बेगूसराय में समाज सुधार अभियान में शामिल हुए मुख्यमंत्री
बिहार ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पनहास, बेगूसराय में आयोजित समाज सुधार अभियान में शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजित जनसभा का दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्यमंत्री ने विधिवत शुभारंभ किया। आयुक्त मुंगेर प्रमंडल प्रेम सिंह मीणा ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर, जबकि जिलाधिकारी बेगूसराय अरविंद कुमार वर्मा एवं जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी ने स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री को फूलों की बड़ी माला पहनाकर अभिनंदन किया।
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जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर स्वागत गान प्रस्तुत किया। जीविका दीदी अरुणा देवी द्वारा लिखित दहेज उन्मूलन एवं नशामुक्त समाज पर आधारित गीत को जनसभा में जीविका दीदियों ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए मैं आप सबका आभिनंदन करता हूं। हमलोगों ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में समाज सुधार अभियान शुरू किया था, लेकिन जनवरी माह में तीसरी बार कोरोना का दौर दुनियाभर में, देशभर में और बिहार में भी इसका असर शुरू हो गया, जिसके चलते अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा। सुरक्षा को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगाये गये और गाइडलाइन जारी किया गया। खुशी की बात है कि इसका असर तेजी से खत्म होने लगा। बेगूसराय जिले में कल तक मात्र 5 व्यक्ति कोरोना पीड़ित थे, जबकि खगड़िया जिले में अब कोरोना का कोई मामला नहीं बचा है, हमें पूरा भरोसा है कि कुछ ही दिनों में कोरोना का दौर खत्म हो जायेगा। वर्ष 2019 में दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया था इसका नाम कोविड-19 दिया गया। पिछले साल अप्रैल के मध्य से दूसरा दौर शुरू हुआ था। उसके बाद इस वर्ष जनवरी में कोरोना का तीसरा दौर आया। कोरोना काल में बिहार के लोग जो बाहर फंसे थे उन्हें राज्य सरकार द्वारा हर प्रकार की मदद पहुंचाई गई। उन्हें बिहार लाने का प्रबंध किया गया, इलाज का भी पुख्ता प्रबंध किया गया।
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बिहार पहला राज्य है, जिसने कोरोना संक्रमण से मरनेवालों के आश्रितों को वर्ष 2020 से ही 4 लाख रुपये मुआवजा देने की शुरुआत की। अभी भी लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। अब इससे जल्द से जल्दी मुक्ति मिलेगी। आज जीविका दीदियों ने अपनी बातों का उल्लेख किया है, यह सुनकर काफी अच्छा लगा। सामाजिक कुप्रथाओं को रोकने के लिये इनका प्रयास काफी सराहनीय है। वर्ष 2018 में सतत् जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत कर रोजगार हेतु आर्थिक सहायता दी जा रही है। इससे गरीब तबके के लोगों को काफी सहुलियत मिली है। परिवारों की आमदनी बढ़ी है। प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था। शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हो रही थी। हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया। 9 जुलाई 2015 को पटना में जीविका के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरु किया उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगर आपलोगों ने फिर से सेवा का मौका दिया तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे। उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था। बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया। पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों नगर निगम और नगर परिषद में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था। हमने सोचा कि गांव में इतना अभियान चलाया गया है और शहर में नहीं चलाया गया है तो बाद में इसको हम देखेंगे लेकिन शहरों में महिलाएं, युवक-युवतियों, कई जगहों पर पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद 4 अप्रैल को हमने मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 को कैबिनेट की बैठक करके बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। जननायक कर्पुरी ठाकुर वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने शराबबंदी लागू की थी, 2 वर्ष बाद उसे हटा दिया गया। हमने जब शराबबंदी लागू की तो यह मन बना लिया कि किसी भी कीमत पर हम शराबबंदी से समझौता नहीं करेंगे। इसके लिये विधानमंडल से विधेयक पास कराया गया और सभी सदस्यों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ लिया था। उन्होंने कहा कि आदमी शत प्रतिशत ठीक नहीं होता है। कुछ लोग गड़बड़ मानसिकता के होते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में हम सभी 9 प्रमण्डलों