बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ की समीक्षा बैठक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के जिलाधिकारी भी जुड़े रहे।
मुख्य बिन्दु :
जिलाधिकारियों को हवाई सर्वेक्षण के लिये हेलीकॉप्टर उपलब्ध करायें। हवाई सर्वेक्षण कर जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर आकलन करें, हवाई सर्वेक्षण के दौरान कृषि विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहें। लोगों के रिलिफ के लिए हम सबको काम करना है, उन्हें हर प्रकार से मदद करनी है। सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। समय पर लोगों को सहायता उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करें इसके लिए संवेदनशीलता के साथ काम भी करें। किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है उसका अविलंब में आकलन करें ताकि उन्हें सहायता पहुॅचायी जा सके। राहत शिविरों में कोरोना जांच और टीकाकरण कार्य अवश्य कराएं। जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उनके रहने एवं देखभाल की अलग से व्यवस्था कराएं। अभी कोरोना का दौर भी है और बाढ़ की स्थिति भी है। इसको ध्यान में रखते हुए बचाव एवं राहत कार्य योजनाबद्ध ढंग से करें और आगे के लिए भी पूरी तैयारी रखें।
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बिहार ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण के पश्चात 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर एवं सीतामढ़ी जिले के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान जिलावार प्रखंडों, नदियों की स्थिति की जानकारी दी। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर एवं सीतामढ़ी जिले के जिलाधिकारियों ने जिले में बाढ़ की अद्यतन स्थिति एवं इससे बचाव को लेकर जिले में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जून में पहले कभी इतनी वर्षापात नहीं हुई थी। इस बार अधिक वर्षापात के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। आज हवाई सर्वेक्षण के दौरान हुआ है। वस्तु स्थिति से अवगत हुये। कई जगहों पर पानी का फैलाव है। खेतों में भी पानी फैला। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि जिलाधिकारियों को हवाई सर्वेक्षण के लिये हेलीकॉप्टर उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर आकलन करें। हवाई सर्वेक्षण के दौरान कृषि विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहें। लोगों के रिलिफ के लिए हम सबको काम करना है, उन्हें हर प्रकार से मदद करनी है। हमने शुरु से ही कहा है कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। यह जरुरी है कि समय पर लोगों को सहायता उपलब्ध हो, इसके लिए संवेदनशीलता के साथ काम करें। एक-एक चीज का सही से आकलन होगा तो रिलिफ वर्क में और बेहतर ढंग से हो सकेगा। किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है। इसका ठीक से आकलन करें ताकि उन्हें सहायता पहुॅचायी जा सके। जो राहत कैंप बनाए गए हैं वहां पर कोरोना जांच और टीकाकरण कार्य अवश्य कराएं। जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उनके रहने एवं देखभाल की अलग से व्यवस्था कराएं। अभी कोरोना का दौर भी है और बाढ़ की स्थिति भी है। इसको ध्यान में रखते हुए बचाव एवं राहत कार्य योजनाबद्ध ढंग से करें और आगे के लिए भी पूरी तैयारी रखें।
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बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी तथा पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर एवं सीतामढ़ी जिले के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।