-अभिषेक मिश्रा
बिहार डेस्कः बिहार की राजनीति में अगर युवा चेहरों की बात करें तो सियासत की विरासत संभाल रहे तेजप्रताप यादव, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान सरीखे नेताओं का नाम या चेहरा सामने आ जाता है। हांलाकि ऐसे और कई नाम हैं जो राजनीति में अपने पिता की विरासत संभाल रहे हैं। लेकिन एक नाम का जिक्र कभी नहीं आता वो नाम है बिहार बीजेपी के बड़े नेता और केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के बेटे ‘अभिमन्यू यादव’। पिता की तरह कभी भी कोई राजनीतिक बयान न देने वाले और अक्सर चुप रहने वाले अभिमन्यू यादव बहुत हीं खामोशी के साथ सियासी चक्रव्यूह भेदने की तैयारी में जुटे हैं। एक बार एक इंटरव्यू के दौरान जब मेरी उनसे बातचीत हुई और मैंने उनसे बिहार के दूसरे बड़े नेताओं के पुत्रों का हवाला देते हुए पूछा कि क्या आप उनकी तरह राजनीति में आंएगे? इस सवाल का जो जवाब मिला वो बेहद शानदार जवाब था। अभिमन्यू यादव ने तब कहा था कि कुछ लोग पद के लिए सियासत में आए हैं और मुझे पदचिन्हों पर चलने का आदेश मिला है। आज के मौजूदा दौर में किसी को भी यह राजनीतिक संस्कृति सम्मोहित कर सकती है। दरअसल अभिमन्यू यादव में सियासत का यह संस्कार बहुत आश्चर्यचकित भी नहीं करता क्योंकि परवरिश रामकृपाल यादव जैसे व्यक्तित्व की छांव में हुई है। इसे इस तरह से बिल्कुल नहीं लिया जाना चाहिए कि यह एक राजनेता या उसके परिवार की तारीफ है बल्कि इसे एक आश्चर्य की तरह देखा जाना चाहिए कि कैसे एक पिता ने अपने बेटे को संघर्ष की तपिश झेलने को छोड़ रखा है। किसी के साथ भी बेहद आत्मीयता के साथ मिलने वाले रामकृपाल यादव के ये सांस्कारिक गुण अभिमन्यू यादव में भी देखा जा सकता है। हांलाकि यह अब भी बड़ा सवाल है कि क्या राजनीतिक संस्कारों का यह सम्मोहन अभिमन्यू यादव की राजनीतिक राह आसान करेगा? क्योंकि सियासत दांव-पेंचों का हुनर चाहती है। हांलाकि रामकृपाल यादव ने बगैर किसी दांव-पेंच के अपनी शालीन राजनीतिक शैली के बलबूते इस तिलिस्म को चुनौती भी दी है और जीते भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को हराया। हांलाकि अभिमन्यू यादव की यह पहचान जरूर है कि वे बिहार के कद्दावर राजनीतिज्ञों में से एक रामकृपाल यादव के पुत्र हैं लेकिन अभिमन्यु यादव ने खुद की पहचान के दायरो को विस्तार दिया है। पिता की पहचान की छांव से अलग भी अभिमन्यु यादव ने अपनी पहचान बनायी है। किसी भी दूसरे कद्दावर नेताओं की तरह हीं अभिमन्यु यादव तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। जमीन स्तर पर उनकी जो सक्रियता हाल के दिनों में है वही यह संकेत देती है कि अभिमन्यु यादव सियासत के चक्रव्यूह भेदने की तैयारी में जुटे हैं। हांलाकि राजनीति की यह राह उनके लिए कितनी आसान होगी यह देखना होगा लेकिन मौजूदा वक्त में शायद तैयारी 2019 है। फिलहाल अभिमन्यु यादव ‘टीम अभिमन्यु’ के बेैनर तले अपनी तैयारियों को धार देने में जुटे हैं।