में शराबबंदी को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं का अनुभव जाने थे। उस समय महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर काफी प्रसन्नता व्यक्त की थी। एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे तो दारू पीकर आते थे, मारपीट करते थे, हंगामा करते थे। परिवार में सभी को बुरा लगता था, देखने में खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से सब्जी लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं और घर के काम में भी सहयोग करते हैं। वे अब देखने में अच्छे लगते हैं। दारु पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं। जो खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं। बिहार के विकास के लिए काफी काम किया गया है लेकिन फिर भी कुछ लोग इसकी चर्चा नहीं कर फिजूल की बातें करते रहते हैं। शराबबंदी के बाद कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे। वर्ष 2018 में हमने आकलन कराया तो शराबबंदी के बाद 1 करोड़ 64 लाख से ज्यादा लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। हमलोग पुनः इसका आकलन करा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार की स्थिति में काफी सुधार आया है। बिहार की पहले क्या हालत थी। शाम के बाद घर से निकलने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। सड़कें काफी जर्जर थीं। चाहकर भी कोई कहीं जा नहीं पाता था। बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से हम सांसद थे और केंद्र सरकार में मंत्री थे। उस समय अपने संसदीय क्षेत्र में एक दिन में 12 किलोमीटर तक हम पैदल चला करते थे। सड़क, स्कूल, अस्पताल सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है। आप सब चिंता नहीं कीजिए, एक-एक चीज का हम ध्यान रखते हैं।
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उन्होंने कहा कि पहले बिहार में शिक्षा की काफी बुरी स्थिति थी। पांचवी क्लास से आगे लड़कियां नहीं पढ़ पाती थीं। हमलोगों ने वर्ष 2007 से पोशाक योजना की शुरुआत की। इसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की भी शुरुआत की। उस समय इस तरह की योजना पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी कहीं नहीं थी। घर के काम से अब साइकिल लेकर लड़कियां अपने माता पिता को साथ लेकर बाजार जाने लगीं। जीविका दीदियों को कहेंगे कि इसे भूलियेगा मत। पहले पुरानी बातों की चर्चा खूब होती थी, लोग पुरानी बातों को याद रखते थे लेकिन जब से सोशल मीडिया आया है, नई-नई बातें प्रचारित होने लगी हैं। लोग पुरानी चीजों को भूल जाते हैं। लड़कों की मांग पर उनके लिए भी साइकिल योजना शुरु कर दी गई। पिछले साल की मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से 300 अधिक थी। कुछ लोगों को मौका मिला तो उन्होंने अपने घर की महिलाओं को बड़ा बड़ा पद दिया लेकिन प्रदेष की महिलाओं के उत्थान लिये उन्होंने कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सभी क्षेत्रों के विकास एवं सभी समुदायों के उत्थान के लिए प्रारंभ से ही काम किया है। शिक्षा सड़क, स्वास्थ्य, पुल-पुलिया, महिलाओं के उत्थान, अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के साथ-साथ हाशिए पर खड़े लोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक-एक काम किया गया लेकिन शराब में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लोग खर्च कर देते थे, उस पर रोक लगाने के लिए शराबबंदी लागू की गई। पहले बिहार में बेहतर ढंग से स्वयं सहायता समूह गठित नहीं था। हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अब तक 10 लाख 38 हजार स्वयं सहायता समूहों को गठित किया जा चुका है जिनसे 1 करोड़ 27 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ गई हैं। इसके लिये हमने विश्व बैंक से कर्ज लेकर इस काम को आगे बढ़ाया। हमने इसका नामकरण जीविका समूह किया। उस समय केंद्र के लोगों ने आकर इस काम को देखा और केंद्र में इसका नाम आजीविका समूह कर दिया। इसे भूलियेगा मत, यह हम ही लोगों का किया हुआ है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 फरवरी 2022 को मुंगेर में गंगा नदी पर रेल सह सड़क पहुंच पथ, श्रीकृष्ण सेतु पथ का उद्घाटन किया गया, जिसके बाद खगड़िया, मुंगेर, बेगूसराय आदि जगहों की संपर्कता काफी सुगम हो गई। श्रद्धेय अटल जी की सरकार में, जब केंद्र में हम मंत्री थे उस समय 26 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया था। खगड़िया में अगवानी घाट और सुलतानगंज के बीच में फोरलेन पुल का निर्माण राज्य सरकार करा रही है। इस साल हर हालत में उसका निर्माण कार्य पूरा कराना है। इस पुल पर लोग चलेंगे तो गंगा नदी में डॉल्फिन को भी देख सकेंगे। गंगा नदी में डॉल्फिन के विकास के लिये भी हमलोग काम करते हैं। बरौनी मोकामा के बीच गंगा पर बिहार का पहला पुल राजेंद्र सेतु बनाया गया। उस समय हम 8वीं कक्षा के छात्र थे। बिहार का वह पहला गंगा नदी पर पुल था। मेरे पिता जी ने उस पुल को देखने के लिये भेजा था। शिक्षक हमें पुल को दिखलाने लाये थे, आज भी हमें वह याद है। हम केंद्र सरकार को बधाई देते हैं कि अब राजेंद्र सेतु के समानांतर सिक्सलेन पुल का निर्माण कराया जा रहा है। जीविका समूह से महिलाओं में काफी जागृति आयी है। हमलोगों ने वर्ष 2006 से पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण भी दिया। