बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जेडीयू का अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी में हलचल तेज हो गई है। पटना स्थित बीजेपी दफ्तर में शनिवार को प्रदेश नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया, और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अहम बातचीत हुई। इसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इसमें अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पार्टी के अभियान की रणनीति पर चर्चा की गई। अयोध्या में राम मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसके बाद दो महीने तक बिहार के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों से पार्टी लोगों को अयोध्या ले जाएगी और राम मंदिर के दर्शन कराएगी। वैसे तो इस बैठक की तारीख कुछ दिनों पहले ही तय हो गई थी। मगर जेडीयू नेतृत्व में हुए बदलाव के बाद इस बैठक के आयोजन से सियासी गलियारों में चर्चा तेज है।
बीजेपी नेताओं की इस बैठक में आगामी चुनाव के अलावा अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे बिहार में अभियान चलाने पर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से नए साल में लवकुश रथयात्रा भी निकालने वाली है। इसकी शुरुआत 2 जनवरी को पटना से होगी। इसके जरिए बीजेपी लवकुश वोटबैंक को साधने की कोशिश करेगी। इसका नारा सबके सिया, सबके राम रखा गया है। जेडीयू के वोटबैंक में सेंधमारी के लिए बीजेपी ने यह प्लान बनाया है।बता दें कि एक दिन पहले ही जेडीयू की दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जेडीयू के अध्यक्ष बन गए। जेडीयू नेतृत्व में हुए बदलाव पर विपक्षी दल बीजेपी पूरी नजर बनाए हुए है। चर्चा है कि नीतीश के जेडीयू अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी नेताओं की चिंता बढ़ गई है। जेडीयू के खिलाफ बिहार बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति को और धार देने में जुट गई है।