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बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर लगातार 14 दिनों से अनशन कर रहे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जन सुराज आश्रम में आमरण अनशन तोड़ दिया है। इससे पहले उन्होने पूजा-अर्चना की, गंगा में डुबकी लगाई, बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। फिर छात्रों ने उन्हें केला खिलाकर और जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने गंगा किनारे बन रही टेंट सिटी का मकसद भी बताया। दरअसल प्रशासन से इजाजत लेकर जन सुराज आश्रम बनाया जा रहा है। प्रशांत किशोर ने बताया कि उनका अनशन भले ही खत्म हो गया हो। लेकिन आज से ही सत्याग्रह शुरू हो गया है। ऐसा संकेत मिला है कि साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा के चुनाव तक आश्रम से ही वो अपनी सारी राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीपीएससी के छात्रों ने सरकार को काफी समय दिया। राज्यपाल से लेकर मुख्य सचिव ने छात्रों की समस्या को सुना मगर किसी ने कुछ नहीं किया। अब न्यायालय पर भरोसा है। पीके ने कहा कि बिहार में सिर्फ छात्रों की समस्या की बात नहीं होगी। पूरे बिहार की समस्या को सुधारने के लिए वे सत्याग्रह करेंगे। उन्होंने कहा, “आज से मैं यहां से सत्याग्रह शुरू करने जा रहा हूं। ‘बिहार सत्याग्रह आश्रम’ इस स्थल का नाम दिया गया है।”
अनशन शुरू होने से पहले प्रशांत किशोर अचानक विवादों में आ गये थे। आंदोलनकारी छात्रों पर पुलिस एक्शन से पहले मौके से भाग जाने के लिए वो निशाने पर तो थे ही, कंबल देने के लिए एहसान जताने वाला उनका एक वीडियो भी वायरल हो गया था, लेकिन आमरण अनशन, जमानत की जगह जेल भेजने की बात और अब सत्याग्रह के जरिये वो अपने खिलाफ हुए सारे विवादों को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं, और उसमें बहुत हद तक सफल भी लगते हैं – और अब आगे की राजनीति को सत्याग्रह बता रहे हैं।