रबी मौसम में विभिन्न फसलों की खेती के लिए 39.806 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित: मंगल पांडेय। कृषि मंत्री ने किया रबी महाभियान अंतर्गत राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का उद्घाटन। मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभाग की विभिन्न योजना अंतर्गत अनुदान उपलब्ध। किसानों के प्रषिक्षण से उत्पादन में होगी वृद्धि व आएगी पारदर्शिता।
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राज्य के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने बामेती पटना में आयोजित रबी महाभियान 2024 के अंतर्गत राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने की। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा रबी मौसम में फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी एवं प्रचार-प्रसार तथा विभिन्न उपादानों का वितरण पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चैहान का लक्ष्य है कि हर हालत में किसानों का क्षमतावर्द्धन कर उनकी आय दोगुनी की जाय।
पांडेय ने कहा कि रबी फसलों के आच्छादन क्षेत्र का लक्ष्य 39.806 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जिसमें गेहूं 26़.147, मक्का 8.026, जौ 0.182 तथा कुल दलहन का आच्छादन क्षेत्र 5.442 लाख हेक्टेयर है। इसके अतिरिक्त 2.371 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तेलहनी फसलों का उत्पादन किया जायेगा, जिसमें राई/सरसों 2.120, तीसी 0.223 लाख हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है। उन्होंने कहा कि गेहूं का बीज 362302.8 क्विंटल, चना 34844.16 क्विंटल, मसूर 58588 क्विंटल, मटर 10000 क्विंटल, तीसी 950 क्विंटल तथा राई/सरसों 3825 क्विंटल अर्थात कुल 4 लाख 70 हजार 510 क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 76573.67 क्विंटल बीज की आपूत्र्ति की गई है। दलहनी एवं तेलहनी फसलों के बीज का वितरण जारी है। साथ ही, गेहूं के बीज का वितरण भी आरम्भ किया जा रहा है। अभी तक विभिन्न फसलों के बीज वितरण पर लगभग 225 करोड़ रूपये की अनुदान राशि का व्यय किया जा चुका है।
पांडेय ने कहा कि देश के अंदर दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ क्रियान्वित करने का निदेश है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध है। भारत सरकार द्वारा रबी मौसम के फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रूपये से लेकर 300 रूपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। देश एवं राज्य के किसानों को समृद्ध बनाना डबल इंजन सरकार का लक्ष्य है। पाण्डेय ने कहा कि इस महाभियान के माध्यम से किसानों को तेलहन, दलहन के साथ-साथ बागवानी फसलों, गेहूं के बीज/उपादान तथा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा लाभार्थी किसान को कृषि की उन्नत तकनीक एवं विभागीय योजना में देय अनुदान के संबंध में जानकारी एवं प्रशिक्षण दी जाएगी तथा उनके बीच विभिन्न योजनाओं के तहत् अनुदानित दर पर उपादान का वितरण भी किया जाएगा। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (कृषोन्नति योजना)-दलहन योजना अन्तर्गत किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु मसूर प्रत्यक्षण कार्यक्रम के लिए किसानों को प्रति एकड़/प्रति प्रत्यक्षण 3 हजार 600 रूपये के साथ ही, 2000 प्रति एकड़ रूपये नगद अनुदान सहायता दिया जा रहा है एवं मसूर फसल प्रमाणित बीज वितरण कार्यक्रम (दस वर्ष से अधिक एवं कम आयु के प्रभेद) बीज मूल्य का 80 प्रतिशत या 10,160 रूपये प्रति क्विंटल दोनों में जो न्यूनतम हो, अनुदान दिया जायेगा।
इस अवसर पर कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि हम रबी मौसम में हमे मक्का के साथ मटर तथा सरसों के साथ मधुमक्खी पालन पर विशेष बल देना है। साथ ही, दलहन तथा तलहने का उत्पादन बढ़ाना, गेहूँ की बुआई 15 दिन पहले करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर कृषि विभाग के विशेष सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, अपर निदेशक (शष्य)-निदेशक, बामेती धनंजयपति त्रिपाठी सहित विभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारीगण मौजूद थे।