करते हैं, सबका सम्मान करते हैं। मधेपुरा जिले में हर घर बिजली पहुंचा दी गई है। 2 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन तथा 23 पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया गया है। 36 डेडिकेटेड कृषि फीडर का निर्माण कराया गया है, जिससे किसानों को 7,315 बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है ताकि किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत हो। 28 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है जिससे 3 लाख 50 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हुई हैं। 3 जीविका दीदी की रसोई भी यहां चल रही है। मधेपुरा जिले में विकास के कई कार्य किए गए हैं, जो कुछ और काम बाकी है, उसके साथ-साथ नये काम भी मधेपुरा जिले के लिए कराए जाएंगे।
मधेपुरा जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें
चौसा प्रखंड अन्तर्गत मुरली चौक (एस एच-58) से कृष्णा टोला, वंश गोपाल चौक होते हुए योगीराज तक सड़क का चौड़ीकरण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।
चौसा प्रखंड में ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण किया जायेगा, इससे बड़ी आबादी को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
मुरलीगंज एवं चौसा प्रखंड में पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जायेगा, इससे बड़ी आबादी को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
मधेपुरा सदर प्रखण्ड में मिल्क चिलिंग प्लांट/डेयरी प्लांट स्थापित किया जायेगा। 50-60 हजार क्षमता वाले मिल्क चिलिंग प्लांट की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास होगा एवं स्थानीय पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि होगी।
मुरलीगंज बाजार में समपार सं-68सी (एस एच-91) पर आर ओ बी का निर्माण किया जायेगा, इससे लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी एवं पूर्णिया जाने में सुविधा होगी।
सिंहेश्वर धाम मंदिर का जीर्णोद्धार एवं मंदिर परिसर क्षेत्र का विकास किया जायेगा, इससे लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी तथा स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
चौसा एवं आलम नगर प्रखंड में बाढ़ के समय ग्रामीण सड़कों से आवागमन में समस्या होती है। मैंने विभाग को कहा है कि तत्काल एक टीम भेजकर इस समस्या को देख लिया जाय तथा आवश्यकतानुसार प्रभावित पंचायतों में सड़कों का उच्चीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य किया जाय, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।
मधेपुरा नगर क्षेत्र के अंतर्गत अवस्थित ऑडिटोरियम का आधुनिकीकरण किया जायेगा, इससे विभिन्न सरकारी कार्यक्रम, सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने में काफी सुविधा होगी।
मधेपुरा जिले में आलमनगर, कुमारखंड, चौसा, मधेपुरा एवं सिंहेश्वरस्थान में कुल 05 प्रखंडों में नये प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन तथा शंकरपुर एवं गम्हरिया कुल 02 प्रखंडों में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का निर्माण कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब कामों को करा दिया जायेगा और इसके अतिरिक्त मधेपुरा जिले में और कोई भी जरूरत होगी, उसको भी कराया जायेगा। बिहार के हर क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और तेजी से काम होगा। इसके लिए आप सबको बधाई एवं धन्यवाद देता हूँ। किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधि हों, उनके सुझाव का हमलोग सम्मान करते हैं। उनके इलाके की जो भी मांगें होंगी, उन सबको पूरा किया जाएगा। हमलोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। हम सबके हित में काम करते रहेंगे। हम काम में विश्वास करते हैं, लोगों की सेवा करते हैं। हम सभी लोगों के हित में शुरू से काम करते रहे हैं। आप सभी का मैं पुनः अभिनंदन करता हूं। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी तरणजोत सिंह ने हरित पौधा और प्रतीक चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
समीक्षा बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री सह मधेपुरा जिला के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, सांसद दिनेश चंद्र यादव, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव, विधायक निरंजन कुमार मेहता, विधान पार्षद ललन सर्राफ, विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी, नगर परिषद की मुख्य पार्षद कविता कुमारी, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष रमेश ऋषिदेव, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय कुंदन कृष्णन, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव / सचिव, कोसी प्रमंडल के आयुक्त राजेश कुमार, कोसी प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज कुमार, मधेपुरा जिला के जिलाधिकारी तरणजोत सिंह, मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।