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हरतालिका तीज विवाहित महिलाओं के लिए एक ऐसा व्रत जो उसे विश्वास दिलाता है कि इस व्रत को करने से उनका सुहाग सुरक्षित रहेगा, उनके पति की आयु लंबी होगी। इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करते हैं और उनसे अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत को महिलाएं निर्जल रहकर पूरा करती हैं वहीँ महिलाएं न तो दिन में सोती हैं और न ही रात में। हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत ही बड़ा महत्व है और माना जाता है कि अगर महिलाएं इस व्रत को करें तो इससे उनके पति की आयु लंबी होती है और वे सुहागन रहेंगी। कहा जाता है कि माता पार्वती ने शिव की प्राप्ति के लिए इस व्रत को सबसे पहले किया जाता है और इसी वजह से आज भी महिलाएं इस व्रत को करती हैं। इस व्रत के दौरान पूजा करते हुए महिलाएं माता पार्वती को सुहाग की सारी चीजें अर्पण करती हैं।
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कब है तीज और शुभ मुहूर्त-
इस वर्ष तीज का व्रत 30 अगस्त यानि मंगलवार को रखा जायेगा। इस दिन महिलाएं बगैर कुछ खाए पिए रहेंगी और शाम के समय तैयार होकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करेंगी। मिथिला पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट रहेगी। दयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त मंगलवार को रखा जाएगा। साथ ही हस्त नक्षत्र 12 बजकर 01 मिनट रात्रि तक है। हरतालिका तीज पूजा के शुभ मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:33 से 12:24 तक। विजयी मुहूर्त दोपहर 02:05 से 02:56 तक। अमृत काल मुहूर्त शाम 05:38 से 07:17 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:07 से 06:31 तक, सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:19 से 07:27 तक एवं निशिथ मुहूर्त रात्रि 11:36 से 12:21 तक का है।
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व्रत पूजा की विधि-
इस व्रत में पूजा करने के लिए महिलाएं मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाती हैं, और पूजा की थाली सजा कर भगवान को याद करती हैं। पूजा के सामान में सुहाग की वस्तुएं मुख्य रूप से रखी जाती है। माना जाता है कि इससे माता पार्वती खुश होती हैं और व्रत करने वाले को उसकी मनोकामना पूर्ण करती हैं। माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं अर्पण करने के साथ ही भगवान शिव और गणेश को भी वस्त्र अर्पण किया जाता है। पूजा के उपरांत महिलाएं व्रत कथा सुनती हैं और पूरी रात जग कर भगवन शिव और पार्वती का आह्वान करती हैं।
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व्रत के दौरान क्या न करें-
कहा जाता है की व्रत के दौरान महिलाओं को गुस्सा होने और किसी भी प्रकार का क्लेश करने से बचना चाहिए। महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि घर में किसी भी प्रकार का कोई क्लेश न हो और किसी प्रकार का कोई झगडा न हो। खुद भी संयम रखना चाहिए और किसी के ऊपर गुस्सा नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि गुस्सा करने से ध्यान केन्द्रित नही हो पता है। महिलाएं ध्यान रखें कि व्रत के दौरान गलती से भी न सोयें। इस व्रत में दिन एवं रात में नींद नहीं लेना है। पुरे दिन और पूरी रात जागना आवश्यक है। नींद से बचने के लिए महिलाओं को रात में जागरण करना चाहिए जिससे नींद न आये।