बिहार ब्रेकिंगः बिहार के तकरीबन 4 लाख नियोजित शिक्षकों के ‘समान काम समान वेतन’ की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। बिहार के नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। जस्टिस एएम सप्रे और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. इस मामले पर लगातार कई महीनों से सुनवाई चल रही है.वैसे तो हमेशा की तरफ आज की सुनवाई को अंतिम सुनवाई बताया जा रहा है. इस मामले पर लगातार हो रही सुनवाई के बाद कुछ दिनों के लिए रोक लग गई थी. दरअसल मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के दोनों जज किसी अन्य मामले में व्यस्त हो गए थे. इसके बाद 19 सितंबर को सुनवाई की गई.करीब 93 हजार टीईटी पास नियोजित शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा ने इसके पहले अपना पक्ष रखा था. मखीजा ने कहा था कि क्वालिटी एजुकेशन तभी दिया जा सकता है जब हमारे पास क्वालिटी शिक्षक हों. क्योंकि एनसीईटी के हिसाब से आज की तारीख में न्यूनतम शिक्षक योग्यता के साथ-साथ टीईटी पास होना अनिवार्य है. यह बहुत ही कठीन परीक्षा है. इसमें अधिकतम 10 से 15 फीसदी ही बच्चे पास हो पाते हैं, ऐसे में क्यों न टीईटी पास नियोजित शिक्षकों को ही सबसे पहले समान वेतन के दायरे में लाया जाए.सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि एक ही स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक को 70 हजार और एक को 26 हजार देने का क्या आधार है. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी, कि शिक्षकों को स्कूल के चपरासी से भी कम वेतन क्यों मिल रहा है.