बिहार ब्रेकिंग
कोरोना के बाद देश में ब्लैक फंगस ने काफी दहशत फैला कर रखा है। देश के करीब राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। वहीं देश के मेडिकल वैज्ञानिक भी इसके इलाज की खोज में लगातार प्रयत्नशील हैं। हालांकि अभी भी ब्लैक फंगस लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसका इलाज बहुत जटिल अवश्य है। ब्लैक फंगस के अधिकतर मरीजों को सिर्फ ऑपरेशन के द्वारा ही ठीक किया जाना संभव है। इस मामले में आज राजधानी पटना स्थित आइजीआइएमएस ने एक कीर्तिमान बनाया है और यहां बीस दिन में 104 ब्लैक फंगस के मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मण्डल ने जानकारी देते हुए कहा कि 18 मई से यहां ब्लैक फंगस यानि म्यूकर माईकोसिस के मरीज संस्थान में भर्ती होना शुरू कर दिए थे। यह बीमारी संस्थान के लिए नया था जिसमें आंख, नाक, चेहरे के साइनसेस के साथ दांत और मस्तिष्क के भी ऑपरेशन की जरूरत पड़ रही थी।ऐसे में संस्थान ने बिना देर किए म्युकर विभाग का गठन किया। इस बीमारी को काफी हद तक संस्थान के ईएनटी एचओडी डॉ राकेश कुमार सिंह ने संभाला और स्टेज 1 से लेकर स्टेज 3 के सभी ऑपरेशन में मौजूद रहे।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
चिकित्सा अधीक्षक की मानें तो 18 मई से अब तक संस्थान में 174 मरीज ब्लैक फंगस के एडमिट हुए, जिसमें 56 मरीजों का इंडोस्कोपिक विधि और 44 मरीजों का ओपन सर्जरी विधि द्वारा ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया। ऑपरेशन के बाद कुल 21 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि 28 मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं। वहीं 25 मरीज ऐसे हैं जिनका स्टेज 2 और स्टेज थ्री पर इंफेक्शन पहुंच चुका है। अब संस्थान ऐसे मरीजों की भी सर्जरी की तैयारी में जुट गया है। अस्पताल का लक्ष्य है कि प्रतिदिन 6 से 8 मरीजों का ऑपरेशन किया जा सके ताकि न सिर्फ बैकलॉग खत्म हो बल्कि इंफेक्शन कम करने के लिए मरीजों की सर्जरी कर जान भी बचाई जा सके। इस ऑपरेशन में आईजीआईएमएस के चिकित्सकों के अलावे एनएमसीएच के ईएनटी विभाग के डॉक्टर संजय कुमार, डॉ राजकुमार प्रसाद, डॉ तौसीफुल हक ने भी भरपूर सहयोग दिया जिन्हें निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने विशेष रुप से बधाई दी।