मुख्यमंत्री ने ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान पश्चिम चम्पारण जिले के मझौलिया प्रखंड के शिकारपुर गांव का भ्रमण कर विकास कार्यों का लिया जायजा, कई योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रथम चरण की ‘प्रगति यात्रा पश्चिम चम्पारण जिले से प्रारंभ की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पश्चिम चम्पारण जिले के मझौलिया प्रखंड की धोकराहां पंचायत अंतर्गत शिकारपुर गाँव पहुंचकर मनरेगा पार्क का अवलोकन किया। मनरेगा योजना के तहत पार्क का निर्माण हुआ है, जो धोकराहां पंचायत के बीचोंबीच स्थित है, जिसके पश्चिम दिशा में एक तालाब अवस्थित है। इस पार्क में स्थानीय बच्चों के खेलने के लिए ‘चिल्ड्रेन पार्क’ भी बना हुआ है। पार्क के निर्माण से धोकराहां पंचायत के साथ-साथ आसपास की पंचायत के लोग भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं। मनरेगा पार्क के ठीक पीछे जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत निर्माण कराये गये तालाब का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने मछली का जीरा छोड़ने के साथ ही इसे जीविका के ग्राम संगठनों को हस्तांतरण किया। हस्तांतरण के फलस्वरूप मुख्यमंत्री के हाथों प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए जीविका दीदियों का चेहरा उत्साह एवं आत्मविश्वास से भरा हुआ था। इससे न केवल महिलाओं के जीविकोपार्जन में वृद्धि होगी बल्कि महिला सशक्तीकरण को भी बल मिलेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। मनरेगा पार्क के निरीक्षण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने इसके निकट में बने उत्सव भवन एवं पुस्तकालय का उद्घाटन कर अवलोकन किया। यह पुस्तकालय, उत्सव भवन के ठीक दक्षिण में अवस्थित है। इस पुस्तकालय में एक समय में 30 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ लगभग 1000 विभिन्न प्रकार के ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का संग्रहण है। यह पुस्तकालय वित्तीय वर्ष 2024-25 में पंचायती राज विभाग के द्वारा निर्मित है।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निजी (अन्य प्रजाति) पौधशाला प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वन विभाग द्वारा 16 नर्सरी हेतु 48 लाख रुपये का चेक वितरण किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री, हर घर नल का जल, पक्की गली-नाली योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट लाईट योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना इत्यादि का अवलोकन करते हुए गाँव में पहुंचे जहां पी एम ई जी पी योजना के तहत पूनम शर्मा के द्वारा संचालित मोजा निर्माण इकाई का जायजा लिया। इसी परिसर में उद्योग विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने 5-5 लाभुकों को प्रथम किस्त तथा द्वितीय किस्त की राशि का चेक दिया। इसी परिसर के निकट में सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत लाभुक दीदियों को द्वितीय किस्त की राशि विमुक्ति के उपरांत कुल 55 दीदियों को जीविकोपार्जन हेतु ई-रिक्शा का हस्तांतरण मुख्यमंत्री ने किया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रेस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 860.677 लाख रुपये की लागत से निर्मित डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रेस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-ट्रेनिंग सेंटर का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया एवं निरीक्षण के दौरान इस सेंटर में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस भवन में एस डी आर एफ टीम के रहने, प्रशिक्षण एवं आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यवस्था है। भवन निर्माण होने से यहां पर 24 घंटे आपदा से निपटने की तैयारी रहेगी। आपदा प्रबंधन विभाग, पटना द्वारा आपदाओं के दौरान रेस्पॉन्स से संबंधित गतिविधियों का उत्कृष्ट संचालन होगा। इसके साथ-साथ रेस्पॉन्स टीम के सुव्यवस्थित प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्द्धन के अतिरिक्त एस डी आर एफ टीम की 24 घंटे स्थायी प्रतिनियुक्ति होगी।
डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रेस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-ट्रेनिंग सेंटर के उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग द्वारा 11931.00 लाख रुपये की लागत से पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत मसान नदी के दाएँ तटबंध और संबद्ध कार्य का शिलान्यास, जल संसाधन विभाग द्वारा 10962.90 लाख रुपये की लागत से पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत चनपटिया प्रखंड (टिकुलिया पंचायत) से मझौलिया प्रखंड (बहुअरवा पंचायत) तक सिकरहना दायां तटबंध निर्माण कार्य का शिलान्यास, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 5047.47 लाख रुपये की लागत से चनपटिया प्रखंड अंतर्गत तुरहापट्टी पंचायत में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण कार्य का शिलान्यास, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 914.96 लाख रुपये की लागत से पी पी तटबंध से चारमरहा पथ के साथ हाई लेवल ब्रिज स्पैन 2X16.84 मीटर चैनल के निर्माण कार्य का शिलान्यास सहित पश्चिम चम्पारण जिले में विभिन्न विभागों के 752.17 करोड़ रुपये की 400 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से बटन दबाकर शिलान्यास एवं उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम अंतर्गत पीड़ित के आश्रित को परिचारी वर्ग अंतर्गत नियुक्ति पत्र वितरित किया। वहीं अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम अंतर्गत कुल 67 लाभुकों को 11.465 एकड़ भूमि का बंदोबस्ती पट्टा वितरण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना अंतर्गत 02 लाभुकों को अनुदानित ‘बस’ की चाबी भी प्रदान की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने बेतिया शिकारपुर पंचायत में निर्मित अपशिष्ट प्रबंधन इकाई, पंचायत सरकार भवन निर्माण, खेल मैदान तथ जीविका भवन निर्माण हेतु चिन्हित भूमि के बारे में भी जानकारी ली।
बेतिया में मुख्यमंत्री सीधे रमना मैदान अवस्थित महाराजा स्टेडियम पहुँचे, जहां उपस्थित सैकड़ों खिलाड़ियों, खेल प्रेमियों के द्वारा रमना मैदान को उच्च कोटि के स्टेडियम में परिवर्तित करने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि पश्चिम चम्पारण जिला में खेल के प्रति लोगों की काफी अभिरूचि है। यहाँ के युवक-युवतियां खेल के क्षेत्र में लगातार बेहतर कर रहे हैं, किंतु उच्च कोटि के स्टेडियम के अभाव में इन्हें विभिन्न खेल के अभ्यास में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां के बच्चे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल में चयनित होते रहे हैं। वर्तमान में बेतिया शहर में रमना खेल मैदान में महाराजा स्टेडियम अवस्थित है किंतु यह काफी पुराना हो गया है। यदि बेतिया के रमना मैदान को नवीन सुविधाओं से युक्त उच्च कोटि के स्टेडियम का निर्माण कराया जाए तो इस जिले के युवक-युवतियों को अभ्यास करने में आ रही कठिनाइयों से निजात मिलेगी। साथ ही राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल के आयोजनों से राज्य का मान बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी राजेन्दर को इस दिशा में समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसी दौरान जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया ने बताया कि रमना मैदान के ठीक विपरित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल अवस्थित है। पूर्व में यह महारानी जानकी कुंवर अस्पताल था, जो शहर के बीचों-बीच अवस्थित है। बाद में राज्य सरकार के द्वारा इसे 500 बेड की क्षमता वाले राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया। इसके आसपास काफी सघन आबादी है तथा समीप में ही मीना बाजार अवस्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए पूरे शहर को पार करना पड़ता है। दिनों-दिन शहर की आबादी बढ़ने से आए दिन जाम की समस्या भी बनी रहती है। इसके कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार विधि-व्यवस्था की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बरबत सेना से आई टी आई, सर्किट हाउस, स्टेडियम, प्रेक्षागृह होते हुए सागर पोखरा तक का मार्ग 20 फीट चौड़ा है। आगे राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, बेतिया तक जाने का मार्ग काफी क्षतिग्रस्त एवं संकीर्ण है। मुख्यमंत्री ने पथरी घाट से बरबत सेना तक 6.75 कि मी लंबे पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य करने का पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह को निर्देश दिया।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग सह खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी राजेन्दर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय, पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।