पटना के बड़े डाॅक्टरों को पढ़ाने वाले डाॅ एस एन पी सिन्हा नहीं रहे। चिकित्सा जगत में शोक की लहर। महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव थे। आचार्य किशोर कुणाल ने अपूरणीय क्षति बताया। पटना मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य और पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थे।
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पटना के तमाम नामचीन वरीय चिकित्सकों को पढ़ाने वाले डाॅ एस एन पी सिन्हा नहीं रहे। गुरुवार देर शाम पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। शुक्रवार को अपराह्न उनके पुत्र अमिताभ नंदन ने शहर के गुलबी घाट पर मुखाग्नि दी। पटना मेडिकल कालेज में छात्र, व्याख्याता, प्राध्यापक, विभागाध्यक्ष, डीन और प्राचार्य के रूप में चार दशकों से ज्यादा समय खपाने वाले 86 वर्षीय डॉ एस एन पी सिन्हा फरवरी 1989 से जनवरी 1995 तक दो बार पटना मेडिकल कालेज के प्राचार्य थे। उसके बाद तीन वर्षों तक पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। दिल्ली एम्स शासी निकाय के सदस्य भी रहे।
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वर्तमान में वे महावीर मन्दिर के विभिन्न संस्थाओं और अस्पतालों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। महावीर आरोग्य संस्थान शासी निकाय के सचिव के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने डाॅ एसएनपी सिन्हा के निधन को चिकित्सा जगत के साथ-साथ महावीर मन्दिर परिवार के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। महावीर आरोग्य संस्थान के निदेशक डाॅ विमल विभाकर और महावीर नेत्रालय के प्रभारी चिकित्सक डॉ यू सी माथुर ने कंकड़बाग स्थित उनके निवास स्थान पर जाकर परिजनों का ढाढ़स बंधाया।
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आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ सहजानन्द ने डाॅ एस एन पी सिन्हा के निधन को चिकित्सा जगत का बहुत बड़ा लाॅस बताते हुए कहा कि पीएमसीएच में पढ़ाई पर उनका बहुत ध्यान रहता था। छात्र अनुशासित रहते थे। अभी भी वे उनसे मार्गदर्शन लेते थे। पटना मेडिकल कालेज में फार्माकोलाजी विभाग के प्राध्यापक डाॅ एसएनपी सिन्हा के छात्र रहे आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ सहजानन्द, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ अजय, बिहार के पूर्व अध्यक्ष डाॅ अजय, पीएमसीएच के प्राचार्य डाॅ विद्यापति चौधरी, डाॅ अभिजीत समेत चिकित्सा जगत की कई हस्तियों ने गहरा शोक प्रकट किया है।