बिहार ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भारत सरकार नितिन गडकरी ने शुक्रवार को सम्मिलित रूप से मुंगेर में 696 करोड़ रुपये की लागत से 14.5 किलोमीटर लंबे एनएच 333 बी के अंतर्गत गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल की पहुंच पथ परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना के लोकार्पित होने से मुंगेर-खगड़िया के बीच की दूरी 100 किलोमीटर एवं मुंगेर-बेगूसराय के बीच की दूरी 20 किलोमीटर कम हो गयी है। इस अवसर पर मुंगेर के माधव किता, चंडिका स्थान स्थित लाल दरवाजा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में आप सभी इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए हैं इसके लिए मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।
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उन्होंने कहा कि बिहार और देश में पिछले 2 साल से जबकि पूरी दुनिया में 3 साल से कोरोना संक्रमण का प्रकोप है इसलिए हम सबको हमेशा सचेत रहने की जरुरत है। अभी पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या घटकर 1 हजार 659 हो गई है जबकि मुंगेर जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या मात्र 13 है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान इससे संक्रमित मरीज बहुत कम समय में ठीक हो जा रहे हैं। आप सबों से मेरा आग्रह है कि कोरोना टीका का दोनों डोज जरुर लें। अब 15 साल के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है इसलिए कोई छूटे नहीं, इसका विशेष ख्याल रखें। कोरोना से सभी को सजग रहने की जरुरत है। आपस में दूरी बनाकर रखें और मास्क का उपयोग अवश्य करें।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुंगेर में गंगा रेल सह सड़क पहुंच पथ का लोकार्पण हुआ है, इससे लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी। इस अवसर पर यहां काफी संख्या में उपस्थित लोगों एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े लोगों का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रद्धेय श्रीकृष्ण बाबू के नाम पर मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल का नाम श्रीकृष्ण सेतु रखा गया है। 26 जनवरी 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया था। उसके एक दिन पहले 25 जनवरी को यहां आकर हमने इसका मुआयना किया था। उस समय हम श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में रेल मंत्री थे। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद हमलोगों ने प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी से इसका शिलान्यास करने का अनुरोध किया था। शिलान्यास के समय यहां के लोगों ने काफी खुशी व्यक्त की थी। उस समय हमने कहा था कि खुशी के इस अवसर पर रात में सभी लोग अपने घरों में दीया जलाकर खुशी का इजहार करें। शिलान्यास के दिन 26 जनवरी 2002 को यहां के लोगों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाकर अपनी खुशी का प्रकटीकरण किया था। पहले मुंगेर कमिश्नरी के लोगों को गंगा नदी से गुजरकर अपना सभी काम करना पड़ता था, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती थी।
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लोकार्पण समारोह में उपस्थित लोगों से अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल बनाने की स्वीकृति मिली थी तो आप सबने अपने घरों में दीपावली मनाया था इसलिए आज उद्घाटन के इस अवसर पर पुनः अपने-अपने घरों में दीया जलाकर अपनी खुशी का इजहार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में जो काम चल रहे हैं, हुए हैं और होनेवाले हैं, उन तमाम योजनाओं के बारे में नितिन गडकरी जी ने विस्तृत रुप से जानकारी दी है। इसके लिए मैं उन्हें विशेष तौर पर बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में आप लोगों ने सरकार बनवाकर हमें काम करने का मौका दिया। प्रारंभ से ही हमलोग विकास का काम कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है। पहले हमलोगों ने बिहार के सुदूरवर्ती इलाकों से पटना पहुंचने के लिए 6 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे हासिल करने के बाद अब 5 घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए बड़ी संख्या पुल-पुलियों एवं सड़कों को निर्माण कराया जा रहा है। केंद्र सरकार की योजनाएं भी चल रही है। राज्य सरकार की तरफ से संपूर्ण बिहार में जिन पुलों एवं सड़कों को निर्माण कराया जा रहा है, वह आप सबों को मालूम है। राज्य सरकार ने अब तक 54 हजार करोड़ रुपये खर्च कर सड़कों की कनेक्टिविटी बेहतर की है। श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में हमने इन सब कार्यों को लेकर निर्णय लिया गया था, जो अब पूरे किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने घोरघट पुल का भी उद्घाटन किया है। इसके शुरु होने से मुंगेर से भागलपुर जाने का रास्ता काफी सुगम हो गया है। इसके निर्माण में काफी बाधाएं उत्पन्न हुई थी। बड़ी खुशी की बात है कि इस पुल का उद्घाटन होने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत मिलेगी। मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल के एप्रोच पथ का निर्माण कार्य 1 दिसंबर 2018 से प्रारंभ हुआ था। निर्माण कार्य में कई दिक्कतें समाने आ रही थी। वर्ष 2019 में आकर हमने इसका मुआयना किया था, एरियल सर्वे भी किया था। यहां टोपो लैंड था, जहां काफी संख्या में लोग बसे हुए थे। राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्णय लेकर यहॉ बसे लोगों को 58 करोड़ रुपये मुहैया कराकर उन्हें दूसरी जगहों पर बसने के लिए राजी किया। एप्रोच पथ में एक कब्रिस्तान भी पड़ रहा था जिसके लिए दूसरी तरफ जगह दी गई। इसे लोगों ने स्वीकार कर लिया। इस काम को पूरा करने में सभी लोगों ने काफी सहयोग किया। मुंगेर के जिलाधिकारी को मैं धन्यवाद देता हूं कि रुके हुए काम को उन्होंने त्वरित गति से पूरा कराया। आज इसका उद्घाटन भी हो गया, इससे आवागमन में काफी फायदा होगा। यहां के लोग भी अब आसानी से पटना पहुंच सकेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में गन्ना से इथेनॉल बनाने के लिए 21 हजार करोड़ का प्रस्ताव हमलोगों को प्राप्त हुआ था। इस संबंध में हमलोगों ने तत्कालीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था लेकिन केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। उस समय के केंद्र सरकार के द्वारा गन्ना से चीनी बनाने का हवाला दिया गया और इसे खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया। 10 दिसंबर 2020 को कोईलवर में सोन नदी पर बने नये पुल के उद्घाटन के अवसर पर भी हमने कहा था कि गन्ना से इथेनॉल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिले इसके लिए हमलोग वर्ष 2007 से प्रयास कर रहे थे। अब केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया है और विशेष इथेनॉल नीति 2021 लागू की गई है। इससे बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। यदि प्रारंभ में ही केंद्र से मंजूरी मिल जाती तो बिहार में उद्योगों को बढ़ावा मिलता। अब तक 187 करोड़ लीटर वार्षिक इथेनॉल उत्पादन क्षमता वाले 29 इकाईयों के आवेदन आये हैं। केन्द्र ने 35.28 करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता हेतु 17 इकाईयों को चयनित किया है। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन जी बराबर दिल्ली जाकर बिहार में हो रही विकास कार्यों की चर्चा करते रहते हैं। बिहार में मक्का का उत्पादन तीनों सीजन में बहुत ज्यादा होता है, यहां उत्पादित मक्का दूसरे राज्यों में जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अगर मक्का से इथेनॉल बनाने की भी अनुमति मिलती तो बिहार को काफी फायदा मिलता। पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल का मिश्रण किया जाता है। इसलिए मक्का से इथेनॉल बनाने की दिशा में भी सकारात्मक प्रयास करना चाहिए। इससे बिहार में उद्योग बढ़ेगा जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में मक्का का उत्पादन अधिक होता है और यहां खपत न के बराबर है इसलिए बिहार का इथेनॉल क्रय क्षमता बढ़ाने का जरूरत है। शाहनवाज साहब को कहेंगे कि बिहार का वार्षिक इथेनॉल क्रय का 125 करोड़ लीटर का कोटा कम से कम निर्धारित करा दीजिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि नितिन गडकरी जी ने बिहार में हो रहे और होने वाले जिन कार्या का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है उसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। देश के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान हो, यह हमारी इच्छा है। एनडीए की सरकार ने बिहार के विकास के लिए काफी काम किया है। बिहार में आबादी का घनत्व अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। एक वर्ग किलोमीटर में बिहार में जितनी आबादी है उतनी देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है, इसलिए बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। बिहार क्षेत्रफल के मामले में 12वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में तीसरे नबंर है। बिहार का पहले प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 3 हो गया है। श्रद्धेय अटल जी सरकार के समय से ही हमलोगों का नितिन गडकरी जी से व्यक्तिगत एवं पुराना संबंध है। इन संबंधों को भूले नहीं। हम सब मिलकर देश और बिहार के विकास के लिए मिलकर काम करें। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन जी आपके पास जाकर यहां के एक-एक काम के बारे में बतायेंगे, ये आपके विभाग का काम काफी बेहतर ढ़ंग से कर रहे हैं। ऩई पीढ़ी के लोगों की बातों पर आप ध्यान देंगे तो काफी प्रगति होगी। बिहार के विकास कार्य के लिए आपने जो सुझाव दिया है उसके लिए मैं पुनः आपको धन्यवाद देता हूं।
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कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी 2002 की तरह ही आप सभी अपने-अपने घरों में आज उद्घाटन के दिन भी दीया जलाइयेगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने दोनों हाथ उठाकर अपनी सहमति दी। कार्यक्रम की शुरूआत में अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान गंगा नदी पर मुंगेर में बने रेल सह सड़क पुल (श्रीकृष्ण सेतु) पर आधारित लघु फ़िल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने मुंगेर में गंगा नदी पर बने रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण मे उत्कृष्ट योगदान देनेवाले मुंगेर जिलाधिकारी नवीन कुमार, पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ जल्ला रेड्डी सहित अन्य अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने मुंगेर में गंगा नदी पर बने रेल-सह-सड़क पुल के उद्घाटन के पूर्व राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 80 के किमी 94वें में घोरघट स्थित मणि नदी के ऊपर उच्च स्तरीय आरसीसी पुल एवं पहुँच पथ का उद्घाटन किया।
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लोकार्पण समारोह को उपमुख्यमंत्री एवं मुंगेर जिले के प्रभारी मंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने संबोधित किया, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भारत सरकार नितिन गडकरी, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग एवं नागरिक विमानन राज्यमंत्री, जनरल वीके सिंह एवं सांसद राकेश सिन्हा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक प्रणव कुमार, विधायक ललित मंडल, विधायक राजीव कुमार सिंह, पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन, पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, जदयू जिलाध्यक्ष मुंगेर संतोष सहनी, भाजपा जिलाध्यक्ष मुंगेर राजेश जैन, विकासशील इंसान पार्टी के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार निषाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण प्रत्यय अमृत, आयुक्त मुंगेर प्रमंडल प्रेम सिंह मीणा, पुलिस उपमहानिरीक्षक मुंगेर प्रक्षेत्र संजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी मुंगेर नवीन कुमार, पुलिस अधीक्षक मुंगेर जगन्नाथ जल्ला रेड्डी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।