किसी व्यक्ति के भविष्य निर्माण में और राष्ट्र निर्माण में एक शिक्षक की भूमिका बेहद अहम होती है। इसलिए शिक्षक को राष्ट्र निर्माता और भविष्य निर्माता कहा गया है। भारत के ऐसे कई बड़े राजनेता हैं जिन्होंने इस भूमिका को निभाया है। और उन्होंने अपने जीवन में ‘मास्टर जी’ के किरदार में भी रहे हैं। जी हां भारत के कई दिग्गज राजनेताओं ने एक शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दी है और बच्चों को ज्ञान दिया है।
मायावती
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती एक शिक्षिका रही हैं। मायावती आईएएस अफसर बनना चाहती थी, उनका सपना था कि वे कलेक्टर बनें। इसलिए वो प्रशासनिक सेवा की तैयारी करती थी। मायावती दिन में बच्चों को पढ़ाती और रात में अपनी पढ़ाई करती। बात 1977 की है जब अपने संघर्ष के दिनों में वे बच्चों को पढ़़ाया करती।
राजनाथ सिंह
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और अब भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शिक्षक रहे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री लेने के बाद वे मिर्जापुर केबी पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज में भौतिकी के लेक्चरर बने।
मुरली मनोहर जोशी
बीजेपी के दिग्गज राजनेता मुरली मनोहर जोशी भी शिक्षक थे। जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हिंदी में भौतिकी विज्ञान पढ़ाते थे। मुरली मनोहर जोशी के नाम एक शानदार उपलब्धि दर्ज है। वे प्रथम शोधार्थी हैं जिन्होंने अपना शोधपत्र हिन्दी में प्रस्तुत किया था।
मुलायम सिंह यादव
देश की सियासी नब्ज पर अच्छी पकड़ रखने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी शिक्षक रहे हैं। मुलायम सिंह यादव ने 1963 में जैन इंटर काॅलेज में बतौर अध्यापक अध्यापन कार्य शुरू किया था। इसके 11 साल बाद 1974 में इन्हें प्रोन्नति मिली और ये राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता बने। कमाल की बात यह है कि मुलायम सिंह यादव ने इसी काॅलेज से 1959 में इंटर किया था।
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