
संविधान पर हमला, डॉ अंबेडकर का अपमान: मंत्री जनक राम का कड़ा बयान। संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करना बर्दाश्त नहीं: जनक राम। संविधान विरोधी बयान से लोकतंत्र को खतरा: मंत्री जनक राम। संविधान पर अविश्वास, अंबेडकर के सपनों पर प्रहार: जनक राम का प्रहार। राहुल गांधी संविधान और लोकतंत्र के विरोध में: जनक राम। संविधान हमारी पहचान, इसे कमजोर करना राष्ट्रद्रोह: जनक राम। डॉ अंबेडकर के आदर्शों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध: मंत्री जनक राम।
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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा कि संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने एक ऐसा संविधान रचा, जिसने भारत को सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूत नींव दी। यह संविधान न केवल देश की कानूनी व्यवस्था का आधार है, बल्कि हर नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का संरक्षक भी है।
जनक राम ने कहा कि आज जब संवैधानिक व्यवस्थाओं पर राजनीतिक स्वार्थ के चलते हमला किया जाता है, तो यह न केवल हमारे लोकतंत्र पर प्रहार है, बल्कि डॉ अंबेडकर और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों का भी अपमान है। डॉ. अंबेडकर ने जिस संविधान के माध्यम से भारत को दिशा दी, उस पर सवाल उठाना या उसे कमजोर करने का प्रयास करना असहनीय है।
जनक राम ने विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि हाल ही में राहुल गांधी और उनके जैसे कुछ नेताओं द्वारा संविधान और उसकी व्यवस्था पर अविश्वास व्यक्त करना, देश की लोकतांत्रिक भावना और डॉ अंबेडकर की महानता का अनादर है। यह वही कांग्रेस है जिसने आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ाईं और अब वही मानसिकता राहुल गांधी के बयानों में झलकती है।
संवैधानिक व्यवस्था पर प्रहार केवल राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। मैं राहुल गांधी और अन्य नेताओं को चेतावनी देता हूं कि संविधान का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। संविधान का अपमान करने का मतलब है, उस महान पुरुष का अपमान करना, जिसने हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का सपना दिखाया।
बिहार सरकार और भारतीय जनता पार्टी डॉ अंबेडकर के आदर्शों और उनके द्वारा रचित संविधान की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम डॉ अंबेडकर के सपनों के भारत को साकार करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। जनक राम ने राहुल गांधी से आग्रह करते हुए कहा कि वे संवैधानिक व्यवस्थाओं पर हमले बंद करें और अपने बयानों के लिए देश से माफी मांगें। देश के करोड़ों नागरिक डॉ. अंबेडकर और उनके संविधान के साथ खड़े हैं और इसे कमजोर करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा।