मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की 414.84 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का किया शिलान्यास / उद्घाटन / लोकार्पण और शुभारंभ। महिलाओं के उत्थान के साथ-साथ सर्वसमाज के लोगों के लिए हमलोग निरंतर प्रयासरत हैं- मुख्यमंत्री। वर्ष 2007 में पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का वार्षिक बजट 42 करोड़ 17 लाख रूपये था, जो अब बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये हो गया है – मुख्यमंत्री
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बिहार ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की 414.84 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास / उद्घाटन / लोकार्पण और शुभारंभ किया। इन योजनाओं में 341.03 करोड़ रुपये की लागत से 9 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय का निर्माण, 59.87 करोड़ रुपये की लागत से 9 अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास के निर्माण का शिलान्यास एवं 13.94 करोड़ रुपये की लागत से 3 नवनिर्मित जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास भवन का उद्घाटन शामिल है। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सीएम व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना अंतर्गत चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान एवं चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पटना स्थित केंद्रों का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने ‘बिहार में विकास पथ पर अतिपिछड़ा वर्ग’ नामक पुस्तिका का विमोचन किया। पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछडा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने मुख्यमंत्री को पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमत्री ने कहा कि इस विशिष्ट कार्यक्रम के लिए मैं पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछडा वर्ग कल्याण विभाग को बधाई देता हूँ। मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होकर बेहद खुशी हो रही है। जब से मुझे काम करने का मौका मिला तो हमने जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत कराई। कई जगहों पर इसका निर्माण हो चुका है लेकिन अभी कुछ जगहों पर यह बना नहीं है। आज इस कार्यक्रम में पटना, वैशाली और नवादा जिले में 3 नवनिर्मित जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास भवन का उद्घाटन हुआ है, मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। हम तो चाहेंगे कि बचे हुए जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास भवन के निर्माण का कार्य भी जल्द से जल्द पूरा हो जाए। विभाग द्वारा मुझे जानकारी दी गयी है कि इसके लिए दो जगहों पर जमीन मिल गयी है जहाँ पर काम शुरू होना है और 6 अन्य जगहों पर काम चल रहा है। जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास का जहां निर्माण हुआ है, हम वहाँ कुछ साल पहले गये थे और हमने आवासित छात्रों से बातचीत भी की थी, मुझे काफी अच्छा लगा था। कर्पूरी छात्रावास के बचे हुये हिस्से में निर्माण का कार्य चल रहा है। दो जिले बच गये थे, जहाँ छात्रावास निर्माण से संबंधित निविदा की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में बिहार न्यायिक सेवाओं के आरक्षण के संबंध में ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसमें अतिपिछडा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत, पिछड़े वर्ग के लिए 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान किया गया। सबको जोड़ने पर कुल पचास प्रतिशत के आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। अब न्यायिक सेवा में भी सबके लिए ये सुविधा रहेगी। अब सभी लोगों को अवसर मिल रहा है। यह काम निचले स्तर पर भी शुरू हो चुका है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 9 अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास के निर्माण का शिलान्यास किया गया है। हमलोगों के कार्यकाल से पहले बिहार में अतिपिछड़ा छात्रावास की संख्या मात्र तीन ही थी। उसके बाद इस काम को आगे बढ़ाया गया। आज 9 छात्रावासों का शिलान्यास हुआ है, यह बड़ी खुशी की बात है। यह भी जल्दी से जल्दी बन जाए। मुझे जानकारी दी गयी है कि 23 छात्रावासों का कार्य पूर्ण हो चुका है और 6 छात्रावासों का निर्माण कार्य एक साल के अंदर पूरा हो जाएगा, इसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं। इसके अलावा आज 9 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के निर्माण का भी शिलान्यास किया गया है और 9 जगहों पर काम चल रहा है। शेष बचे कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के निर्माण की विभागीय स्तर पर तैयारी चल रही है। इसका निर्माण कार्य भी अगले दो साल के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में करीब 415 करोड़ रूपये की योजना का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। अन्य पिछड़ा आवासीय विद्यालय के निर्माण का कार्य तेजी से हो। इसमें विद्यालय के साथ-साथ छात्रों के आवासन की व्यवस्था रहती है। यह काम तेजी से होगा तो खासकर पिछड़े एवं अतिपिछड़े वर्ग से जुड़े छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। सब लोग पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे, इसी को ध्यान में रखते हुए यह काम किया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से जुड़ी योजनाओं पर आज यहाँ बात हो रही है। हमलोगों की जब सरकार बनी तो हमलोगों ने यह तय किया था कि पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए भी एक विभाग होगा। पहले ही दौर में हमलोगों ने यह काम शुरू किया और विभाग बना। वर्ष 2007 में जब हमलोगों ने इस विभाग को बनाया था तो इस विभाग का वार्षिक बजट केवल 42 करोड़ 17 लाख रूपये का था। अब यह बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये हो गया है। लोग पढ़ें, आगे बढ़ें और विकसित हों, इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव और वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में हमलोगों ने महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। केंद्र सरकार ने पहले ही इसके लिए नियमावली बनाई थी। उस समय हम सांसद थे और इसके लिए दोनों हाउस की जो कमिटी बनी थी, उस कमिटी में हम भी शामिल थे। बड़ी तेजी से काम हुआ लेकिन उसका एक्जीक्यूशन नहीं हो पाया। पिछड़ा वर्ग के लोगों के आरक्षण के संदर्भ में कई तरह की बातें चल रही थीं। हमलोगों की जब सरकार बनी तो हमने पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय के चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग के लिये 20 प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान किया। उस समय अनुसूचित जाति के लिये 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा पहले से पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान किया गया था। जब हमलोगों की सरकार बनी तो हमने तय किया कि महिलाओं को पुरूष के समान ही अधिकार दिया जायेगा। हमलोगों ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी यहाँ आये थे। उन्होंने भी कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2018 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की। हमलोगों ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अंतिम परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि, जबकि संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अंतिम परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रूपये की मदद करेंगे। इस योजना के तहत अब तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा उतीर्ण करने वाले 3.118 अभ्यर्थी एवं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उतीर्ण करने वाले 92 अभ्यर्थी लाभान्वित हो हैं, जबकि अतिपिछड़े वर्ग से बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा पास करने वाले 4,301 अभ्यर्थियों ने और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उतीर्ण करने वाले 113 अभ्यर्थियों ने सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का लाभ लिया है। हमलोगों ने सिर्फ पढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि लोगों को आगे बढ़ाने के लिये भी कई काम किये हैं। उन्होंने कहा कि गाँव में रहने वाले लोगों को भी तरह-तरह की सुविधा दी जा रही है। हमलोगों ने ग्राम परिवहन योजना शुरू कराई। इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के तीन और अतिपिछड़ा वर्ग के दो लोगों को वाहन की खरीद के लिए एक-एक लाख रूपये का अनुदान हमलोग दे रहे हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े 22,887 लोगों को और अतिपिछड़ा वर्ग से जुड़े 16,547 युवकों को हमलोगों ने इस योजना का लाभ दिया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिए उद्यमी योजना की शुरुआत की गयी जिसके तहत 5 लाख रूपये का अनुदान और 5 लाख रूपये के ब्याज मुक्त ऋण देने का काम शुरू किया गया। उसके बाद 24 जनवरी 2020 को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर इस योजना का लाभ अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को देने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2020 में पुनः जब हमलोगों की सरकार बनी तो इसे मंत्रिपरिषद की बैठक पारित किया गया। हमलोगों ने सभी वर्ग की महिलाओं के लिए भी इसे लागू कर दिया। इसके बाद हमलोगों ने उद्यम में रूचि रखने वाले सामान्य वर्ग एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए भी 5 लाख रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये का ऋण मात्र 1 प्रतिशत के ब्याज पर देने की शुरुआत की। हमलोगों ने समाज के हर तबकों के उत्थान के लिए प्रारंभ से ही काम किया है। वर्ष 2012-13 से अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना का लाभ अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को देने का काम किया गया है। अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के स्थान पर अब अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रावास में रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को छात्रावास अनुदान और मुख्य खाद्यान आपूर्ति योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत छात्रों को निःशुल्क आवासन 15 किलोग्राम मुफ्त अनाज के साथ-साथ एक हजार रुपये प्रतिमाह का लाभ भी हमलोग दे रहे हैं। सबके हित में एक-एक काम किया जा रहा है। सर्व समुदाय के कल्याण और विकास के लिए हमलोग निरंतर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं का जब परिणाम आता है तो अपने बिहार के सभी कम्युनिटी के छात्रों का काफी बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलता है। महिलाओं के उत्थान के साथ-साथ सर्वसमाज के लोगों के लिए हमलोग निरंतर प्रयासरत हैं। अब सभी महिलायें और लड़कियां काफी अच्छे ढंग से रहती हैं। गरीब तबके के लोगों के जीवन स्तर में भी काफी बदलाव हुआ है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी आपस में प्रेम एवं भाईचारे के साथ मिलकर पूरी एकजुटता के साथ रहें। इससे समाज, सम्पूर्ण बिहार और देश तेजी से तरक्की करेगा।
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कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछडा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री रेणु देवी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन तथा पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछडा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अध्यक्ष बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग न्यायमूर्ति संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अध्यक्ष बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड संदीप आर पुदकलकट्टी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थीं। कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी तथा अन्य अधिकारीगण भी जुड़े थे।