बिहार डेस्क-अनुभव-मोकामा
पिछले एक सप्ताह से मोकामा नगर परिषद में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंद्रह दैनिक मजदूर एवं स्वच्छता निरीक्षक रमाकांत सिंह के निलंबन से नाराज कर्मी पाँच दिन तक सांकेतिक हड़ताल पर रहने के बाद सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल में नगर परिषद कार्यालय के समस्त कर्मी सहित सभी सफाई कर्मी शामिल हैं। बताते चलें कि 23 अगस्त को नगर परिषद की बैठक कर पन्द्रह सफाई कर्मी को हटा दिया गया, जबकि सफाई निरीक्षक रमाकांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। स्वच्छता निरीक्षक रमाकांत सिंह ने बातचीत में बताया कि आज से पाँच वर्ष पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष राजबल्लभ सिंह उर्फ टुन्ना सिंह से उनका कुछ विवाद हो गया था। तब उन्होंने अपने लोगों के साथ बाहुबल का इस्तेमाल करते हुए मेरे घर पर चढ़कर मुझे और मेरे परिवार को गाली गलौज एवं धमकी दी थी। जो केस आज भी बाढ कोर्ट में चल रहा है। कई बार मुझ पर केस वापस करने का दबाव भी बनाया गया, लेकिन जब मैंने केस वापस नहीं लिया तो साजिश के तहत मुझे निलंबित कर दिया गया है। वहीं सफाई कर्मी राजेश रजक का कहना है कि पन्द्रह सफाई कर्मियों को बेवजह ही हटा दिया गया है। कोई भी सफाई कर्मी एनजीओ के अंदर कार्य नहीं करना चाहता, सभी सफाई कर्मी सीधे नगर परिषद के अंदर काम करना चाहते हैं। वहीं सफाई कर्मी धनंजय कुमार ने अध्यक्ष राज बल्लव सिंह उस टुन्ना सिंह पर बेवजह हमेशा गाली गलौज करने का आरोप लगाया है।
नगर परिषद के प्रधान सहायक सुधीर कुमार ने इस प्रकार निलंबन की प्रक्रिया को पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि बिना कारण ही इन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। नगर परिषद के सभापति राज बल्लव सिंह ने बातचीत में निलंबित सफाई निरीक्षक रमाकांत सिंह पर वार्ड पार्षदों के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है, साथ ही साथ मकान की जांच के दौरान अनियमितता बरतने का भी आरोप लगाते हुए उनके निलंबन को पूरी तरह जायज बताया है। उन्होंने कहा कि इन 15 दैनिक मजदूरों को हटाना भी पूरी तरह जायज है, उन्हें 11 महीने के लिए काम पर रखा गया था। जबकि वह पिछले 3 साल से काम कर रहे हैं। साथ ही साथ उनकी हाजरी की भी सही जानकारी नहीं दी जाती है। सभापति ने निलंबन पर किसी भी प्रकार के विचार करने से पूरी तरह इनकार किया है। इन सारे मामलों पर कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित कर निलंबन की प्रक्रिया को गलत बताया है। उनका कहना है कि यह निलंबन का प्रस्ताव कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा पारित किया जाता है। कार्यपालक पदाधिकारी ने बोर्ड से निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। दूसरी ओर कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे नगर में सफाई का काम ठप पड़ा हुआ है, साथ ही साथ कार्यालय में ताला बंद है और किसी भी प्रकार का कार्य नहीं हो पा रहा है।