बिहार ब्रेकिंग
कार्तिक मास में अमावस्या तिथि को मनाई जाने वाली दीपावली तथा शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाने वाली छठ पूजा का उत्सव भूतनाथ अंडरपास पटना स्थित नॉलेजग्राम इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास एवं भक्तिभाव के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथिद्वय के रूप में आकाशवाणी तथा दूरदर्शन की प्रख्यात अधिकारी तथा मणिपुरी नृत्य की नृत्यांगना डॉक्टर रत्ना पुरकायस्थ एवं रिद्धि-सिद्धि की संस्थापिका चंदा गुप्ता के साथ अनेक आगंतुक-अभिभावक विद्यमान थे।
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पटना के प्रतिष्ठित विद्यालयों में से एक नॉलेजग्राम इंटरनेशनल स्कूल के द्वारा इन पर्वों का आयोजन इतना मार्मिक और जीवंत था कि हमारी मुख्य अतिथि रत्ना पुरकायस्थ ने इतना तक कह डाला कि काश! मैं भी अभी बच्ची होती जिससे मुझे भी यहां अभिनय करने का मौका मिलता। मुख्य अतिथियों, अभिभावकों, निदेशक तथा प्राचार्या का तिलक अभिषेक से तथा “चंदनस्य महतपुण्यं पवित्रं पापनाशनं” मंत्रोच्चारण से स्वागत किया गया। उत्सव का प्रारंभ मुख्य अतिथि-द्वय, निदेशक तथा प्राचार्या के द्वारा दीप प्रज्वलन कर तथा मंत्रोच्चारण “शुभम करोति कल्याणम” से किया गया तत्पश्चात माँ लक्ष्मी के आगमन की खुशी में लक्ष्मी-स्तुति तथा विद्यालय के मध्य दीपमालिका का प्रज्ज्वलन किया गया।
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“रोशनी का है ये त्योहार, लाया है ये खुशियां अपार” की धुन पर बच्चों ने अपनी खुशी स्वरबद्ध कर व्यक्त की। इसके उपरांत छोटे-छोटे बच्चों ने रंग-बिरंगे कपड़ों में आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। शुभारंभ नृत्य से आज के उत्सव की बेहद ही शुभ शुरुआत की गई। वहीं विद्यालय के छात्रों ने नृत्य-नाटिका के माध्यम से राम के 14 वर्षों के पश्चात अयोध्या लौटने का पूरा दृश्य जीवंत कर रख दिया। भगवान राम, माता सीता तथा भैया लक्ष्मण का पुष्पक विमान पर अयोध्या आगमन, राम का तीनों माताओं से मिलन तथा भरत मिलाप और राज्य-अभिषेक का दृश्य अत्यंत ही भाव विह्वल करने वाला रहा। सभी दर्शक ये दृश्य देखकर भावुक हो गए और सभी की आँखों से आंसू छलक रहे थे। विशेष आकर्षण में पुष्पक विमान अत्यंत ही जीवंत था, ऐसा लग रहा था कि आकाश में पुष्पक विमान में विराजमान भगवान श्री राम, माता सीता तथा भैया लक्ष्मण चले आ रहे हैं।
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छठ बिहार का महान पर्व, जहां उगते हुए सूर्य की ही नहीं, वरन अस्त होते हुए सूर्य की भी उपासना की जाती है, जिसका मंचन विद्यालय के छात्रों के द्वारा अत्यंत ही भावपूर्ण रहा। छठ पूजा की परंपरा को दर्शाते हुए घाट-यात्रा के साथ-साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का दृश्य देखते ही बनता था। सभी बच्चों ने अपने उदात्त अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। आज के बेहद ही भावुक तथा मनोरम कार्यक्रम को देखकर आज के मुख्य अतिथि डॉक्टर रत्ना पुरकायस्थ ने संबोधित करते हुए कहा कि “मैं अत्यंत ही भाव विभोर हो उठी हूं और इन सभी बच्चों की प्रतिभा को देखकर खुद की बचपन की दुनिया में चली गई हूं। उन्होंने सभी बच्चों को दीपावली और छठ की शुभकामनाएं दी तथा दीपावली में प्रदूषण न फैलाने की भी शिक्षा भी दी। उन्होंने अपने आशीर्वचन से सभी की मंगलकामना की।
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वहीं आज की द्वितीय मुख्यअतिथि चंदा गुप्ता ने कार्यक्रम को अत्यंत सराहनीय एवं भावमय बताया। सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बच्चों को गलत रास्ते से खुद को बचाने की शिक्षा दी, साथ ही सही राह अपनाने की शिक्षा दी। उन्होंने यह भी बताया कहा कि यह त्यौहार हमें जीवन के संस्कार और भारत की संस्कृति सिखाते हैं और हम सभी को इसका पालन करना चाहिए। विद्यालय के निदेशक डॉ सीबी सिंह ने मुख्य अतिथि, सभी बच्चों, शिक्षकों एवं अन्य दर्शकों को दिवाली एवं छठ की असीम शुभकामनाएं दी तथा साथ ही साथ सभी को भारत के महान पर्व दिवाली तथा छठ के महत्व के बारे में बताया।
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वहीं विद्यालय की प्राचार्या राधिका के. ने आज के कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा मुख्य अतिथिगण का अभिनंदन करते हुए सभी दर्शकों को दिवाली एवं छठ की असीम बधाइयां एवं शुभकामनाएं दीं। प्राचार्या ने बताया कि विद्यालय केवल साक्षर करने का स्थान नहीं, बल्कि विद्यालय में हमारे बच्चों को अपने गर्वीले इतिहास के संस्कार और संस्कृतियों से अवगत कराना भी आवश्यक है। दर्शक दीर्घा में सभी अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे और तालियों की ध्वनि चारों ओर गुंजायमान हो रही थी। उत्सव का समापन सूर्य आरती से किया गया। वहां उपस्थित मुख्य अतिथिद्वय, निदेशक, प्राचार्या, शिक्षकगण एवं बच्चों द्वारा सूर्य आरती की करतल ध्वनि से विद्यालय का प्रांगण भक्तिमय हो उठा।
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आज के कार्यक्रम की परम विशेषता थी, बच्चों के द्वारा राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न, कौशल्या, कैकयी, सुमित्रा, हनुमान, विभीषण, वानर समूह का अभिनय, बच्चों द्वारा बनाया गया पुष्पक विमान, छठ का घाट-निर्माण, छठव्रतियों द्वारा सूर्य की पूजा एवं आरती तथा सामयिक नृत्य एवं गीत के अनेक कार्यक्रम जो सभी दर्शकों के मानस को भिंगो गए। यह कार्यक्रम वर्षों तक दर्शकों के मानस-पटल पर छाया रहेगा।