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उद्योग विभाग, बिहार द्वारा अरण्य भवन, पटना में आज मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए लाभुकों के चयन हेतु कंप्यूटराइज्ड रंडोमाइज़ेशन प्रक्रिया का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस प्रक्रिया के माध्यम से कुल 8584 लाभुकों का चयन किया गया, जिसमें से औपबंधिक रूप से 7153 लाभुक चयन हुए एवं शेष 1431 लाभूक प्रतीक्षा सूची में शामिल है।
इस अवसर पर उद्योग-सह-पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा, बन्दना प्रेयषी, सचिव, उद्योग विभाग, अलोक रंजन घोष, उद्योग निदेशक, एवं शेखर आनंद, निदेशक, तकनीकी विकास, निखिल धनराज निप्पणीकर, हस्तकरघा एवं रेशम, डॉ राना सिंह, निदेशक CIMP उपस्थित रहें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी सोच से बिहार ने औद्योगिकीकरण और आर्थिक प्रगति के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उनकी पहल पर राज्य में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अतिपिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, और मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना लागू की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य शिक्षित और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।
इन योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्राप्त कुल 541667 आवेदनों में से औपबंधिक रूप से चयनित 9247 आवेदनों को छोड़कर शेष बचे आवेदनों में से कुल 7153 अतिरिक्त नए आवेदकों का औपबंधिक रूप से चयन कम्प्यूटरीकृत रेण्डमाईजेशन प्रणाली द्वारा आज किया गया। इसके अलावा कुल 1431 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इन आवेदनों की स्क्रुटनी मुख्यालय स्तर पर की जायेगी तथा योग्य आवेदकों की सूचि उद्यमी पोर्टल पर जारी की जायेगी।
इन आवेदकों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के 1394, अति पिछड़ा वर्ग के 2109, महिला वर्ग के 1373, युवा वर्ग के 1911 एवं अल्पसंख्यक वर्ग के 366 आवेदक हैं। इसके अतिरिक्त कोटिवार एवं केटेगरी वाइज 20 प्रतिशत आवेदनों को प्रतीक्षा सूचि जिलावार में भी रखा जायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उद्योग-सह-पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “हम सभी इच्छुक उद्यमियों को उनकी जरूरत के अनुसार सहयोग प्रदान कर रहा है। हम उनकी यात्रा में उनके साथ हैं और उनके सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें अतिरिक्त फंडिंग देने के लिए तैयार हैं। हमारा लक्ष्य उनके उत्पादों की ब्रांडिंग को बेहतर बनाना और उनकी वित्तीय पोषण कर उनकी क्षमताओं और उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना है।”
बन्दना प्रेयषी ने कहा, “मुख्यमंत्री उद्यमी योजना समाज के सभी वर्गों के लिए है और सभी को मदद प्रदान करती है। हमारा उद्देश्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाना और इस योजना के तहत सभी इच्छुक लोगों को सहयोग देना है। उद्यमियों में इस योजना को लेकर काफी रुचि दिख रही है, और हम उन्हें पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। “इन्वेस्ट बिहार” कार्यक्रम की सफलता के बाद अब हम मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की सूक्ष्म स्तर पर निगरानी कर रहे हैं, तथा लाभूकों के प्रशिक्षण हेतु उनके नज़दीक ज़िले में प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था की जाये।
अलोक रंजन घोष, उद्योग निदेशक, ने कहा, “हमलोग इस वित्तीय वर्ष में दूसरी बार कम्प्यूटरीकृत रेण्डमाईजेशन प्रणाली द्वारा चयन कर रहे हैं। ये किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए बिल्कुल नई बात है। ऐसा इस योजन को लोकप्रियता को देखते हुए किया गया। इस प्रक्रिया द्वारा हम इस योजना की पारदर्शिता को दर्शाना चाहते हैं और यह सन्देश देना चाहते हैं कि अगर कोई इच्छुक हो तो हम उनकी मदद के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना राज्य सरकार की एक महात्वाकांक्षी परियोजन है, जिसके लिए हम लाभुकों के बीच दूसरी किस्त का वितरण कर चुके हैं।”
शेखर आनंद, निदेशक, तकनीकी विकास, ने कहा,”मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करना है। अब तक इस योजना में औसतन 20% की कमी रहती थी। इसलिए इस साल हमने 20% उम्मीदवारों की प्रतीक्षा सूची भी बनाई है, ताकि अधिक इच्छुक लोगों को मौका दिया जा सके। जैसे ही रिक्तियां बनती हैं, प्रतीक्षा सूची में शामिल प्रत्येक श्रेणी के उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत नए उद्योगों की स्थापना के लिए लाभुकों को अधिकतम 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 50% अनुदान और 50% ऋण शामिल है। ऋण पर मात्र 1% वार्षिक ब्याज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभ
वित्तीय वर्ष 2023–24 तक कुल 34,455 लाभुकों को ₹2832.17 करोड़ की सहायता प्रदान की गई थी।
योजना के तहत चयनित लाभुक राज्य के आर्थिक विकास और उद्यमिता के नए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
राज्य सरकार का यह प्रयास युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उन्हें स्वावलंबन की ओर प्रेरित करेगा। यह पहल बिहार को औद्योगिक और आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।