पटना: पॉलीथिन फ्री बिहार की जो मुहिम दैनिक भास्कर, फटना के प्रधान संवाददाता प्रणय प्रियंवद ने चलाई उसके जमीन पर उतरने का रास्ता साफ हो गया। चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने दो फेज में राज्य में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही तो उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहा,लोगों को आदत बदलनी होगी । 24 सितंबर को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी है। इससे पहले सरकार पॉलीथिन पर बैन लगा देगी। पहले शहरी इसके बाद ग्रामीण इलाकों में बंद की जाएगी पॉलीथिन।
वह पहली खबर जिस पर संज्ञान के बाद बात बढ़ती गई
दैनिक भास्कर के प्रधान संवाददाता प्रणय प्रियंवद की बाइलाईन खबर 23 जून 2018 को छपी- पॉलीथिन के प्रदूषण से खो रहा अस्तित्व।’ इस खबर पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतरू संज्ञान लिया और गया के डीएम कोर्ट में तलब किए गए। महाबोधि मंदिर परिसर को पॉलीथिन फ्री किया गया और इसके बाद हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के चीफ सेक्रेट्री सहित नगर आवास, पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डायरेक्टर को कोर्ट में बुलाया और पूछा कि बिहार को पॉलीथिन फ्री करने में क्या कठिनाई है? सरकार की ओर से कहा गया कि एक माह में इसके लिए कानून लाया जाएगा, लेकिन एक माह बीतने के बावजूद सरकार कोर्ट में यही बता पाई कि वह जागरुकता फैलाने के लिए क्या-क्या कर रही है।
कई अखबारों और टीवी चैनलों में काम कर चुके हैं
प्रणय प्रियंवद ने दैनिक भास्कर में ‘पॉलीथिन हटाओ’ सीरीज में कई खबरें लिखीं। फेसबुक पर चवसलजीमदमतिममइपींत नाम से पेज बनाकर उसे अभियान का रुप दिया। इस पेज पर पॉलीथिन से जुड़ी कई तरह की जानकारी है। प्रणय मुंगेर जिले के जमालपुर के रहनेवाले हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में खूब फ्रीलांसिग की। दैनिक जागरण भागलपुर में फीचर प्रभारी व दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पटना में स्टेट ब्यूरो के रुप में काम किया। कुछ समय दैनिक जागरण गोड्डा में काम किया। इन्होंने फोकस व हमार टीवी और आर्यन टीवी में लंबे समय तक पटना में रिपोर्टिंग की। प्रभात खबर धनबाद और पटना में काम किया। इंडिया टुडे से लेकर शुक्रवार जैसी पत्रिकाओं में लेखन किया। प्रतियोगिता दर्पण ने बेहतर लेखन के लिए सम्मानित किया। अन्य कई सम्मान मिले हैं। प्रणय का कविता संग्रह ‘कस्तूरी’ बिहार सरकार के राजभाषा विभाग के अनुदान से प्रकाशित हुआ है। इन्होंने सिद्ध साहित्य में धर्म एवं समाज विषय पर शोध भी किया है।
कई खबरें लिख स्थापित किया – पॉलीथिन बैन करना ही होगा
23 जून को खबर प्रकाशित करने के बाद पॉलीथिन हटाओ सीरीज में प्रणय ने अभियान चलाकर कई खबरें प्रकाशित कीं। इन खबरों में पटना नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारियों से उन्होंने बात की, जिसमें सब ने यही माना कि पॉलीथिन से पूरा ड्रेनेज सिस्टम बेकार हो गया है। राजधानी के ज्यादातर नाले जाम हो जा रहे हैं। साफ-सफाई में काफी दिक्कतें हो रही हैं। प्रणय ने शहर के खास डॉक्टरों से बात की जिसमें डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. अजय कुमार, डॉ. दिवाकर तेजस्वी, डॉ. राजीव कुमार सिंह जैसे कई डॉक्टरों ने पॉलीथिन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर पर बात की। सभी ने इस पर बैन की जरूरत बताई। कूड़े में फेंके गए पॉलीथिन से गायों व अन्य जानवर खा जा रहे हैं और उनकी मौत हो रही है। सोशल एक्टिविस्ट व गंगा बचाओ अभियान के संयोजक गुड्डू बाबा ने कहा कि, बड़े पैमाने पर कूड़ा में पॉलीथिन आने की वजह से जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है, वाटर लेवल नीचे जा रहा है। गंगा पर भी इसका असर पड़ रहा है। तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री अंजनी कुमार सिंह ने सरकारी आयोजनों में बोतलबंद पानी पर रोक लगाई थी पर यह रोक दिखी नहीं। प्रणय ने इस पर कई बार खबर प्रकाशित की। भास्कर में खबर छपी-‘सरकारी आयोजनों से भी बोतलबंद पानी नहीं हटा, पॉलीथिन कैसे हटे।’
सुशील मोदी ने कहा- लोग अपनी आदत बदलें
7 सितंबर को प्रणय ने उपमुख्यमंत्री और पर्यावरण व वन मंत्री सुशील मोदी से एक फू़ड मॉल के उद्घाटन के मौके पर पॉलीथिन मुद्दे पर बात की। उन्होंने बताया कि-सरकार बड़े पैमाने पर कपड़े का थैला वितरित करेगी। कपड़े के बैग सस्ते दाम पर बेचने की व्यवस्था की जाएगी। थर्मोकोल के ग्लास, कप, प्लेट भी काफी नुकसानदेह हैं। दूसरे राज्यों ने किस तरह से पॉलीथिन पर बैन लगाया है इसे भी देखा जा रहा है। एकाएक बैन करना ठीक नहीं होगा। फेजवाइज बंद किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि लोग अपनी आदतें बदलें।