बिहार ब्रेकिंग
उत्तर भारत का प्रसिद्ध महापर्व छठ महापर्व सोमवार से ही नहाय खाय के साथ शुरू हो चुका है। छठ महापर्व के दूसरे दिन मंगलवार को खरना किया जाएगा। छठ महापर्व में खरना का विशेष महत्व है। खरना का अर्थ है ‘शुद्धिकरण’ यह शुद्धिकरण केवल तन न होकर बल्कि मन का भी होता है। इसलिए खरना के दिन केवल रात में भोजन करके छठ के लिए तन तथा मन को व्रती शुद्ध करता है। खरना के दिन छठव्रती दिन भर निर्जला व्रत रखते हैं और शाम में रोटी और खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
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खरना के बाद शुरू होता है छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत जो कि अगले दिन संध्या अर्घ्य और उसके अगली सुबह को उदयगामि सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खत्म होता है। खरना के दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति प्रसाद ग्रहण करता है, तो घर के सभी सदस्य शांत रहते हैं और कोई शोर नहीं करता, क्योंकि शोर होने के बाद व्रती प्रसाद खाना बंद कर देता है। व्रत करने वाला सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करता है, उसके बाद ही घर के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं।