मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 23वीं बैठक संपन्न। मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है। इससे लोगों की काफी सहायता होती है। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक आपदा प्रबंधन विभाग को 99 करोड़ 43 लाख 91 हजार 35 रुपये की राशि निर्गत की जा चुकी है। 77 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बैठक में राज्य के बाहर विभिन्न दुर्घटनाओं में बिहार के 139 मृतकों के आश्रितों एवं 61 गंभीर रूप से घायलों को तथा राज्य के अंदर विभिन्न आपदाओं से हुयी 156 व्यक्तियों की मृत्यु के कारण मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान सहायता राशि के रूप में भुगतान किये गये कुल 9 करोड़ 32 लाख रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गयी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 23वीं बैठक सम्पन्न हुयी। मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी एवं चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 22वीं बैठक की हुई कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष की लेखा में प्राप्त राशि, वितरित राशि एवं शेष जमा राशि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक आपदा प्रबंधन विभाग को 99 करोड़ 43 लाख 91 हजार 35 रुपये की राशि निर्गत की जा चुकी है। 77 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया।
बैठक में राज्य के बाहर विभिन्न दुर्घटनाओं में बिहार के 139 मृतकों के आश्रितों एवं 61 गंभीर रूप से घायलों को तथा राज्य के अंदर विभिन्न आपदाओं से हुयी 156 व्यक्तियों की मृत्यु के कारण मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान सहायता राशि के रूप में भुगतान किये गये कुल 9 करोड़ 32 लाख रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गयी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है। इससे लोगों की काफी सहायता होती है। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक आलोक राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोंग्यू, प्रधान सचिव वित्त आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, सचिव स्वास्थ्य, संजय कुमार सिंह उपस्थित थे।