बिहार ब्रेकिंग डेस्क
राज्य में पिछले दो दिनों में कुल 06 पुल धरासायी हो गया। पुलों के गिरने की घटना के बाद राज्य की जल संसाधन विभाग ने अब जांच शुरू कर दी है। मामले में जल संसाधन विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री के गोपालगंज में समाधान यात्रा के दौरान प्राप्त आवेदनों के आधार पर गोपालगंज, सिवान एवं सारण जिलों से बहने वाली छाड़ी /गंडकी नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ साथ नदी जोड़ योजना एवं जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक, छाड़ी, गंडकी, माही, गंगा नदी जोड़ योजना का कार्यान्वयन कराया जा रहा है। जिसके अंतर्गत गंडक नदी के अधिशेष जल को छाड़ी नदी, गंडकी नदी और माही नदी के माध्यम से गंगा में प्रवाहित किया जाना है। करीब 69.89 करोड़ रूपये की लागत से करीब 170 किलोमीटर लंबी, 19 मीटर चौड़ी और तीन मीटर गहरी गाद निकासी का काम किया जाना है।
इस योजना को मार्च 2025 तक पूरा किया जाना है। छाड़ी नदी के प्रवाह को अविरल होने से इस क्षेत्र में बाढ़ से आपदा को कम किया जा सकेगा साथ ही क्षेत्र में भूजल के स्तर में भी सुधार होगा। जल संसाधन विभाग के प्राथमिक जांच में प्रतीत होता है कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान अभियंताओं ने पुल पुलिया को सुरक्षित रखने रखने के लिए एहतियातन कदम नहीं उठाया और समुचित तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं किया। इसमें कार्यकारी संवेदक ने भी लापरवाही बरती है। बिना पर्यवेक्षण के ही खुदाई कर दी गई जिसकी वजह से पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हुआ है। मामले को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उड़नदस्ता दल का गठन किया है जो कि जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गया है। जांच के बाद दोषी लोगों एवं संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सरकार नए पुल के निर्माण के लिए भी तेजी से काम कर रही है और जल्दी ही स्वीकृति दे दी जाएगी। जल संसाधन विभाग ने बताया कि पुल के निर्माण की राशि संवेदकों से वसूली जाएगी।