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सीमा शुल्क मुख्यालय पटना के अधिकारियों द्वारा प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर रविवार को दो अलग-अलग मामलों में रेलवे गुमटी, रक्सौल के नजदीक एक गाड़ी संख्या( BR-54D-0949) से 1824 किलोग्राम एवं भारत पेट्रोल पम्प रक्सौल के नजदीक एक अन्य वाहन (BR-28GA-2459) से1774.5 किलोग्राम चाइनीज लहसून को बरामद किया, जिसे सीमाशुल्क अधिनियम के तहत गाड़ी के साथ जब्त कर लिया गया। ज़ब्त किए गए चाइनीज लहसून का गाड़ी सहित कुल अनुमानित मूल्य 22.5 लाख के करीब है इससे पूर्व सीमा शुल्क प्रमंडल मोतिहारी के अधिकारियों के द्वारा 18.अक्टूबर को 810 किलोग्राम चाइनीज लहसून एवं दिनांक 21 अक्टूबर को 900 किलोग्राम चाइनीज लहसून को जब्त किया गया था। इन दोनों जब्त किए गए चाइनीज लहसून का कुल अनुमानित मूल्य 5लाख के करीब थी।
हाल के दिनों में ऐसे छह अन्य मामलों में लगभग चौदह टन चायनीज लहसून की जब्ती हुई है जिसका अनुमानित मूल्य लगभग चौवन लाख रूपये है। वर्ष 2023 में भी गुप्त सूचना के आधार पर सीमा शुल्क के अधिकारियों के द्वारा 64000 किलोग्राम चाइनीज लहसून जब्त किया गया था जिसकी कुल कीमत 1.03 करोड़ थी,जिसके लिए केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमेन के द्वारा सीमा शुल्क पटना के इस उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी। वर्ष 2014 से ही चाइनीज लहसुन को भारत में बैन कर दिया गया है। इसके सन्दर्भ में 2016 में राजस्व ख़ुफ़िया निदेशालय ने एलर्ट सर्कुलर जारी किया जिसके मुताबिक चायनीज लहसून में इम्बेलेसिया अल्लील नमक हानिकारक फ़ंगस के पाए जाने के कारण इसे भारत में बैन कर दिया गया है और इसके गैर कानूनी तरीके से भारत में प्रवेश को ले कर सीमा शुल्क विभाग के फील्ड फॉरमेसन को चौकन्ना रहने के लिए कहा गया।
चायनीज लहसून का उपभोग से उपभोक्ताओं में गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होने की सम्भावना बहुत ज्यादा होती है। चायनीज लहसून पर प्रतिबंध का उद्देश्य भारतीय बाजार में चाइनीज लहसुन के आयात और बिक्री पर रोक लगाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना है। साथ ही चायनीज लहसून के भारत में प्रवेश से यंहा के देशी लहसून कि प्रजातियों के विलुप्त होने का भी खतरा हो सकता है। त्योहारों के समय को देखते हुए बजार में लहसून की माँग ज्यादा हो गयी है जिससे देशी लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में तस्करों द्वारा चायनीज लहसून नेपाल के रास्ते भारतीय बाजार में अवैध तरीके से तस्करी कर लाने की बहुत कोशिश की जा रही है जिसको रोकने के लिए सीमा शुल्क पटना पूरी तरह सजग एवं मुस्तैद है।
चायनीज लहसून कैसे पहचानें
चाइनीज लहसुन चूंकि कैमिकल्स के इस्तेमाल से बनता है अतः इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का इस्तेमाल होता है, ऐसे में यह एकदम सफेद, साफ चमकदार और हल्का सफेद व गुलाबी रंग का होता है। जबकि देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है। भारतीय लहसुन का ऊपरी हिस्सा ऊबड़-खाबड़ एवं उभरी सतह की होती है जो इसके नेचुरल ग्रोथ के कारण होती है। जबकि चायनीज लहसून की बाहरी सतह काफी ज्यादा सॉफ्ट एवं इसका शेप बिल्कुल परफेक्ट दिखता है। चायनीज लहसून का आकार थोड़ा बड़ा होता है जबकि भारतीय लहसुन आकार में छोटा होता है। भारतीय लहसुन की गंध तीखी होती है, जबकि चायनीज लहसून की सुगंध हल्की होती है। चाइनीज लहसुन छीलने में आसान होता है, इसलिए महिलाएं अक्सर मंडियों से इसे ही खरीदती हैं, जबकि देसी लहसुन को इसकी बारीक और पतली कलियों के चलते छीलना थोड़ा मुश्किल होता है। सीमा शुल्क विभाग के द्वारा जब्त किए गए लहसून के नमूने को जाँच के लिए प्लांट एंड क्वारंटाइन विभाग में भेजा जाता है। जाँच में मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं पाए जाने पर पर विभाग के द्वारा इसेनष्ट कर दिया जाता है।
प्रतिबंधित चायनीज लहसून के भारतीय बाजारों में प्रवेश के विरोध में विभिन्न किसान एवं व्यापारी संगठनों ने अपनी अपनी चिंताएं व्यक्त की है। चायनीज लहसुन के भारतीय बाजार में आने से यहाँ के किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि भारत सरकार एवं सीमा शुल्क विभाग इसको रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। पिछले कुछ समय से सीमा शुल्क पटना के आयुक्त डॉ यशोवर्धन पाठक के दिशानिर्देश में तस्करी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलायी जा रही है।उन्होंने ने बताया कि झारखण्ड में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए तस्करी के खिलाफ यह अभियान आगे और भी अधिक प्रबलता से जारी रहेगा एवं इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध सीमा शुल्क अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष एवं उड़नदस्ता टीम का गठन किया गया है व सभी अधिकारीयों को इसके लिए अलर्ट रहने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों यथा रेलवे पुलिस बल, पुलिस विभाग तथा अन्य सरकारी संस्थाओं और सूचना देने वाले व्यक्तियों का भी सीमा शुल्क विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस तस्कर निरोधक अभियान में भविष्य में भी बेहतर समन्वय और सहयोग अपेक्षित है ताकि ऐसी गैर कानूनी गतिविधि पर पूर्णविराम लग सके। इस सम्बन्ध में यह भी बताया की तस्करी विरोधी अभियान में सहयोग करने वाले विभागों यथा रेलवे पुलिस बल, पुलिस विभाग तथा अन्य सरकारी संस्थाओं के अधिकारीयों एवं सूचना देने वाले व्यक्तियों को सीमा शुल्क अधिनियम के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।