बिहार ब्रेकिंग डेस्क
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज नालंदा जिला अंतर्गत सिलाव अचल स्थित बड़गांव में 121 करोड़ रुपये की लागत से बने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नव निर्मित भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के सी सिन्हा ने मुख्यमंत्री को पौधा, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया ।
नालंदा खुला विश्वविद्यालय का यह परिसर 10 एकड़ क्षेत्र में लगभग 121 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है। इस नये भवन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कार्यालय के साथ-साथ सेमिनार, सम्मेलन एवं कार्यशाला आयोजित करने की सुविधायें उपलब्ध करायी गयी हैं। इसमें छात्रों एवं छात्राओं के लिये अलग-अलग छात्रावास तथा अतिथिशाला भी बनाये गये हैं। इससे विश्वविद्यालय में कला-संस्कृति एवं खेल – कूद आदि से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन में शामिल होने के लिये दूर से आनेवाले विद्यार्थियों को रहने में सहूलियत होगी। अतिथिशाला की सुविधा से सेमिनार एवं कार्यशालाओं में भाग लेने हेतु देश-विदेश से आनेवाले विद्वानों को रहने में सुविधा होगी। यहां पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्रों के अध्ययन के लिये स्टूडियो भी तैयार किया गया है। लाइब्रेरी और कम्प्यूटर लैब भी अलग-अलग तल पर बनाये गये हैं। वर्तमान में नालंदा खुला विश्वविद्यालय में 105 पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इनमें से अनेक पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी, व्यावसायिक एवं कौशल विकास से संबंधित हैं। अभी नालंदा खुला विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की कुल संख्या लगभग 1 लाख 20 हजार है।
उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलन कर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के भवन का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय, एकेडमिक भवन, एडमिन भवन आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नव निर्मित भवन में विद्यार्थियों के पठन-पाठन, उनके आवासन एवं अन्य उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दी। कुलपति श्री के सी सिन्हा ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहां अतिथियों के ठहरने के लिए 24 कमरों के गेस्ट हाउस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां परीक्षा भवन की क्षमता 1500 विद्यार्थियों की है। उसका विस्तार करें और परीक्षा भवन को 2500 विद्यार्थियों की क्षमता के रुप में विकसित करना सुनिश्चित करें। इसका इस्तेमाल ऑडिटोरियम के रूप में भी हो सकेगा। इस विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति, प्रतिकुलपति प्रोफेसर, विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मियों के आवासन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध रखें। उन्होंने कहा कि यहां नालंदा खुला विश्वविद्यालय का काफी सुंदर एवं भव्य भवन बन गया है। बड़ी संख्या में यहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए हर प्रकार की बुनियादी सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई गई हैं। बेहतर ढंग से इसका निर्माण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां काफी जगह है। इसके एक हिस्से को विश्वविद्यालय के कॉन्सेप्ट के रुप में भी विकसित करें। एक तरफ खुला विश्वाविद्यालय के कॉन्सेप्ट पर विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे, वहीं इसके दूसरे हिस्से में विश्वविद्यालय की तर्ज पर भी विद्याथी शिक्षा ले सकेंगे।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सासंद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, विधान पार्षद श्रीमती रीना देवी, पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील, पूर्व विधायक राजीव रंजन, पूर्व विधान पार्षद राजू यादव, पूर्व विधान पार्षद हीरा प्रसाद बिंद, मुख्य सचिव आमीर सुबहानी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बी कार्तिकेय धनजी, आई जी पटना प्रक्षेत्र राकेश राठी, नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के रजिस्टार प्रोफेसर मो हबीबुर रहमान, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के रजिस्टार (परीक्षा) डॉक्टर नीलम कुमारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय