सुबे में दुग्ध उत्पादन के प्रति सरकार गंभीर दिख रही है ,और कई कदम इसके लिए उठाएं जा रहे हैं,इसके लिए सूबे में कई जगहों को चिन्हित किया गया है जिसमे मोकामा को भी शामिल किया गया है। मोकामा के चयनित किये जाने के बाद आज मोकामा में पशुपालन विभाग के ओर से कई पदाधिकारी आए जिसमें एक संगोष्ठी का आयोजन कर किसानों को आमंत्रित किया गया और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मोकामा वैसे भी पहले से अव्वल रहा है और साथ ही आगे इसे एक हब के रूप में कैसे विकसित किया जाए इस पर परिचर्चा आयोजित की गई। मोकामा में पशुपालकों को चिकित्सकीय सुविधा कैसे उपलब्ध हो सके और दूध की उत्पादन कैसे बढ़ सके इसके प्रति पदाधिकारियों ने लोगों को बताया और गंभीर चिंतन किया । दरअसल सरकार पूरे सूबे में मिल्क उत्पादन बढ़ाना चाहती है और इसके साथ ही मोकामा को खासतौर पर एक डेयरी हब के रूप में विकसित करना चाहती है ,इसी के तहत इस कार्यशाला का आयोजन आज मोकामा में किया गया जिसमें सैकड़ों पशु पालकों ने भाग लिया और कई तरह के प्रश्न पटना से आए पदाधिकारियों से पूछा जिसका जवाब भी उन्हें समुचित दिया गया और किसान संतुष्ट भी दिखे सरकार की इस नियत से स्पष्ट है कि सरकार मोकामा को किसान की भूमि के रूप में देख रही है साथ ही पशुपालन के क्षेत्र में भी उन्नत करना चाह रही है ,हाल ही में सरकार ने टाल में 200 करोड़ की लागत से जल प्रबंधन का कार्य भी किया था, और अब यह मोकामा के लिए दूसरा सबसे बड़ा कदम होगा अगर मोकामा डेयरी हब के रूप में विकसित किया जाता है !
