बिहार ब्रेकिंग डेस्क
गंगा किनारे दीघा से दीदारगंज तक 213 कच्चे-पक्के मकान टूटेंगे। इनमें होटल, गोदाम और निजी घर भी शामिल हैं। अवैध तरीके से कब्जा कर बनाए गए मकान खाली करने के लिए जिला प्रशासन ने नोटिस भेजा है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में पटना हाईकोर्ट का आदेश 2015 में ही आया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। नोटिस मिलने के एक सप्ताह के अंदर कच्चे-पक्के मकान को खाली करने को कहा गया है। मकान व झोपड़ियां खाली नहीं हुईं तो प्रशासन का बुलडोजर चलेगा। इधर, दीघा, मैनपुरा और एलसीटी घाट के पास सरकारी जमीन पर बनी झोपड़ियों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने गंगा किनारे लगभग 200 एकड़ एरिया की मापी कराई है। इसमें लगभग 10 एकड़ भूमि में अतिक्रमण पाया गया है। पटना सदर अंचल के अंचलाधिकारी द्वारा 30 दिसंबर 2023 को बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम-1956 की धारा-6 (1) के तहत जारी आदेश में कहा गया है कि पटना शहरी क्षेत्र में गंगा किनारे लोगों ने अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है, और कहा कि सबसे अधिक अतिक्रमण मैनपुरा मौजा के थाना संख्या -140 और 141 , केश्वपुर दीघा दियारा में पाया गया है। कागजात की छानबीन में यह भी पाया गया कि दीघा दियारा थाना एक और 1/2 जो खासमहल की भूमि है जो 1929 में सर्वेक्षण किया गया था। यहां 1973-74 से ही लोगों ने गंगा किनारे सरकारी जमीन पर कब्जा है। यही स्थिति एलसीटी घाट के समीप भी पाई गई है।
लोगों से जमीन के कागजात मांगे गए। कागजात की छानबीन में जिन इलाकों में अतिक्रमण पाया गया है उसे खाली करने को कहा गया है। इसमें कुल 213 लोगों द्वारा बनाए गए कच्चे-पक्के मकान शामिल हैं। मकान खाली करने के लिए माइकिंग कराई जा रही है। साथ ही संबंधित लोगों को नोटिस भी दिया गया है। पटना सदर अनुमंडल के एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खंडेकर ने बताया कि जिन लोगों को नोटिस भेजी गई है उन्हें समय सीमा के अंदर खाली करने को कहा गया है अन्यथा जेसीबी से सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा।