बेरोजगारी, अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक जनता पार्टी ने दिया धरना, कहा – डर की राजनीति का सहारा नीतीश कुमार ने बिहार को धकेला पीछे। बिहार में बहार का मतलब भ्रष्टाचार, अपराध, बदहाली बेरोजगारी और पलायन : डॉ मिथिलेश चौबे
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बिहार ब्रेकिंग
बिहार में बेरोजगारी, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर आज गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर जागरूक जनता पार्टी ने एकदिवसीय धरना का आयोजन किया और प्रदेश की मौजूदा सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। जागरूक जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जितना मौका मिला है, वो पूर्ववर्ती सरकार की देन है, जिसका भय दिखा कर वे सत्ता में काबिज हैं और उनके नेतृत्व में लगातार बिहार पिछड़ रहा है। वहीं धरना को संबोधित करते हुए जागरूक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह नेशनल पॉलिटिकल एलाइंस संयोजक डॉ मिथिलेश चौबे ने कहा कि बिहार में बहार का मतलब भ्रष्टाचार, अपराध, बदहाली बेरोजगारी और पलायन है।
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उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव के समय वर्तमान सरकार ने वादा किया था कि 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। एक साल बीत जाने के बाद भी एक लाख लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिली। नीतीश सरकार ने पलायन मुक्त बिहार बनाने का वादा किया था। कोविड-19 महामारी में प्रदेश से आए हुए मजदूरों को यहाँ पर नौकरी देने की बात थी जो हर तरीके से ढाक के तीन पात साबित हुए यानी कि इनकी सभी बातें उल्टा हो गई। चौबे ने आगे कहा कि लोगों को रोजगार देने के लिए बंद पड़ी बहुत सारी कर खाना चाहे वह शुगर मिल हो स्टील प्लांट हो या डालमियानगर के कल कारखाने या बहुत सारे भागलपुर और दरभंगा में टेक्सटाइल है। इसके साथ साथ अभी तक सरकार के माध्यम से कोई नए कल कारखाने की स्थापना नहीं की गई। जो कमाने की व्यवस्था थी मजदूरों के लिए उसको भी निजी हाथों में दिया गया। जब सरकार ने कुछ किया ही नहीं । मजदूरों को मजदूरी देने के लिए काम धंधा प्राइवेट में भी देने के लिए निजी कंपनियों में भी देने के लिए तो पलायन रुकेगा कैसे महंगाई चरम सीमा पर है। अपराध परचम लहरा रहे है। किसान और आम इंसान किस तरीका से जीवन जीने पर मजबूर हैं।
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उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को सही समय पर खाद बीज उपलब्ध नहीं पानी की व्यवस्था नहीं सुविधा संसाधन नहीं और सही समय पर उसके उत्पाद लेने की व्यवस्था नहीं किसान आर्थिक संकट में जी रहे हैं। कमाई के अभाव में आम इंसान आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। अपराध की गति बढ़ रहे हैं लूट हत्या बढ़ रूप है। सरकारी दफ्तर में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार है। नए सर्वे के मुताबिक बिहार की पुलिस भ्रष्टाचार में सबसे आगे हैं। कानून व्यवस्था लचर है। एक धंधा फल-फूल रहा है। बिहार में शिक्षा चाहिए। बिहार मे सरकार इसकी व्यवस्था करें इसी मांग को लेकर जागरूक जनता पार्टी ने यह धरना रखा है। चौबे ने कहा कि रोजी रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए मजबूर करते रहेंगे दुसरे प्रदेश में लाल जूता इंडा से कब तक बिहारी पीटाते रहेगा। अपने सम्मान बचाते रहेगा शर्म आनी चाहिए। नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए। चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों को जो अभी सत्ता की चासनी में डूबे हुए हैं नीतीश कुमार की लिखतम बकतम करतम तीनों अलग-अलग है। बिहार सरकार बिहार में नए उद्योगपतियों की स्थान नहीं दे पाई कोई इंडस्ट्री बिहार नहीं ले आई क्या कारण है। सरकार के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कल कारखाने उद्योग धंधा स्थापित नहीं किए गए। क्या कारण है रोजगार के अभाव में विकास का परिकल्पना करना मूर्खता है। बिहार सरकार को माननीय मुख्यमंत्री जी को इस पर विशेष ध्यान देकर के रोजगार सृजन के उद्देश्य से काम करना चाहिए।
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इस अवसर पर प्रदेश संयोयक आलोक कुमार प्रदेश अध्यक्ष शिकन्दर कुमार, भोजपुरिया जन मोर्चा के अध्यक्ष भरत सिंह, सहयोगी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय प्रसाद, श्रीवास्तव रामनरेश सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामनाथ महतो, राष्ट्रीय सचिव दीपक शर्मा, विकास कुमार, विजय राय, आदित्य राज, धीरेंद्र पांडेय, हँसीम अंसारी, अंजू कुमारी, चांदनी कुमारी, काजल सिंह, शिवम ओझा आदि ने कार्यक्रम को संबोधित किया। जागरूक अधिवक्ता सेल के वरीय अधिवका सुनील कुमार, जागरूक अधिवक्ता सेल के शैलेन्द्र कुमार वर्मा एवं जागरूक जनता पार्टी के फतुहा विधानसभा अध्यक्ष अनंत कुमार शर्मा एवं पटना साहिब विधानसभा अध्यक्ष कृष्णा शर्मा इत्यादी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता में मिथिलेश चौबे ने किया। संचालन आलोक कुमार और रामनरेश सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सिकंदर कुमार ने किया।