आनंद कौशल, प्रधान संपादक, बिहार ब्रेकिंग
अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं के लिए बिहार सरकार ने रोजगार का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सीएम नीतीश कुमार ने इस दिशा में बेहद शानदार पहल की है और अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं को कारोबार की ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। बिहार में उद्यिमता को बढ़ावा देने के लिए के बेहद शानदार प्रयोग करते हुए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति-जनजाति उद्यमी योजना की शुरूआत कर दी है। इसके तहत चयनित युवाओं को उद्योग विभाग की ओर से प्रशिक्षण और सहायता दी जाएगी साथ हीं इन्हें सरकारी मदद भी दी जाएगी। बिहार में रोजगार के दृष्टिकोण से भी यह बेहद शानदार कदम है। इस योजना के तहत प्रशिक्षित होकर लाभार्थी बिहार के विकास में अपनी भागीदारी निभाएंगे। उद्योग विभाग के अनुसार कमजोर तबकों के युवओं में उद्यमिता को लेकर रूची काफी कम है, इसलिए इनके बीच अभिरूची को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को मंजूरी दी गयी है। इस योजना के तहत उद्यमियों का चयन उद्योग विभाग की परियोजना अनुश्रवण समिति की ओर से किया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति-जनजाति उद्यमी योजना को शुरु की है। इसके तहत इस योजना के तहत चयनित युवाओं को उद्योग विभाग की ओर से प्रशिक्षण और सहायता दी जाएगी। साथ ही, उन्हें सरकारी मदद भी दी जाएगी। उद्योग विभाग के मुताबिक कमजोर तबकों के युवाओं में उद्यमिता को लेकर रुचि काफी कम है, इसीलिए इनके बीच अभिरुचि को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत उद्यमियों का चयन उद्योग विभाग की परियोजना अनुश्रवण समिति की ओर से किया जाएगा। इसके तहत विभाग ने उद्यमियों को कारोबार को लेकर प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्हें राज्य में 19 इन्क्यूबेशन सेंटर्स के साथ जोड़ा जाएगा। इन्क्यूबेटर्स इन्हें कारोबार के गुर सिखाएंगे। उन्हें उत्पादन से लेकर विपणन तक सभी प्रक्रियाओं के बारे में सिखाया जाएगा। जबकि पैसा जुटाने में केंद्र भी मदद करेगा। प्रदेश के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों को सूक्ष्म और लघु उद्योग लगाने के लिए सरकार ने इस तरह की विशेष योजना की शुरुआत की है। इसके लिए नयी वेबसाइट बनायी गई है। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम ूूू.नकलवह.इपींत.हवअ.पद द्वारा किया जा सकता है। इसकी सभी प्रक्रियाएं पेपरलेस होंगी। उद्योग लगाने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक की राशि देने का प्रावधान है। संबंधित प्रक्षेत्र के युवा युवतियों को कुल परियोजना लागत (प्रति इकाई) का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपए ब्याजमुक्त ऋण होगा। 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपए विशेष प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अनुदानध् सब्सिडी रुप में दी जाएगी। लाभुकों को प्रशिक्षण के लिए प्रति इकाई 25 हजार दिया जाएगा। एससी और एसटी वर्ग को उद्यमी बनाने की योजना की शुरुआत करने के तहत इसी वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पहले चरण में 102 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है। योजना के लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी उद्योग विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति को दी गयी है। चयन समिति में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव अध्यक्ष होंगे। तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक सदस्य सह सचिव होंगे। इसके अलावा आठ सदस्य होंगे। इसमें उद्योग निदेशक, बिहार राज्य वित्त निगम के प्रबंध निदेशक, विभागीय आंतरिक वित्तीय सलाहकार, उद्योग विभाग के योजना प्रभारी उप उद्योग निदेशक, चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान के प्रतिनिधि, विकास प्रबंधन संस्थान, बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष और बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शामिल होंगे। उद्योग विभाग ने इस योजना के लाभार्थियों की योग्यता तय की है। इसके अनुसार आवेदक को बिहार का निवासी होने के साथ ही एससी, एसटी वर्ग का होना चाहिए। उनकी शैक्षणिक योग्यता कम से कम 10़2 या इंटरमीडियट, आईटीआई,पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष उत्तीर्ण होना चाहिए। उनकी न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। उनका संस्थान प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप, लिमिटेड लाइबेलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत निबंधित होना चाहिए। इससे उद्यमियों को राज्य में सूक्ष्म और लघु उद्योग लगाने में सुविधा होगी। मुख्य रुप से पर्यटन, परिवहन, ब्यूटी पार्लर, फोटो स्टेट मशीन और टाइपिंग, मसाला, पापड़, बड़ी बनाना, दाल मिल, तेल मिल, आटा चक्की,सिले-सिलाये वस्त्र, चमड़े के चप्पल-जूते, पर्स, बैग आदि कारोबार करने वाले को प्राथमिकता दी जाएगीइस योजना से संबंधित अधिक जानकारी एवं सहायता के लिए जिला स्थित जिला उद्योग केंद्र स्थापित है। राज्य में औद्योगीकरण हेतु पहले से ही जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र के कार्यालय हैं, जिसकी जिम्मेवारी प्रत्येक प्रखंड स्तर पर औद्योगिक विकास करना भी है। वर्ष 2006-07 से 27 जिलों के जिला उद्योग केंद्रों के अलावे नवसृजित 11 जिला उद्यमिता विकास की योजना है। उद्यमिता विकास योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार राज्य में संभावित उद्यमियों की पहचान कर उनका चयन करना है। चयन के पश्चात प्रशिक्षण द्वारा उद्यमिता विकास कर लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना हेतु प्रेरित करना है। कार्यरत लघु इकाईयों को मानव संसाधन के विकास के द्वारा उनकी क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना है। बहरहाल राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पूरी संभावना है कि दूसरे राज्यों की सरकार इसका अनुकरण करेगी क्योंकि इस पहल के बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद है। दरअसल इस योजना के जरिए सीएम नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं के सपनों को साकार होने की बेहतर उम्मीद दे दी है।