
बिहार ब्रेकिंगः पूर्णिया के बाल सुधार गृह के डबल मर्डर की एक नयी कहानी सामने आयी है। दरअसल यह हत्याकांड प्रतिशोध की परिणती थी यानि बदला लेने के लिए इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इसके लिए बजाप्ता 25 लाख की सुपारी दी गयी थी। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो यही कहानी सामने आ रही है कि यह हत्या कांड एक बदले की कार्रवाई थी। जानकारी के मुताबिक बाल सुधार गृह (रिमांड होम) से निष्कासित हाउस फादर अमर कुमार झा ने कार्यरत हाउस फादर विजेंद्र कुमार और बाल बंदी की हत्या के लिए बाल बंदियों को 25 लाख की सुपारी दी थी। उसने बंदियों को हथियार उपलब्ध कराने के अलावा नेपाल फरार होने के लिए गाड़ी भी उपलब्ध कराई। इसका खुलासा कांड के मास्टरमाइंड अमर कुमार झा की गिरफ्तारी के साथ हो गया है। अब पुलिस फरार पांचों बाल बंदियों को पकडने के लिए नेपाल रवाना हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस पड़ताल में जब रिमांड होम के पूर्व हाउस फादर अमर कुमार झा की गतिविधियां संदिग्ध लगीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उसने कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि घटना के दिन अमर कुमार झा ने अपने सहयोगियों की मदद से बाल सुधार गृह के अंदर हथियार पहुंचवाया था। गिरफ्तार आरोपित वहां की सुरक्षा-व्यवस्था से पूर्व से अवगत था, इसलिए आसानी से उसने सारी घटनाओं को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने वाले बाल बंदियों का सहयोग करने वाले एक व्यक्ति सूरज कुमार एवं अन्य लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
अपने निष्कासन का बदला लेने के लिए अमर कुमार झा ने बाल सुधार गृह में दो हत्याएं करवाई थीं। उसके खिलाफ एक बाल बंदी ने 22 जून को किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी को आवेदन देकर इलाज के बहाने दो बाल बंदियों को घर घुमाने की शिकायत की थी। बाल बंदी की शिकायत पर अमर कुमार झा को निष्कासित कर दिया गया था और उस जगह पर विजेंद्र कुमार को हाउस फादर नियुक्त किया गया था। इसी बाल बंदी की हत्या की गई।