पदाधिकारी गण, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का कामकाज पटना में छोटी-सी जगह से होता था लेकिन अब बड़गांव, नालंदा में इसके भवन का बड़े स्तर पर निर्माण करवाया गया है। हमने इसके लिए यहीं पर जगह देखी थी और अधिकारियों से कहा था कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का निर्माण यहीं पर करवाइए। नालंदा खुला विश्वविद्यालय का भवन अब बहुत सुंदर बन गया है। अब बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां पर अपना नामांकन करा सकते हैं। इस विश्वविद्यालय में राज्य के बाहर के भी छात्र-छात्राएं नामांकन कराते हैं इसीलिए हमने सलाह दी है कि अगर यहां पर आकर कोई पढ़ना चाहे तो उसके रहने-खाने और अन्य सुविधाओं आदि का भी पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए। यहां पढ़ानेवाले शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के रहने के लिए बड़े-बड़े कमरों वाले भवनों का भी निर्माण करा दिया गया है। इससे बढ़िया ओपन यूनिवर्सिटी इस देश में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। इसका निर्माण अपने आप में अद्भुत है। हमने वर्ष 2019 में इसका शिलान्यास किया था और आज ये बनकर तैयार हो गया है। आज हमने इसका उद्घाटन भी कर दिया है। अब जब यह बनकर तैयार हो गया है तो एक-दो दिन में पटना से यहां पर सारा कुछ शिफ्ट कर दिया जाएगा। अब नालंदा खुला विश्वविद्यालय का सारा काम यहीं से होगा। अगर जरूरत होगी तो इसका विस्तार भी किया जाएगा।
जाति आधारित गणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा वापस लिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना का काम करवाना केंद्र सरकार का अधिकार है लेकिन हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। सब पार्टियों की सहमति से यह काम करवाया जा रहा है। जाति आधारित गणना का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों में जनगणना करवाती है। राज्य सरकार जनगणना नहीं करवा सकती इसीलिए हमलोग गणना करवा रहे हैं। गणना का काम राज्य के अधिकार में आता है। केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के दौरान अनुसूचित जाति-जनजाति और अल्पसंख्यकों की गणना का प्रावधान है लेकिन हमलोग बराबर कह रहे थे कि अन्य सभी जाति-धर्म के लोगों की भी गणना करवा लीजिए। यह काम अबतक हो जाना चाहिए था लेकिन कहां हुआ ? हमलोग जनगणना नहीं बल्कि गणना का काम करवा रहे हैं। हमलोग सभी जाति-धर्म, चाहे वे उच्च जाति के हों या पिछड़े-अति पिछड़े जाति के हों, अनुसूचित जाति-जनजाति के हों, दलित-महादलित हों या फिर हिंदू – मुस्लिम, किसी भी धर्म के हों, किसकी कितनी संख्या है उनकी गिनती के अलावे सबों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी जुटा रहे हैं। हमलोग आर्थिक स्थिति की जानकारी इसीलिए जुटा रहे हैं ताकि कोई किसी जाति-धर्म का हो, उसके विकास के लिए काम कर सकें। हमलोग राज्य के हित में काम कर रहे हैं। इसके विरोध का कोई मतलब नहीं है। हमलोग अच्छा काम कर रहे हैं इसीलिए बहुत लोगों को ऐतराज होता है ।
मुंबई में होनेवाली इंडिया गठबंधन की बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा हमारा काम अधिक-से-अधिक पार्टियों को एकजुट करना है। व्यक्तिगत रूप से मुझे किसी पद या किसी चीज की इच्छा नहीं है। हम तो कल भी इस बात को दोहरा चुके हैं।
इंडिया’ महागठबंधन में कुछ और पार्टियों के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस पर बोलना ठीक नहीं होगा । आपलोग देखते रहिए, जब बैठक में लोग आएंगे तो आपलोगों को पता चल जाएगा। इसपर पहले से बोलना ठीक नहीं होगा ।
लोकसभा चुनाव से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सभा चुनाव कभी भी हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि समय पर ही चुनाव हो, केंद्र सरकार कभी भी चुनाव करा सकती है। हम तो सात-आठ महीना पहले से ही कह रहे हैं कि चुनाव कभी भी हो सकता है इसीलिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए। हम उसी काम में लगे हुए हैं। मेरी व्यक्तिगत कोई इच्छा नहीं है। हम सबको एकजुट करना चाहते हैं।
लोक सभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की रणनीति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनलोगों को जो करना है करने दीजिए। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। चुनाव आने पर हमलोग अपना प्रचार-प्रसार करेंगे।