मुख्यमंत्री ने अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश
सरकार किसानों को हर संभव सहायता देने के लिए है प्रतिबद्ध। अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति पर पूरी नजर रखें। प्रखंडवार स्थिति का आकलन कराएं, संभावित सूखे की स्थिति में किसानों को हर संभव मदद देने की योजना बनाएं। डीजल अनुदान योजना के तहत किसानों को डीजल अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं। किसानों को 16 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करें । बिजली की उपलब्धता रहने से किसानों के लिये सिंचाई कार्य सस्ता एवं सहूलियतपूर्ण होगा। जितने क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है उसके बचाव के लिए किसानों को सिंचाई उपलब्ध कराएं। जो किसान अल्प वर्षापात के कारण खेती नहीं कर पाये हैं, उनकी मदद करनी होगी। वैकल्पिक फसल योजना के तहत इच्छुक किसानों को जल्द-से-जल्द बीज उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को कृषि कार्य में राहत मिल सके। लोगों को पेयजल में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसकी भी मॉनीटरिंग करते रहें।
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बिहार ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अणे मार्ग स्थित संकल्प में राज्य में अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से संभावित सुखाड़ की स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी ली। बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 01 जून से 17 अगस्त तक वर्षापात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षापात से 6 प्रतिशत अधिक वर्षापात हुआ जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 182 मिमी कम है। जुलाई माह में वर्षापात का विचलन 60 प्रतिशत है जो पिछले वर्ष की तुलना में 123 मिमी कम है। 01 जून से 31 जुलाई की अवधि में 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ लेकिन 20 जुलाई से पुनः मॉनसून के सक्रिय हो जाने से अधिकांश भागों में वर्षा हुई। जुलाई माह के उत्तरार्द्ध और अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में वर्षा के कारण धान के आच्छादन में वृद्धि हुई। 01 अगस्त से 17 अगस्त तक वर्षापात का विचलन 46 प्रतिशत है परंतु अगस्त माह के द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में वर्षापात में कमी के कारण 17 अगस्त को सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ। उन्होंने बताया कि जून माह में राज्य के 19 जिले में सामान्य वर्षा हुई, जबकि जुलाई माह में वर्षापात की कमी के कारण तीन जिलों अररिया, किशनगंज और सुपौल को छोड़कर शेष 35 जिलों में सामान्य से कम वर्षापात दर्ज किया गया। 20 जुलाई तक 212 प्रखण्ड कम वर्षापात की स्थिति से ज्यादा प्रभावित था लेकिन अब यह स्थिति 123 प्रखण्डों में है।
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आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि कोसी नहर, गंडक नहर एवं सोन नहर के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। लखीसराय में हरोहर नदी के माध्यम से किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान योजना के अंतर्गत 01 लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 27099 आवेदकों को राशि ट्रांसफर कर दी गयी है। शेष आवेदकों की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आकस्मिक फसल योजना के तहत 12 प्रकार की फसल के बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति पर पूरी नजर रखें और किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखें। प्रखंडवार स्थिति का आकलन कराएं। संभावित सूखे की स्थिति में किसानों को हर संभव मदद देने की योजना बनाएं। उन्होंने कहा कि डीजल अनुदान योजना के तहत किसानों को डीजल अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं। जो बचे हुए आवेदक हैं उनको जल्द राहत दिलाएं। किसानों को 16 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करें। बिजली की उपलब्धता रहने से किसानों के लिये सिंचाई कार्य सस्ता एवं सहूलियतपूर्ण होगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है उसके बचाव के लिए किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराएं जो किसान अल्प वर्षापात के कारण खेती नहीं कर पाये हैं, उनकी मदद करनी होगी। वैकल्पिक फसल योजना के तहत इच्छुक किसानों को जल्द-से-जल्द बीज उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को कृषि कार्य में राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को आश्वस्त करना होगा कि आपदा की स्थिति में सरकार उन्हें हरसंभव मदद देगी। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। लोगों को पेयजल में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसकी भी मॉनीटरिंग करते रहें।
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बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन रवि मनु भाई परमार, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, आपदा सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।