बिहार डेस्कः किसी भी व्यक्ति के भविष्य निमार्ण में शिक्षक की भूमिका बेहद अहम होती है। बचपन की उम्र से हीं हमारी शिक्षा-दीक्षा शुरू होती है और हमारे भविष्य निर्माण का दायित्व हमारे शिक्षकों के कंधो पर होता है। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है। आज बेहद खास दिन है। आज शिक्षक दिवस अपने गुरूओं की चरण वंदना का दिन है। अपने जीवन में उनके योगदान के लिए आभार जताने का दिन है। ऐसे में उस व्यक्ति की शिक्षा-दीक्षा और शिक्षक के बारे में जानना जरूरी है जिससे आज देश प्रेरणा लेता है। हम बात कर रहें हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की। नीतीश कुमार के शिक्षकों ने नीतीश कुमार को लेकर जो ख्वाब देखा था वो यही था कि उनका छात्र नीतीश इंजिनियर बनेगा। बख्तियार के सर गणेश हाईस्कूल से अपनी पढ़ाई करने वाले नीतीश कुमार के शिक्षक नंदकिशोर प्रसाद ने एक बार टीवी चैनल इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार बहुत मेघावी छात्र थे। हर विषय में वो पारंगत थे। हमें लगता था कि वो इंजिनियर बनेंगे। तब हमने भी नहीं सोंचा था कि वो बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएंगो।
बख्तियारपुर के सर गनेण उच्च विद्यालय में नीतीश कुमार ने 10वीं तक की पढ़़ाई की। नीतीश कुमार को पढ़ाने वाले शिक्षकों को लगता था कि यह लड़का इंजिनियर बनेगा कोई नहीं जानता था कि नीतीश कुमार एक दिन बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएंेगे। नीतीश कुमार को पढ़ाने वाले टीचर नंदकिशोर प्रसाद सिंह कहते हैं-‘ बहुत मेघावी छात्र थे नीतीश कुमार। हर विषय में पारंगत थे। हम सोचते थे कि वे इंजिनियर बनेंगे कभी नहीं सोचा था कि सीएम बन जाएंगे।
जब लाल बहादुर शास्त्री के निधन की खबर देने आधी रात को अपने शिक्षक के घर पहुंच गये थे नीतीश कुमार
एक रात जब नीतीश कुमार ने रेडियो पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन की खबर सुनी तो आधी रात को अपने शिक्षक नंदकिशोर प्रसाद के घर पहुंच गये इस खबर को देने के लिए।इस घटना का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार के शिक्षक कहते हैं कि यह दिखाता है कि पढ़ाई के दौरान भी राजनीति और राजनीति से जु़ड़ी खबरों के प्रति उनकी कितनी रूची थी।