
सेंट्रल डेस्कः समलैंगिक यौनाचार मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। समलैंगिक यौनाचार अपराध है या नहीं इस विषय पर लगातार बहस होती रही है। हांलाकि आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक यौनाचार को अपराध माना गया है लेकिन कोर्ट में दायर याचिकायों के द्वारा इसे चुनौती दी गयी थी जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।धारा 377 की संवैधानिक वैधता को लेकर जुलाई में कोर्ट ने 4 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।सहमति से समलैंगिक यौनाचार को अपराध की श्रेणी में रखने वाली धारा 377 पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ ने 10 जुलाई को सुनवाई शुरू की थी और चार दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने सभी पक्षकारों को अपने-अपने दावों के समर्थन में 20 जुलाई तक लिखित दलीलें पेश करने को कहा था। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस मामले में दो अक्टूबर से पहले ही
फैसला आने की संभावना है, क्योंकि उस दिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
