पदमाकर सिंह लाला,समस्तीपुर:– समस्तीपुर जिले की नई पुलिस कप्तान हरप्रीत कौर को लोग कड़क पुलिस ऑफिसर केरूप में जानते हैं। गुंडे उनका नाम सुनकर ही भाग खड़े होते हैं। प्रकाश झा की फिल्म ‘जय गंगाजल’ में SP आभा माथुर की भूमिका निभाते समय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने तत्कालीन कैमूर SP हरप्रीत कौर को फॉलो किया था। फिल्म में जिस तरह से प्रियंका अपराध में शामिल लोगों पर कार्रवाई करती हैं, कमोबेश उसी तरह हरप्रीत का व्यवहार अपराधियों के साथ रहता है।
बचपन से IPS बनना चाहती थीं
26 जून 1980 को पंजाब प्रान्त के बरनाला जिला के छोटे से गांव अलकड़ा में जन्मीं आईपीएस अधिकारी हरप्रीत कौर के पिता जोगिन्दर सिंह शिक्षक हैं और माता जस्मिल कौर एक धर्मपरायण गृहिणी। हरप्रीत कौर कहती हैं कि उनके पिता उन्हें बचपन से ही बड़ी होकर पुलिस अफसर के वर्दी में देखना चाहते थे।नतीजतन कमोबेश उनका भी यही सपना था।
हरप्रीत कौर कार्य विवाह बिहार कैडर के ही एक आईपीएस अधिकारी मानवजीत सिंह ढिल्लो से हुई है। गौरतलब हो कि अपनी ट्रेनिंग के दौरान दोनों एक साथ ही थे। मानवजीत सिंह ढिल्लो और हरप्रीत कौर ने वर्ष 2011 के अक्टूबर माह में शादी की थी।
प्रियंका चोपड़ा के रील लाइफ की प्रेरणा है रियल IPS हरप्रीत
फिल्म अपहरण, गंगाजल आदि से चर्चित फिल्म निर्देशक
प्रकाश झा की फिल्म ‘जय गंगाजल’ में SP आभा माथुर की भूमिका निभाने वाली प्रियंका चोपड़ा का लुक और हेयर स्टाइल हरप्रीत कौर से काफी मिलता-जुलता है। क्लीफ ऐज फिल्मस एंड सप्तऋषि सिने वीजन प्राइवेट लिमिटेड के अनिल पाटिल ने फेसबुक पर हरप्रीत कौर के बारे में लिखा था कि जब वह बेगूसराय में एसपी थीं, तब उनकी कुछ फोटोज उन्होंने देखी थी। इस फोटोज को उन्होंने एक डायरेक्टर के माध्यम से प्रियंका चोपड़ा को भिजवाया था। प्रियंका चोपड़ा ने ‘जय गंगाजल’ में उन फोटोज को ही देखकर अपना लुक तैयार किया।
गुंडे-बदमाशों को हरप्रीत के नाम से ही छुटते है पसीने
आइपीएस अधिकारी हरप्रीत कौर को लोग कड़क पुलिस ऑफिसर के रूप में जानते हैं। अपराधी इनके नाम से ही खौफ खाते हैं। किसी भी हालत में कानून का राज कायम रखने को संकल्पित और शराबबंदी में अहम भूमिका निभाने के लिए राज्य सरकार उन्हें उत्पाद पदक से भी नवाज चुकी हैं। एसपी हरप्रीत कौर अपने कामों से लगातार सुर्खियों बनी रहती हैं। उग्रवादियों और अपराधियों को सबक सिखाने वाली “लेडी सिंघम” के नाम से चर्चित एसपी हरप्रीत कौर को आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया जा चुका है यह सम्मान किसी आईपीएस को तब मिलता है जब वह दो वर्ष से अधिक समय तक नक्सल क्षेत्र में रहकर शान्ति व्यवस्था कायम रख सकें।फिलवक्त देखना है कि अपने काम की शैली से सिंघम की पहचान बना चुकी हरप्रीत कौर उस समस्तीपुर को कितना बदल पाती है । गत वर्षों में अपराध के क्षेत्र में अपनी पहचान कायम कर चुके इस जिले में बढ़ रही अपराधिक वारदातों ने अमन पसंद लोगों को माथे बल सोचने पर मजबूर कर दिया है।ऐसे में अपराधियों व शराब माफियाओं पर दबिश बनाना हरप्रीत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।