बिहार ब्रेकिंग
चार दिवसीय महापर्व छठ सोमवार को नहाय खाय के साथ ही शुरू हो जाएगा। सोमवार को नहाय खाय के साथ ही छठ व्रत शुरू होगा फिर मंगलवार को सभी छठव्रती खरना करेंगे और बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे एवं गुरुवार को उदयगामि सूर्य को अर्घ्य के साथ ही छठ महापर्व समाप्त हो जाएगा। छठ महापर्व में छठव्रती करीब 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं और डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आइये जानते हैं चार दिवसीय छठ महापर्व के बारे में-
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नहाय खाय
नहाय खाय छठ महापर्व का पहला चरण है जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होती है। इस दिन छठव्रती सुबह में नहाने के बाद खाना खाते हैं और उसके बाद ही घर मे अन्य परिवार प्रसाद के रूप में खाना खाते हैं। छठ पर्व के नहाय खाय के दिन कद्दू का सब्जी खाने का विशेष परंपरा है। नहाय खाय सोमवार को किया जाएगा।
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खरना
खरना छठ पर्व का दूसरा चरण है। इस दिन छठव्रती दिन भर निर्जला व्रत रखते हैं और संध्या काल में एक बंद कमरे में पूजा पाठ कर फिर अन्न जल ग्रहण करते हैं और उसके बाद फिर परिवार के अन्य सदस्य शाम या रात का खाना प्रसाद के रूप में खाते हैं। खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और फिर खरना के बाद सुबह के अर्घ्य के समय तक निर्जला ही रहते हैं। इस दिन खीर खाने का रिवाज है। खरना के बाद व्रती करीब 36 घंटे से भी अधिक समय तक न अन्न ग्रहण करते हैं और न ही जल। खरना मंगलवार को किया जाएगा।
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अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य छठ पर्व के तीसरे दिन तीसरे चरण में दिया जाता है। इस दिन व्रती खरना के बाद से शाम तक निर्जला व्रत रखते हैं और फिर शाम में नदी में स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य बुधवार को दिया जायेगा। इस वर्ष सूर्य डूबने का समय 5:30 बजे है।
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उदयगामि सूर्य को अर्घ्य
उदयगामि सूर्य को अर्घ्य के साथ ही गुरुवार को छठ महापर्व की समाप्ति हो जाएगी। करीब 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद छठव्रती मटर से अपना व्रत खत्म करते हैं और फिर अन्न जल ग्रहण करते हैं। उसके बाद फिर शुरू होता है प्रसाद वितरण का दौर। छठ महापर्व में पकवान का प्रसाद वितरण किया जाता है। गुरुवार को सूर्य उदय लगभग 6:41 बजे होगा।