बिहार ब्रेकिंग
मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. इस साल ये पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नए फल और नए ऋतु के आगमन के लिए मनाया जाता है. जब सूर्य देव मकर राशि पर प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान-धर्म करते हैं. हिंदू धार्मिक मान्यतों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का वध कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था. तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा.
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
वहीं माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि जो मनुष्य इस दिन अपने देह को त्याग देता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ती होती है. गुरुवार को श्रवण नक्षत्र होने से केतु अर्थात् ध्वज योग बनता है. इस योग में सूर्य देव का राशि परिवर्तन शुभ माना गया है लेकिन मकर राशि में ही पहले से शनि और बृहस्पति चल रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन तीनों ग्रहों की तिकड़ी इस वर्ष के पूर्वार्ध में राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल मचा सकती है. मकर राशि में सूर्य के आने पर सभी शुभ कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, मुंडन आरंभ हो जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि 17 जनवरी से गुरु अस्त हो जाएंगे. गुरु अस्त में विवाह, घर और गृहस्थी के कार्य करना अशुभ माना गया है, इसलिए इस बार विवाह मुहूर्त नहीं है.
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. इस दिन श्रवण नक्षत्र में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से ध्वज योग बन रहा है. यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा. इस साल 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर प्रवेश करेंगे. मकर संक्रांति के दिन श्रवण नक्षत्र होने से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन 5 ग्रहों का शुभ संयोग बनेगा जिसमें सूर्य, बुध, चंद्रमा और शनि शामिल हैं, जो कि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं, इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है.
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
इस दौरान पौष माह चल रहा है. मकर संक्रांति पौष माह का प्रमुख पर्व है. इस दिन माघ मास का आरंभ होता है. इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा पाठ स्नान और दान के लिए सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक पुण्य काल रहेगा. मकर संक्रांति पर स्नान के बाद दान करने से लोगों की हर मनोकामना पूरी होगी.
पुण्य काल मुहूर्त- सुबह 08:03 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
महापुण्य काल मुहूर्त- सुबह 08:03 बजे से सुबह 08:27 बजे तक