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। अगले साल नगर निकाय चुनाव होनेवाला था तो उसके लिए भी हमलोगों ने महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अभी हाल ही में ग्राम पंचायत के चुनाव में काफी तादाद में महिलाएं जीत कर आयी हैं। 2006 के बाद अब तक ग्राम पंचायत के चार चुनाव, जबकि नगर निकायों का तीन चुनाव सम्पन्न हो गये हैं। उन्होंने कहा कि हमने पुलिस एवं सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया। इसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में 25 हजार से ज्यादा महिलाएं हैं। इस देश के बड़े बड़ राज्य में भी इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं पुलिस में नहीं हैं, जितनी बिहार की पुलिस बल में हैं। सभी समुदाय के उत्थान के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ लोगों में काफी जागृति आ रही है। अभी कुछ समय पहले ही जहरीली शराब की घटना हुई थी जिसके बाद कुछ लोग कहने लगे कि शराबबंदी का कोई मतलब नहीं है। हमने कहा कि दारु बुरी चीज है, पीयोगे तो मरोगे। 16 नवंबर 2021 को राज्य के सभी अधिकारियों के साथ-साथ हमने 7 घंटे तक समीक्षा बैठक कर समाज सुधार अभियान चलाने का निर्णय लिया। 26 नवंबर से इसकी शुरुआत की गई। इस बार कम से कम 12 जगहों पर जाना निश्चित हुआ है। इस बार यहां लेकर अभी तक हम 9 जगहों पर जा चुके हैं। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान आप निरंतर चलाते रहें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है। कोरोना जैसी गंभीर बीमारी का प्रकोप पूरी दुनिया में 2 सला 4 महीने तक रहा। इस दौरान करीब 24 लाख लोगों की मौत हुई। जो एक साल में शराब पीने से जितनी मृत्यु होती है उससे भी कम है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं, जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। डायबिटीज, लिवर सिरोसिस जैसी अनेक बीमारी शराब पीने से होती हैं। शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं। शराब पीने के कारण दुनिया भर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के बाद भी कुछ लोग शराबबंदी को लेकर अनाप शनाप बोलते रहते हैं। शराब मनुष्य में हिंसक प्रवृति को भी बढ़ावा देता है। इससे संबंधित बुकलेट अपने घरों में रखिए और इसके बारें में लोगों को भी बताइये। इसके बाद भी कुछ लोग कहते हैं कि स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए शराब पीने की इजाजत दी जानी चाहिए।
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शराब पीने के पक्षधर कुछ लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बातों को भी भूल जाते हैं। बापू ने कहा था कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेता है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेता है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। देश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून बना हुआ है। इसके बावजूद यह कुप्रथा आज भी देखने को मिल जाती है। पहले परिवार के लोग लड़कों को ज्यादा और लड़कियों को कम पढ़ाते थे। हमने लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने को लेकर व्यवस्था सुनिश्चित की। समाज में अगर पति-पत्नी नहीं रहते तो हम सबका अस्तित्व नहीं रहता। लड़की नहीं होगी तो लड़के की शादी आप किससे करेंगे। दहेज मुक्त शादी समारोह में ही हमने जाने का निर्णय लिया है। शादी के कार्ड पर दहेज मुक्त शादी की बात लिखी जायेगी तो ही हम उस शादी समारोह में जायेंगे। सभी बहनों से हम आग्रह करते हैं कि दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन को लेकर लोगों को जागरूक करते रहिये। दहेज जैसी कुप्रथा के कारण हत्या, आत्महत्या, महिला प्रताड़ना जैसी घटनायें सामने आती हैं। महिलाओं के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती है। सबसे आगे महिलायें हैं तभी पुरुष हैं। किसी भी कीमत पर बेटियों की शादी कम उम्र न हो और दहेज मुक्त शादी हो। इसके लिये हमेषा लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है। ऐसा करनेवालों का विरोध कीजिये। दहेज लेनेवालों की शादी में जाने से बचें। इससे समाज में परिवर्तन आयेगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर 2017 को हमलोगों ने दहेज प्रथा और बाल विवाह उन्मूलन को लेकर पटना के बापू सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया था। इसी कार्यक्रम के माध्यम से बापू सभागार का उद्घाटन हुआ। बापू सभागार देश का सबसे बड़ा सभागार है। केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव लाया है। कम उम्र में लड़कियों की शादी होने से वे कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। उनके बच्चों की लंबाई भी कम होती है। बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी कमजोर होते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर निरंतर अभियान चलाते रहिए, इसे छोड़ना नहीं है। हमलोग समाज के कल्याण के लिए न्याय के साथ विकास का काम करते रहेंगे। आप लोगों की सेवा करना ही हमारा फर्ज है। आपने हमें मौका दिया है, राज्य को आगे बढ़ाने के लिए हम हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं ताकि देश के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निष्चय-1 के तहत हर घर तक बिजली कनेक्षन, हर घर पक्की गली और नाली का निर्माण, हर घर शौचालय का निर्माण आदि का काम कराया गया। सात निश्चय-2 के तहत सबको काम करने का अवसर मिले इसके लिये युवाओं को प्रषिक्षण दिया जा रहा है। अन्य विकास कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आप सभी आपसी सौहार्द्र को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें, तभी विकास का लाभ लोगों तक पहुंचेगा। अभियान चलाते रहियेगा तो चाहकर भी गड़बड़ करनेवाले अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। आप सब अपने इलाके में लोगों को इस अभियान के प्रति जागरुक करते रहें। समाज सुधार अभियान को निरंतर चलाने के पक्ष में जनसभा में उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर संकल्प भी लिया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबों ने संकल्प लिया है, इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूँ। लोगों को हमेशा जागरुक करते रहिए। विकास के साथ-साथ समाज सुधार भी जरुरी है। हमलोग आपको आश्वस्त करते हैं कि विकास का काम और तेजी से आगे बढायेंगे आप सभी आपस में प्रेम और भाईचारा का भाव रखें। मिलकर चलेंगे तो तेजी से तरक्की होगी। आप सब को हृदय से धन्यवाद। जनसभा में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने जीविका द्वारा सतत् जीविकोपार्जन योजना, जीविका प्रोत्साहित जलवायु परिवर्तन अनुकूल खेती, दीदी की रसोई, मधुमक्खी पालन, गैर कृषि एवं सूक्ष्म उद्यम आधारित गतिविधियां आदि से संबंधित लगाई गई चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत 1875 हितग्राहियों को 3.42 करोड़ रुपये का डमी चेक एवं विभिन्न बैंको के माध्यम से 7348 स्वयं सहायता समूहों को कैश क्रेडिट लिमिट के तहत 257.27 करोड़ का डमी चेक प्रदान किया। जल-जीवन-हरियाली योजना अंतर्गत 20 नवसृजित सार्वजनिक जलाशयों के रख-रखाव एवं प्रबंधन हेतु स्वयं सहायता समूहों को 22.40 लाख रुपये का सांकेतिक पत्र प्रदान किया गया। सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित अमिता कुमारी एवं उषा देवी को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत कीर्ति प्रिय- प्रशांत कुमार एवं कोमल देवी- राहुल कुमार चौधरी को प्रोत्साहन स्वरूप 1-1 लाख रुपये का चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत जीविका समूह की दीदियों ने शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा मुक्त समाज बनाने के साथ ही समाज सुधार अभियान के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
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मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्यों के साथ-साथ चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की सराहना करते हुए काजल देवी, शोभा देवी, निभा देवी, जेवा नाज, लक्ष्मी देवी एवं सुधा देवी ने अपनी आपबीती और अनुभवों को साझा किया। काजल देवी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि सिंधु देवी नामक जीविका दीदी ने अपनी बेटी की शादी के लिये ग्राम संगठन से 2 लाख रुपये ऋण मांगने आई थी। जीविका दीदी से बात करने पर पता चला कि लड़के वालों ने दहेज के रूप में 2 लाख रुपये की मांग की है। इसके बाद हमलोगों ने ग्राम संगठन की विशेष मीटिंग बुलाकर सभी महिलाओं ने लड़के के गांव जाने का तय किया। लड़के गांव पहुंचकर वहां के मुखिया और सरपंच से मिलकर इस बात की जानकारी दी। लड़के के घरवालों से बात की गई लेकिन वे दहेज की मांग पर अड़े रहे। इसकी सूचना हम सभी ने स्थानीय थाने को दी। इसके बाद जीविका की एक दीदी ने उस लड़की की शादी दूसरे लड़के से तय कराई और यह दहेज मुक्त शादी हुई। मुख्यमंत्री द्वारा चलाये जा रहे समाज सुधार अभियान की तारीफ करते हुए काजल देवी ने कहा कि इस अभियान से लड़कियों का सम्मान और मनोबल काफी बढ़ा है। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। शोभा देवी ने बताया कि पति के निधन के बाद वे खुद शराब बनाने के काम में जुट गई ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके। शराबबंदी लागू होने के बाद उनके परिवार के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उसी बीच एक जीविका दीदी ने आकर उनको जीविका समूह से जुड़ने का सुझाव दिया। इसके रोजगार हेतु उन्हें आर्थिक मदद ग्राम संगठन द्वारा उपलब्ध कराई गई और 7 महीने तक प्रति माह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिली। वह मनिहारी का समान बेचने लगी इससे उनकी आर्थिक आई।
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सतत् जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी निभा देवी ने बताया कि ग्राम संगठन से जुड़ने के बाद उन्हें आर्थिक मदद मिली, जिससे उन्होंने किराने की दुकान खोली। 7 महीने तक प्रतिमाह एक हजार रुपये कि मदद भी उन्हें सरकार द्वारा मुहैया कराई गई। इससे उनकी आर्थिक तंगी दूर हुई। अब वे बैंक में अपना खाता भी खुलवाई हैं, एलआईसी भी करवाई हैं और राशन कार्ड का लाभ भी उन्हें मिल रहा है। इसके अलावा साइकिल और सिलाई मशीन खरीदी हैं, जिससे उन्हें काफी सहुलियत मिल रही है। जेवा नाज ने बतया कि वह जब नौवीं क्लास की छात्रा थीं तब 16 वर्ष की उम्र में ही गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा के कारण उनके माता पिता ने उनकी शादी तय कर दी थी, जिसका उन्होंने काफी विरोध किया और अपने माता पिता को समझाया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वह शादी करेगी। उसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उसी लड़के से शादी की जिससे उनके माता पिता से 16 वर्ष की उम्र में उनकी शादी तय कर दी थी। अब वह उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद ट्यूशन भी पढ़ाती हैं। नशामुक्त समाज के प्रति संकल्पित लक्ष्मी देवी ने कहा कि न शराब बनने देंगे और न बेचने देंगे। उन्होंने बताया कि हमारे पड़ोस में एक दीदी शराब बनाकर घर पर ही लोगों को बैठाकर पिलाती थी। हमने मना किया तब उन्होंने कहा कि यह हमारा पेशा है। इसकी आमदनी से हमारे बच्चों का पालन पोषण होता है। ग्राम संगठन की 50 दीदियां इकट्ठा होकर रात को करीब 9 बजे उनके घर पहुंची, उस वक्त वह शराब बनाने के काम में जुटी थी। हमलोगों ने शराब को नष्ट कर दिया और इसकी सूचना थाने को दी। पुलिस जब उसे गिरफ्तार कर थाने ले जाने लगी तो उसने काफी मिन्नतें की और छोटे छोटे बच्चों की दुहाई देने लगी। हमलोगों ने पुलिस से उसे छोड़ने का आग्रह किया और फिर उन्हें जीविका समूह से जोड़ा। आज उनका जीवन काफी खुशहाल है।
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दहेज प्रथा मुक्त समाज एवं बाल विवाह उन्मूलन के प्रति सक्रिय सुधा देवी ने बताया कि एक दीदी अपनी बेटी की शादी के लिये ऋण मांगने आई, पूछने पर पता चला कि उनकी बेटी की उम्र 18 वर्ष से कम है। कम उम्र में बेटी की शादी करने से हमने उनको मना किया लेकिन वो नहीं मानी तब हमने स्थानीय थाने को इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने जब उसे डराया धमकाया तब उन्होंने कम उम्र में बेटी की शादी नहीं करने का निश्चय किया। कार्यक्रम को समाज कल्याण मंत्री सह खगड़िया जिले के प्रभारी मंत्री मदन सहनी, मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन सुनील कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस के सिंघल, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार सह बेगूसराय जिले के प्रभारी सचिव विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह अपर मुख्य सचिव वित्त एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव गृह सह सामान्य प्रशासन चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन के के पाठक ने भी संबोधित किया।
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इस अवसर पर विधायक राजकुमार सिंह, विधायक डॉ संजीव कुमार, विधायक सुरेंद्र मेहता, विधायक पन्ना लाल सिंह पटेल, विधायक सूर्यनारायण पासवान, विधान पार्षद सर्वेश कुमार, पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन, पूर्व मंत्री मंजू वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव ग्रामीण कार्य सह खगड़िया जिले के प्रभारी सचिव पंकज कुमार पाल, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक बेगूसराय सत्यवीर सिंह, जिलाधिकारी बेगूसराय अरविंद कुमार वर्मा, जिलाधिकारी खगड़िया आलोक रंजन घोष, पुलिस अधीक्षक बेगूसराय योगेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक खगड़िया अमितेश कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।